Saturday, July 27, 2024
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Mirgi Ki Kathin Surgery Se Ki Zindagi Aasaan, Medanta Ke Doctoron Ne 19 Saal Ki Ladki Ko Dilai Mirgi Se Nijaat 

Mirgi Ki Kathin Surgery Se Ki Zindagi Aasaan

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बचपन से पड़ रहे थे मिर्गी के दौरे मेदान्ता लखनऊ के डॉक्टरों ने कठिन सर्जरी से की जिन्दगी आसान

लखनऊ, 8 फरवरी 2021: वर्ल्ड एपिलेप्सी डे के ठीक पहले मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के डॉक्टरों की टीम ने एक 19 वर्षीया किशोरी को मिर्गी के दौरों से निजात दिला दी। Mirgi Ki Kathin Surgery

मरीज कितने समय से थी मिर्गी दौरे से पीड़ित

मिर्गी से पीड़ित किशोरी का सफल ऑपरेशन करने वाले मेदांता में इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरो साइंसेज में एसोसिएट डायरेक्टर न्यूरो सर्जरी, डॉ रवि शंकर ने बताया कि, “मरीज़ बचपन से ही मिर्गी से पीड़ित थी।

अक्सर पड़ने वाले मिर्गी के दौरों का प्रभाव उसके शरीर और मन, मस्तिष्क पर बहुत नकरात्मक पड़ा था। उसे दवाइयों के सहारे अपना जीवन व्यतीत करना पड़ रहा था।

वह बार-बार बेहोश होने और गिरने की परेशानी से जूझ रही थी। इसके चलते किसी न किसी परिजन को उसकी निगरानी करनी पडती थी। यह मरीज और परिवार दोनों के लिए बहुत कष्टकारी दौर रहा। Mirgi Ki Kathin Surgery

मिर्गी दौरे से जुड़ी अज्ञानता से रहें दूर

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मिर्गी के मरीज के परिजन अज्ञानता की वजह से मिर्गी से जुडी भ्रांतियों पर आँख मूँद कर विश्वास कर लेते हैं और सही इलाज न करा कई बार बाबाओं और तांत्रिकों के चक्कर में फंस जाते हैं। ऐसे में मरीज न केवल शारीरिक और मानसिक यंत्रणा से गुजरता है बल्कि कई बार वह समाज से पूर्णतया अलग-थलग पड़ जाता है।

दूसरे देशों के मुक़ाबले भारत में अधिक हैं मिर्गी के मरीज
Mirgi Ki Kathin Surgery

मेदांता लखनऊ के इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोसइनेस के न्यूरोलॉजी डायरेक्टर, डॉ अनूप कुमार ठक्कर ने मिर्गी के रोगियों के बारे में बताते हुए कहा कि, “दुनिया भर में मिर्गी के जितने मरीज हैं उनमें से करीब 16 फीसदी मरीज अकेले भारत में हैं।

दुनिया भर में मिर्गी के मरीजों की संख्या लगभग सात करोड़ हैं और उनमें से तकरीबन सवा करोड़ अकेले भारत में हैं। इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद सही जानकारी न होने के चलते मिर्गी के ज्यादार मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पाता।

90 फीसदी मिर्गी के मर्रेजों का इलाज सही दवाइयों से हो जाता है लेकिन 10 फीसदी मरीजों को सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। सर्जरी के लिए भी काफी उन्नत किस्म की विशेषज्ञता और उपकरणों की आवश्यकता पडती है। सर्जरी के बाद मरीज को दवाइयां लेने की जरूरत ना के बराबर या बिलकुल भी नहीं रह जाती।” Mirgi Ki Kathin Surgery

मिर्गी के दौरान ये सावधानियाँ बरतना है ज़रूरी
Mirgi Ki Kathin Surgery

मेदांता लखनऊ के इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोसइनेस के सीनियर कंसलटेंट, डॉ ऋत्विज बिहारी ने मिर्गी के रोगियों के साथ बरती जाने वाले सावधानियों के बारे में बताते हुए कहा कि, “जब मरीज को दौरा पड़ रहा हो तो उसके हाथ-पैर को पकड़ने की कोशिश बिलकुल न करें क्योंकि दौरे के समय लगने वाले झटके बहुत शक्तिशाली होते हैं और ऐसे में हाथ-पैर पकड़ कर झटके रोकने की कोशिश में मरीज़ को चोट लग सकती है।

दौरे के समय मरीज़ को करवट के बल लिटा दें, इससे मुंह में जो झाग बन रहा है वो सीधे बाहर गिरेगा और सांस की नाली जा कर खतरा नहीं पैदा करने पाएगा। Mirgi Ki Kathin Surgery

दौरे के समय मरीज अपना जबड़ा भीं चबाने लगता है, इसलिए कोई सुरक्षित चीज  उसके दांतों के बीच रख दें ताकि मरीज़ अपनी जुबान को क्षति न पहुंचाने पाए। भूलकर भी मरीज को जूते, चप्पल सूंघने जैसे उपाय न करें।

दौरे के समय मरीज कुछ भी निगलने की स्थिति में नहीं होता, इसलिए ज़बरदस्ती उसके मुंह में दवा या पानी डालने की ज़बरदस्ती न करें। दौरा रुकते ही मरीज को फौरान डॉक्टर के पास ले जाएं। Mirgi Ki Kathin Surgery

भारत देश में कितने मिर्गी चिकित्सा संस्थान हैं

डॉ रवि शंकर ने बताया कि पुरे देश में कुछ ही चिकित्सा संस्थानो में ये सुविधा उपलब्ध हैं। इनमे से एक मेदांता लखनऊ है। मेदांता ग्रुप के सीएमडी डॉ नरेश त्रेहन, मेदांता लखनऊ के डायरेक्टर डॉ राकेश कपूर का उन पर उनकी टीम पर भरोसा जताने, निरंतर उत्साहवर्धन और प्रेरणा स्रोत बने रहने के लिए आभार व्यक्त किया।

डॉक्टर ने किया टीम का धन्यवाद
Mirgi Ki Kathin Surgery

उन्होंने इस सफल सर्जरी के लिए न्यूरोलोजी विभाग की अपनी टीम में शामिल डॉ ए के ठक्कर, डॉ प्रमोद, डॉ सतीश, डॉ अमितेश, डॉ शैलेश सहित सर्जरी में सहयोग करने वाले पैरा-मेडिक स्टाफ और ओटी टेक्नी शियंस को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि एपिलेप्सी यानि मिर्गी की सर्जरी एक जटिल प्रक्रिया है और एक संगठित और कुशल टीम ही इसको सफलता पूर्वक अंजाम दे सकती है और उनके सीनियर्स और जूनियर्स ने इस टीम वर्क को बखूबी निभाया और मरीज को एक नई जिन्दगी दी है।

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