एकनाथ शिंदे और अजित पवार साथ, फिर राज ठाकरे को क्यों ला रही भाजपा

भाजपा ने बिहार, यूपी और तमिलनाडु समेत कई बड़े राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा कर लिया है। लेकिन अब तक 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में समझौता नहीं हो पाया। इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे भी दिल्ली पहुंच गए हैं और यहां वह भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि राज ठाकरे को साथ लाकर दक्षिण मुंबई की सीट को साधने की तैयारी है। इस सीट से अरविंद सावंत लगातार सांसद चुने जाते रहे हैं। उनकी एक मराठा नेता की इमेज है और उनके मुकाबले भाजपा के पास कोई बेहतर कैंडिडेट नहीं दिखता।

उन्होंने 2019 के आम चुनाव में मिलिंद देवड़ा को हराकर जीत हासिल की थी। इसके अलावा 2014 में भी वह जीते थे। अब मिलिंद देवड़ा कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे खेमे की शिवसेना में चले गए हैं। भाजपा की कोशिश है कि दक्षिण मुंबई सीट गठबंधन में उसे मिल जाए और वहां से किसी मजबूत मराठा नेता को उतारा जाए। दक्षिण मुंबई वह क्षेत्र है, जहां राज ठाकरे का भी प्रभाव है। ऐसे में यह सीट उन्हें ही मिल सकती है और उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर चुनाव लड़ सकते हैं। बाला नंदगांवकर की छवि एक मजबूत मराठा नेता की है।

उद्धव ठाकरे के प्रभाव वाले क्षेत्र में बनेगा दबाव

इसके अलावा पूरे मुंबई और आसपास के इलाके में भाजपा को ताकत मिलेगी। इसकी वजह यह है कि मनसे का भी एक प्रभाव क्षेत्र रहा है। 2009 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में तो एमएनएस के करीब 5.5 फीसदी वोट आए थे। 2014 के बाद से यह कम होता दिखा है, लेकिन इसकी वजह भाजपा की उभरती शक्ति है। लेकिन अब जो वोट बैंक बचा भी है, वह यदि भाजपा के साथ आता है तो एक और एक ग्यारह जैसी स्थिति होगी। इसके अलावा भाजपा की रणनीति यह भी है कि अजित पवार और एकनाथ शिंदे गुट पर भी दबाव बनाकर रखा जाए। यही नहीं उद्धव ठाकरे के प्रभाव वाले क्षेत्र से महाराष्ट्र नवनिर्माण को मौका देकर उन पर भी दबाव बनाने की कोशिश होगी।

राज ठाकरे की अमित शाह से होगी मुलाकात

भाजपा सूत्रों का तो कहना है कि राज ठाकरे की अमित शाह से मुलाकात होगी। इस मीटिंग में देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद होंगे। इसी दौरान समझौता हो सकता है। बता दें कि राज ठाकरे भी बीते कई सालों से लगातार राजनीतिक नेपथ्य में हैं। उनका एक वोट बैंक तो है, लेकिन अकेले दम पर वह कोई चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में यदि एक सीट भी भाजपा के साथ जाने पर मिलती है तो महाराष्ट्र नवनिर्माण के लिए बड़ी सफलता होगी।

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सुकेश चंद्रशेखर ने तिहाड़ से लिखा पत्र कहा फिल्म अभी बाकी, अब केजरीवाल की बारी

दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी की टीम ने बीते दिनों तेलंगाना की बी आर एस नेता के कविता को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें एक हफ्ते की रिमांड पर भेज दिया गया है। इस बीच तिहाड़ जेल में बंद महा ठग सुकेश चंद्रशेखर ने पत्र लिखकर बी आर एस नेता के कविता पर निशाना साधा है। सुकेश चंद्रशेखर ने अपने पत्र में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी बड़ा हमला करते हुए कहा है कि केजरीवाल भी जल्द तिहाड़ जेल आएंगे। आइए जानते हैं कि महा ठग सुकेश चंद्रशेखर ने इस बारे में और क्या-क्या कहा है।

सच्चाई की जीत हुई है

महा ठग सुकेश चंद्रशेखर ने अपने पत्र में बी आर एस नेता के कविता पर निशाना साधते हुए लिखा है कि सच्चाई की जीत हुई है, फर्जी मामले, फर्जी आरोप कहने का नाटक विफल हो गया है। आपके सभी कर्म आपके पास वापस आ रहे हैं। अब आपको सत्य की शक्ति का सामना करना है। महा ठग सुकेश चंद्रशेखर ने बी आर एस के. कविता से कहा कि आपने हमेशा सोचा कि आप अजेय हैं लेकिन आप इस नए भारत को भूल गए। कानून पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और शक्तिशाली है। महा ठग सुकेश चंद्रशेखर ने कहा कि बीते 1 साल में बीआरएस तेलंगाना की सत्ता से बाहर हो गई है और के कविता की गिरफ्तारी व तिहाड़ क्लब का हिस्सा बनने के लिए उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है।

अरविन्द केजरीवाल भी बेनकाब होने जा रहे- सुकेश चंद्रशेखर

महा ठग सुकेश चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि के कविता की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी बेनकाब होने जा रहे हैं। सुकेश ने कविता को सलाह देते हुए कहा कि आपको एक ईमानदारी की सलाह है ये है कि अब भी सब कुछ छिपाने और इस घोटाले के सरगना और गॉडफादर अरविंद केजरीवाल को बचाने की कोशिश करने से कोई फायदा नहीं है। अब आपके सारे भ्रष्टाचार को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। सुकेश ने कहा कि वह कविता का सबसे महान तिहाड़ क्लब में आपका स्वागत करता हूं।

झूठ और नाटक का क्लाइमैक्स है- सुकेश चंद्रशेखर

सुकेश चंद्रशेखर ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि के कविता के तिहाड़ में लंबे प्रवास के लिए केजरीवाल ने सब कुछ व्यवस्थित किया है। सुकेश ने आगे कहा- मेरे प्रिय केजरीवाल जी, अगले आप हैं, चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें, अब सब खत्म हो गया है। अब यहाँ आपके सभी झूठ और नाटक का क्लाइमैक्स है। अब अपने सभी भाइयों और बहनों के पास अपने ही तिहाड़ क्लब में आएं, मेरे प्यारे केजरीवाल जी।”

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7 चरणों में होंगे लोकसभा के चुनाव, 19 अप्रैल शुरू होगी वोटिंग और 4 जून को नतीजे

लोकसभा के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) ने चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। चुनाव आयोग ने सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने का ऐलान किया। 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज की वोटिंग एक जून को होगी। वहीं 4 जून को नतीजे आएंगे। आयोग कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम और खाली हुई उपचुनाव की सीटों पर भी चुनावों का ऐलान किया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, “यह हम लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। 2024 दुनिया के लिए भी चुनावों का साल है। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। लोकतंत्र के रंग यहां उभरते हैं और सभी हिस्सों का इसमें समावेश होता है। हमारा वादा है कि हम चुनाव इस तरह कराएंगे जो देश की चमक को बढ़ाएगा। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होना बाकी हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त बताई मतदाताओं की कुल संख्या

हमने पिछले एक साल में नए वोटरों को जोड़ने पर बहुत मेहनत की है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाता होंगे। 20 से 29 साल उम्र के 19.74 करोड़ मतदाता होंगे। 82 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है। हमारे पास 97 करोड़ मतदाता हैं। यह संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा है। हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों के पास होती है। 55 लाख ईवीएम हैं। चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है। पिछले 11 चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं। अदालती मुकदमे भी कम हुए हैं।

16 जून को खत्म हो रहा है 17वीं लोकसभा का कार्यकाल

17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2014 को खत्म होने वाला है। उससे पहले नई सरकार का गठन कर लिया जाना है। देश में लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं और किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 272 सीटों के बहुमत की जरूरत होती है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में मतदान हुए थे और 23 मई को परिणामों की घोषणा की गई थी।

लोकसभा चुनाव में चुनौतियों से निपटना होगा

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कि देश भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए कड़े इंतजाम किये गये हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में हर हाल में हिंसा को रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सामने चार प्रकार की चुनौतियां हैं, मसल्स, मनी, मिस इंफॉर्मेशन और एमसीसी यानी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, इनसे निपटने की व्यवस्था की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव में धन बल पर कड़ी निगाह होगी। सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन से नजर रखी जाएगी।

नए मतदाताओं में 85 लाख महिलाएं

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि महिला मतदाताओं को जोड़ने में भी हमने मेहनत की है। देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हो गई है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाताओं में 85 लाख तो महिला मतदाता हैं। 17 से ज्यादा उम्र के 13.4 लाख नए मतदाताओं की अग्रिम अर्जियां हमारे पास आ चुकी हैं। ये ऐसे वोटर होंगे, जो 1 अप्रैल को 18 साल की उम्र पूरी कर लेंगे।

नेताओं का बाहुबल-धनबल काम नहीं आएगा

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव में हिंसा कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इस बार नया प्रयोग किया जा रहा है। जो भी हमें सख्ती से करना होगा, हम करेंगे। हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। वहां टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, 1950 हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल होगा। इस पर निगरानी के लिए हर जिले के ऐसे कंट्रोल रूम में एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जहां भी शिकायत मिलेगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी। जिन लोगों के पास गैर जमानती वॉरंट हैं और जो हिस्ट्रीशीटर्स हैं, उन पर देशभर में कार्रवाई की जा रही है।

जो लोग तीन साल से किसी एक जिले में पदस्थ हैं, उन्हें बदलने को कहा गया है। जहां भी वॉलंटियर और अनुबंध पर लोग काम कर रहे हैं, उन्हें चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। कुछ राज्यों में धन का उपयोग ज्यादा है। हम इससे भी निपट रहे हैं। पिछले 11 चुनाव में 3,400 करोड़ रुपये की नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोका गया है।

2017-18 के मुकाबले 2022-23 में ऐसे धन की जब्ती में 835 फीसदी का इजाफा हुआ है। शराब, कैश, कुकर, साड़ी बांटने जैसे तरीकों को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। बैंक भी यह देखेंगे कि कहीं अचानक से नकदी की मांग में इजाफा तो नहीं हो रहा।

पहला चरण

मतदान: 19 अप्रैल

राज्य: 21

लोकसभा सीटें: 102

दूसरे चरण 

मतदान: 26 अप्रैल

राज्य: 13

लोकसभा सीटें: 89

तीसरे चरण 

मतदान: 7 मई

राज्य: 12

लोकसभा सीटें:  94

चौथा चरण 

मतदान: 13 मई

राज्य: 10

लोकसभा सीटें: 96

पांचवां चरण

मतदान: 20 मई

राज्य: 8

लोकसभा सीटें: 49

छठा चरण

मतदान: 25 मई

राज्य: 7

लोकसभा सीटें: 57

सातवां चरण

मतदान: 1 जून

राज्य: 8

लोकसभा सीटें: 57

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क्‍या है चुनाव आचार संहिता ? क्या क्या रहेगी पाबंदी ? आइये जानें नियम और इनकी शर्तें

हो सकता है कि आज लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान होने वाला है। दोपहर तीन बजे चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा जिसमें चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। खबर है कि इस बार लोकसभा चुनाव सात से आठ चरण में हो सकते हैं। लोकसभा के साथ-साथ ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के विधानसभा के भी चुनाव कराए जाएंगे तो आज इन चुनावों की तारीखों का भी ऐलान होगा। पिछली बार अप्रैल-मई में चुनाव हुए थे, इस बार भी इसी दौरान चुनाव होंगे।

2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी जिसका मतलब चुनाव आयोग के वो निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर चुनाव लड़ने वाली पार्टी को करना होता है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही वहां चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती हैं। चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, सभी चुनाव आचार संहिता के दायरे में आती हैं।

क्या होती है आदर्श आचार संहिता ?

जब भी चुनाव आयोग की ओर से चुनाव का आयोजन किया जाता है, तो इससे पहले से ही आदर्श चुनाव संहिता को लागू किया जाता है, जिसकी मदद से चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से हो सके। इसके तहत कुछ नियमों को तय किया जाता है, जिसका चुनावी प्रक्रिया के दौरान संबंधित राजनीतिक पार्टियों को पालन करना होता है। चुनाव आचार संहिता को चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू कर दिया जाता है और यह चुनाव समापन तक जारी रहती है।

चुनाव आचार संहिता का पालन नहीं करने पर क्या होता है ?

यदि कोई राजनीतिक दल या फिर राजनीतिक दल का कोई प्रत्याशी आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करता है, तो उस पर चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की जाती है। उदाहरण के तौर पर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। यदि जरूरत पड़े तो आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है, वहीं नियमों के उल्लंघन पर जेल भी जाना पड़ सकता है।

राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम :

>> सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।

>> सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें।

>> दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉं निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।

>> सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।

सत्ताधारी दल के लिए नियम :

>> कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।

>> मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें।

>> इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।

>> सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।

>> हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।

>> विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।

>> इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा।

>> सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।

>> मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों।

>> कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे।

>> स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी।

अधिकारियों के लिए नियम :

>> शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।

>> मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।

>> चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।

>> जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।

>> राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।

सामान्य नियम :

>> कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।

>> राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।

>> धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

>>  मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।

>> किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।

>> किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।

>> राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों।

जुलूस संबंधी क्या है नियम ?

>> जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें।

>> जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो।

>> राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।

>> जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।

>> जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।

मतदान के दिन संबंधी नियम :

>> अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।

>> मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।

>> इस मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।

>> मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं। कैम्प साधारण होने चाहिए।

>> वाहन चलाने के लिए उसका परमिट प्राप्त करें।

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लोकसभा चुनाव तारीखों का एलान कल , कई राज्यों में साथ हो सकते विधानसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव 2024 का इंतज़ार ख़त्म होने वाला है। चुनाव आयोग ने शनिवार (16 मार्च) को दोपहर तीन बजे आम चुनाव की तारीख़ जारी करने का एलान किया है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश , ओडिशा , सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी एलान करेगा। इसकी चुनाव आयोग के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी।

आयोग की घोषणा के साथ ही पुरे देश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके बाद सरकार कोई भी नई घोषणाएं नहीं कर सकेंगी। हालाँकि पहले से जारी विकास कार्यों को पूरा किया जा सकेगा। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि , 543 सीटों के लिए 2024 का आम चुनाव 7 या 8 फेज में हो सकता हैं।

शनिवार को नवनिुयुक्त चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेंगे। एक दिन पहले ही दो चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू की नियुक्ति गई है। दोनों ने शुक्रवार (15 मार्च) को पदभार संभाला है। इसके बाद आज ही CEC राजीव कुमार समेत तीनों अधिकारियों ने आम चुनाव को लेकर एक अहम बैठक की थी। बैठक में लोकसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस दौरान दोनों चुनाव आयुक्तों ने CEC के साथ चुनाव कार्यक्रम को निर्णायक रूप देने पर मंथन किया।

2019 में सात चरणों में लोकसभा चुनाव

2019 में हुए लोकसभा चुनाव को साथ चरणों में किया गया था। 10 मार्च को तारीखों का एलान किया गया था वहीँ 11 अप्रैल से 19 मई तक चुनाव कराए गए थे। चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित किये थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 303 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस पार्टी महज़ 52 सीटों में सिमट गयी थी।

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रोवर्स-रेंजर्स को निबंध व विभिन्न प्रतियोगिताओं में मिला प्रथम स्थान

लखनऊ (सं)। तीसवें प्रादेशिक रोवर्स-रेंजर्स समागम-2024 का आयोजन दिगम्बर जैन कॉलेज बड़ोत (बागपत) में हुआ। प्राचार्य देवेन्द्र कुमार सिंह के निर्देशन में पहली बार इस समागम में लविवि की तरफ से नेशनल पीजी कॉलेज की प्रादेशिक 29 रोवर्स-रेंजर्स शामिल हुए।

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रादेशिक मुख्य आयुक्त, भारत स्काउट और गाइड रहे। विभिन्न प्रतियोगिताओं में रोवर्स-रेंजर्स ने निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। तीन दिवसीय इस समागम में सेंड स्टोरी, किम्स गेम, कलर पार्टी, गणवेश ,क्रू काउंसलिंग, प्राथमिक-चिकित्सा, क्विज, निबंध प्रतियोगिताएं हुई।

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इनमें भी रोवर्स रेंजर्स ने प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस समागम में विभिन्न प्रदेशों की 17 टीमों ने भाग लिया। इस समागम को दिगंबर जैन कॉलेज ,बड़ौत द्वारा संचालित कराया गया।

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केंद्र सरकार ने की ‘वन नेशन , वन इलेक्शन’ की सिफारिश , जानिए रिपोर्ट में क्या है ?

लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने के मुद्दे पर लंबे समय से बहस चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका समर्थन किया और इसे बढ़ावा दिया। इसके लिए एक कमेटी की गई। जो ‘वन नेशन , वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) को लेकर रिसर्च कर रही। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (One Nation, One Election) को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय कमिटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कौ सौंप दी है। पूर्व राष्ट्रपति की कमेटी ने 18000 पन्नो से अधिक की रिपोर्ट सौंपी है जिसमें लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक ही मतदाता सूची बनाने के लिए कहा गया है।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ रिपोर्ट में की गई सिफारिश

कमेटी ने 191 दिन की रिसर्च के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक , कोविंद कमेटी की ओर से साल 2029 में देश में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। इसके लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है। जिसमें लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक मतदाता सूची रखने की बात भी सामने आई है। वहीं एक चुनाव के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश की भी संभावना है।

रिपोर्ट के अनुसार , पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। वहीं दूसरे चरण में 100 दिन के अंदर ही स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी। जिसमें से 32 पक्ष में है , जबकि 15 ने विपक्ष में मत रखा है।

कमेटी में कितने लोग है शामिल

केंद्र सरकार ने 2 सितम्बर , 2023 को ‘वन नेशन , वन इलेक्शन’ कमेटी का गठन किया था। इसमें गृह मंत्री सहित सात सदस्य बनाए गए थे। कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं। इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा गुलाम नबी आजाद , फाइनेंस कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह , लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल सुभाष कश्यप , सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल हैं। वहीं ,
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं। आपको बता दें , ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर 1983 में चुनाव आयोग की ओर से ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का सुझाव दिया गया था।

क्या होता है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का मतलब है कि लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाए। इस मुद्दे पर लम्बे समय से बेहेस चल रही है और अब फिरसे यह मुद्दा सुर्ख़ियों में है। ‘एक देश, एक चुनाव’ के समर्थन और विरोध में कई तर्क दिए जाते है।

बताते चलें कि ,’एक देश, एक चुनाव’ कोई नया प्रयोग नहीं है। आजादी के बाद देश में पहली बार 1951 ,1952 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ कराए गए थे। लेकिन फिर यह सिलसिला 1968-69 टूटा। जब कुछ राज्यों की विधानसभाएं कई कारणों से समय से पहले भंग कर दी गई थी। वहीं 1971 में लोकसभा चुनाव समय से पहले हुए थे।

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एसबीआई ने चुनाव आयोग को दी जानकारी, क्या हो पायेगा बड़ा खुलासा ?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनाव अयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित दस्तावेज और आंकड़ा पेश कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक बैंक ने दानकर्ता, बॉन्ड नंबर और किस राजनीतिक दल द्वारा अब तक बॉन्ड भुनाए गए, इसके ब्योरे से संबंधित सभी दस्तावेज आयोग को मुहैया कराए। चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम 5 बजे तक चुनावी बॉन्ड की जानकारी पोर्टल पर सार्वजनिक करनी है।

सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई दी थी सख्त चेतावनी

आपको बता दे एसबीआई को 12 मार्च तक ब्योरा सौंपने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि आदेश का अनुपालन नहीं होने पर एसबीआई अदालत की अवमानना की कार्यवाही झेलेगा। एसबीआई ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्त में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया और निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया।

एसबीआई ने चुनाव आयोग को दी जानकारी
एसबीआई ने चुनाव आयोग को दी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की एसबीआई की याचिका

एसबीआई ने विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बैंक की याचिका खारिज कर दी और उसे मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने तक सभी विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि उसे इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। किसी पार्टी को कितना बॉन्ड मिला, ये जानकारी आयोग को बतानी होगी। जानकारी साझा करने के बाद लोगों को अब इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों के नामों का पता चलेगा। किसने कितने का बॉन्ड खरीदा, ये सब जानकारी सार्वजनिक होगी। सवाल ये भी उठता है कि किस राजनीतिक दल को कितना बॉन्ड मिला, क्या इसकी भी जानकारी सामने आएगी।

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सीएए नोटिफिकेशन हुआ जारी, गैर मुस्लिम शरणार्थियों को अब मिलेगी नागरिकता

लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी। सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना अब शुरू कर देगी।

गृह मंत्रालय ने तैयार किया पोर्टल

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा।

सीएए नियमों के तहत किसे मिलेगी नागरिकता ?

सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों – को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। गौरतलब है कि सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी और आज इसका नोटिफिकेशन जारी करके इसे देशभर में लागू कर दिया गया है।

चुनाव ध्रुवीकरण के लिए सीएए नोटिफिकेशन – जयराम रमेश

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये भी लिखा, “नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में, यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।

ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे नागरिकता आवेदन

गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा, गृह मंत्रालय आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए-2019) के तहत नियमों को अधिसूचित करेगा। नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे, जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।

राम मंदिर का फायदा नहीं हुआ, इसलिए सीएए लाए

संजय राउत ने कहा चुनाव है, बीजेपी को राम मंदिर का कोई फायदा नहीं हो रहा है। राम मंदिर करके देख लिया, लेकिन राम लहर नहीं आई। यह सीएए लहर ला रहे हैं। यह लोग कुछ भी कर लें, लेकिन मोदी फिर पीएम नहीं बनेंगे। 5 साल आपकी सरकार थी, तब आपने इसे क्यों नहीं किया। संजय राउत ने सीएए नोटिफिकेशन पर कहा है, “सब कर हिंदू मुसलमान करेंगे, भारत बांग्लादेश करेंगे, भारत-पाकिस्तान करेंगे। यह खेल उनका चल रहा है, 370 हटाया क्या हुआ क्या कश्मीरी पंडित आ गए क्या ? Pok आ गया क्या ? लद्दाख में चीन घुस गया। क्या किया उसका ? अब जब तक चुनाव है यह सीएए खेलते रहेंगे।

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Electoral Bond Case : SBI की याचिका ख़ारिज , जाने क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 मार्च, 2024) को सर्वोच्च अदालत इलेक्टोरल बॉन्ड केस में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को जमकर फटकार लगाई। सर्वोच्च अदालत ने इस दौरान न सिर्फ एसबीआई का आवेदन खारिज कर दिया बल्कि कड़े शब्दों में चेताया कि अगर 12 मार्च 2024 तक उसे बैंक की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल नहीं दी गई तो देश की सबसे बड़ी अदालत उसके खिलाफ अवमानना का केस चलाएगी।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “SBI ने कहा कि कैश कराने वाले की जानकारी भी अलग से रखी है। दोनों को मिलाना कठिन है। 22 हजार से अधिक चुनावी बॉन्ड साल 2019 से 2024 के बीच खरीदे गए। 2 सेट्स में आंकड़े होने के चलते कुल आंकड़ा 44 हजार से अधिक है। ऐसे में उसके मिलान में समय लगेगा। हम एसबीआई का आवेदन खारिज कर रहे हैं. कल यानी 12 मार्च तक आंकड़ा दे दें, जबकि चुनाव आयोग 15 मार्च, 2024 तक उसे प्रकाशित करे।

हम अभी SBI पर अवमानना की कार्रवाई नहीं कर रहे पर अब पालन नहीं किया तो अवमानना का मुकदमा चलाएंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। बैंक की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे पेश हुए।

बैंक वकील की मांग

हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया है कि , बैंक को जानकारी जुटाने के लिए और समय की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए मामले की संवेदनशीलता का हवाला दिया और पूरी प्रक्रिया में नाम नहीं होने की बात कही। उन्होंने बताया कि डोनर की जानकारी को बैंक की तय शाखाओं में सील बंद लिफाफे में रखा जाता है। उन्होंने कहा, ‘हमें आदेश का पालन करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए। हम जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं और हमें इसके लिए पूरी प्रक्रिया को रिवर्स करना पड़ रहा है। एक बैंक के तौर पर हमें इस प्रक्रिया को गुप्त रखने के लिए कहा गया था।’

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सीजेआई ने SBI की याचिका पढ़ते हुए कहा, आवेदन में आपने (SBI) कहा है कि सभी जानकारी सील करके एसबीआई की मुंबई मुख्य शाखा भेज दी गई. मुख्य शाखा में भुगतान की पर्चियां भी भेजी गईं. यानी दोनों विवरण मुंबई में ही हैं. लेकिन, हमने जानकारी का मिलान करने का निर्देश नहीं दिया था.हम तो सिर्फ यह चाहते थे कि एसबीआई डोनर्स की स्पष्ट जानकारी दे.’ FAQ में भी दिखाया गया है कि हर खरीद के लिए एक अलग केवाईसी है. CJI ने पूछा- जब फैसला 15 फरवरी को सुनाया गया था और आज 11 मार्च हो गया है। अब तक फैसले का अनुपालन क्यों नहीं किया गया?

ADR ने क्यों दायर की याचिका

सर्वोच्च अदालत की पांच सदस्यीय बेंच ने 15 फरवरी को अपने फैसले में राजनितिक दलों को चंदा देने की योजना (इलेक्टोरल बॉन्ड) को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। इलेक्टोरल बॉन्ड से सबंधित सभी विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग के पास नहीं जमा करने पर असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एसबीआई के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी।

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अखिलेश यादव का अपने बागी विधायकों पर बड़ा आरोप …. मिला फ्लैट और विला

27 फरवरी को उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हुए। इन चुनावों में आठ उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी के जीते और 2 उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के विजय हुए। इन चुनावों में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई और इसका नुकसान समजवादी पार्टी को हुआ। उनका एक उम्मीदवार चुनाव हार गया। क्रॉस वोटिंग करने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक थे। अब इस पूरे प्रकरण पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का दर्द छलका है।

प्रदेश का युवा और किसान परेशान

सपा प्रमुख ने कहा कि आज प्रदेश का युवा और किसान परेशान है। परीक्षाएं आयोजित नहीं हो रही हैं और जो हो रही हैं, उनके पेपर लीक हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पेपर लीक खुद सरकार कराती है, जिससे उन्हें युवाओं को नौकरी ना देनी पड़े और वह बेरोजगार होकर सड़कों पर घूमता रहे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। युवा बीजेपी की चाल को समझ चुका है और आगामी लोकसभा चुनावों में इसका जवाब देगा।

बागी विधायकों को दिए गए फ्लैट और विला- अखिलेश यादव

27 फरवरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि हमने यह देखने के लिए तीसरा उम्मीदवार उतारा था कि कौन हमारे साथ है और कौन हमारे खिलाफ। अब पूरी स्थिति साफ़ हो गई है। अब हम इस हिसाब से आगे की रणनीति बनाएंगे। वहीं अब अखिलेश यादव ने बीजेपी और अपने बागी विधायकों पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को वोट देने वाले सपा विधायकों को फ्लैट और विला मिला है।

इसकी अभी वो रजिस्ट्री नहीं करा रहे – अखिलेश यादव

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इन विधायकों को फ्लैट को विला दिए गए हैं। हालांकि इसकी अभी वो रजिस्ट्री नहीं करा रहे हैं। वो रजिस्ट्री दो साल बाद कराएंगे, क्योंकि अगर वह अभी कराते हैं तो पकडे जाएंगे। इसके साथ ही कई विधायकों को मंत्री बनाने का भी लालच दिया गया है। उन्होंने कहा कि सपा के विधायकों को तोड़ने वाले में एक उपमुख्यमंत्री हैं और स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे हैं। वो अच्छा काम नहीं कर पा रहे हैं तो सपा से गए विधायकों को मंत्रालय सौंप दें।

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आखिर कैसे आया शेख शाहजहां ईडी की रडार पर ? फसे टीएमसी के कई नेता

पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले में ईडी की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। टीएमसी नेता शेख शाहजहां कैसे ईडी की रडार पर आया ? इस बारे में भी हम आपको बताएंगे कि ईडी को मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला था कि पश्चिम बंगाल में लगभग दो करोड़ राशन कार्ड फर्जी है। बायोमेट्रिक जांच से इसका खुलासा हुआ। राशन घोटाले में पहली बार बकीबूर रहमान ईडी के निशाने पर आया। ईडी को पता चला था कि पीडीएस स्कीम का कुछ राशन प्राइवेट लोगों को मिला है। जब जांच की गई तो पता चला कि कि ये राशन बकीबूर रहमान की मिल से आया था। रहमान की दो बीवियां हैं,जिनमे से दूसरी बीवी का भाई मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक के पास अरदली लगाया गया था। उसके नाम से भी कई बोगस कम्पनी बनाई गई थी।

बढ़ सकती है ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें

अब सवाल ये कि क्या ज्योतिप्रिया मल्लिक सिर्फ एक मोहरा हैं। क्या ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी ? मंत्री ज्योतिप्रिया सीएम ममता को रिपोर्ट करते थे। वहीं ज्योतिप्रिया से जुड़े बाहुबली नेता शेख शाहजहां की अभिषेक बनर्जी से नजदीकियां किसी से छुपी नहीं है। यही कारण है कि ईडी की जांच का दायरा जैसे जैसे बढ़ रहा है। वैसे वैसे ममता और उनके भतीजे की दिक्कतें भी बढ़ने वाली हैं।

गरीबों का राशन मिल मालिकों तक पहुंचा

ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक गरीब किसानों का अनाज और गरीब लोगों का राशन बिचौलियों के जरिए बड़ी मात्रा में मिल मालिकों तक पहुंचा। करोड़ों हजार रूपए की कमाई हुई और इसका एक बड़ा हिस्सा मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक तक पहुंचा। ईडी सूत्रों का कहना है कि बिना राज्य सरकार की मिलीभगत के ये संभव नहीं था।

आखिर कैसे बनते है शेख शाहजहां जैसे लोग 

ईडी सूत्रों का कहना है कि जो पैसा मिल मालिकों के जरिए मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक तक पहुंचता था,वो पैसा शेख शाहजहां और शंकर आद्या जैसे लोगों तक पहुंचाया जाता था। फिर वो इस पैसे को आगे इन्वेस्ट करते थे। शेख शाहजहां ने अपने इलाके में बड़ी मार्केट बनवाई। फिशिंग के लिए बड़े तालाब बनवाए और इस पैसे से और भी पैसा बनाया। ये पैसा वापस मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक और पश्चिम बंगाल सरकार में टॉप लेवल तक पहुंचा।

शेख शाहजहां ने इसकी एवज में तृणमूल सरकार को सरबरिया और बांग्लादेश बॉर्डर से लगते बड़े इलाके का वोट बैंक भी दिया। शेख शाहजहां ने अपनी छवि इलाके में रॉबिनहुड की बनाई, क्योंकि इस इलाके में ज्यादातर आबादी गरीब मुसलमानों की है। वही शंकर आद्या फॉरेक्स कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपया विदेश खासकर दुबई पहुंचाया। पैसा या तो सीधा दुबई पहुंचा या फिर बांग्लादेश के रास्ते।

आखिर ईडी के हाथ लगा बड़ा सुराग

ज्योतिप्रिया मल्लिक को जब ईडी ने गिरफ्तार किया तो कुछ समय बाद वो अस्पताल में भर्ती हो गए। ईडी ने उनके रूम में सीसीटीवी लगवा दिए, ताकि कोई भी उनसे मिलने आए तो उसका पता चल सके। ज्योति ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई। उन्होंने कहा कि इससे उनकी प्राइवेसी भंग होती है। ईडी ने कोर्ट को कहा कि वो सीआरपीएफ के जवान उनके रूम के बाहर तैनात करेगी। जिसे कोर्ट और ज्योति दोनों ने मान लिया।

शेख शाहजहां और शंकर आध्या ईडी के निशाने पर

जिस समय सीसीटीवी कैमरे हटाए जा रहे थे, सीआरपीएफ रूम के बाहर तैनात की जा रही थी। उस समय मौका देखकर ज्योति ने अपनी बेटी को एक चिट्ठी लिखी। जिसमें उन्होंने लिखा कि अगर पैसों की कोई भी जरूरत हो तो शेख शाहजहां या फिर शंकर आध्या को बता देना। ये चिट्ठी सीआरपीएफ ने पकड़ ली और ईडी को दे दी। यहीं से शेख शाहजहां और शंकर आध्या ईडी के निशाने पर आए। ईडी ने जब इन दोनो की जांच शुरू की तो पता चला कि शेख शाहजहां और शंकर आध्या के पास बड़ा अमाउंट ज्योतिप्रिया को जाता है।

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किन सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं राहुल और प्रियंका गांधी, आईये जानने

लोकसभा चुनाव नजदीक आ चुके हैं। चुनाव आयोग कभी भी चुनावी कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है। इससे पहले पार्टियों ने अपनी राजनीतिक दांव चलने शुरू कर दिए हैं। गठबंधनों ने मूर्त रूप लेना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है। कांग्रेस यूपी में 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो एमपी में सपा 1 सीट पर अपना दमखम दिखाएगी।

राजस्थान से राज्यसभा चली गई हैं सोनिया गांधी

वहीं इससे पहले जब सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा जाने का फैसल किया था तब ही इस बात की आशंका जताई गई थी कि रायबरेली की सीट से पार्टी प्रियंका गांधी को मौका दे सकती है। वहीं अगर अमेठी से राहुल गांधी एक बार फिर से चुनाव लड़ते हैं तो एक बार फिर से 2019 वाला माहौल देखने को मिल सकता है जब बीजेपी ने यहां से स्मृति ईरानी को उतारा था। उस चुनाव में ईरानी ने राहुल गांधी को मात दी थी। हालांकि राहुल केरल की वायनाड से भी चुनाव लड़े थे और वह वहां से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे थे।

राहुल अमेठी तो प्रियंका रायबरेली सीट से लड़ सकती हैं चुनाव

वहीं अब सूत्रों ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं। इसके साथ ही प्रियंका गांधी भी यूपी की ही रायबरेली सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। अगर सूत्रों का यह दावा सही होता है तो प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में उतरती हुई दिख सकती हैं।

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एलजी की धमकी इसे बंद नहीं करोगे तो सीबीआई-ईडी पीछे लगा दूंगा – केजरीवाल

दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने बसों से मार्शल हटाने को लेकर केंद्र सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) पर निशाना साधा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2015 में जब हमारी सरकार बनी थी तब ये कहा था कि महिला सुरक्षा के लिए जो कर सकते हैं वो करेंगे। हमारे पास पुलिस नहीं है, इसलिए बसों में मार्शल की नियुक्ति की गई थी। मार्शल बहुत अच्छा काम भी कर रहे थे। ये स्कीम अच्छी खासी चल रही थी, लेकिन अचानक नवंबर में इसे बंद कर दिया गया। किसी डिपार्टमेंट में कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन 2023 से अधिकारियों ने फ़ाइलों में लिखना शुरू कर दिया कि बस मार्शल स्कीम ठीक नहीं है।

ये दिल्ली वालों को मरवाना चाह रहे हैं – अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि ये (बीजेपी) दिल्ली वालों को मरवाना चाह रहे हैं, लेकिन जबतक में जिंदा हूं, दिल्ली वालों को कुछ भी नहीं होने दूंगा। ये ना तो दिल्ली की जनता की मानते हैं, ना ही कोर्ट की मानते हैं, अजीब तानाशाही है। इन्होंने जलबोर्ड का पैसा रुकवाया, फरिश्ते स्कीम रुकवाई, हॉस्पिटल में डेटा एंट्री के सभी स्टाफ को हटाया।

अधिकरियों ने बताया कि एलजी ने धमकाया – अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हमने अधिकरियों से पूछा कि क्या वजह है कि जो स्कीम 8 साल से चल रही थी, उसे बंद कर दिया गया। अधिकरियों ने बताया कि उन्हें एलजी ने धमकाया कि इसे बंद नहीं करोगे तो सीबीआई-ईडी पीछे लगा दूंगा। मैंने एलजी से मुलाकात की, उनसे पूछा कि क्यों इस स्कीम को बंद करवा रहे हो। तो उनका कहना था कि जब बस में सीसीटीवी और पैनिक बटन है तो मार्शल की क्यों जरूरत है। मैंने जब समझाया तो कहा कि ठीक है नहीं रोकूंगा, लेकिन उसके बाद एक दिन मैंने पेपर में पढ़ा कि इनको हटा दिया है।

अगर एक माई के लाल हो तो…

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, “बीजेपी वाले खुद ही इसे हटाकर इसके धरने में शामिल होते हो, कुछ तो शर्म करो। तुम कहते हो कि इनको रेगुलर करो ठीक है। अगर एक माई के लाल हो तो आज चलो एलजी से पास, जहां साइन करने की जरूरत है मैं तैयार हूं।” केजरीवाल ने आगे कहा कि कल एलजी ने एक लेटर मुझे लिखा है, इसमे गंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया। किसी चुने हुए सीएम के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं।

सारे काम बंद हो रहे

दिल्ली विधानसभा में बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबसे सक्सेना साहब एलजी बने हैं। तब से सारे काम बंद हो रहे हैं। पहले वाले एलजी नया काम नहीं करने देते थे। लेकिन अब वाले एलजी सब मूलभूत सुविधा बंद करवा रहे हैं। ये पहले काम बंद करवाते हैं और फिर बीजेपी वाले कहते हैं कि केजरीवाल काम नहीं कर पाता है।

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यूपी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग ने पलटी बाज़ी , जानिए किसे मिली कितनी सीट

उत्तर प्रदेश में आज राज्यसभा चुनाव के लिए 10 सीटों पर वोटिंग हुई और पर‍िणाम भी सामने आ गए हैं। राज्‍यसभा चुनाव में यूपी से भाजपा के आठ और सपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा ने अपना 8वां उम्मीदवार भी इस चुनाव में उतारा था और सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण उसकी जीत हुई। इसके साथ ही सपा को तगड़ा झटका लगा। दरअसल , 7 सपा विधायकों ने बीजेपी के लिए वोटिंग की।

राज्यसभा चुनाव में 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे। बीजेपी की ओर से 7 और समाजवादी पार्टी के 3 प्रत्याशी थे। इन दसों की जीत भी लगभग तय मानी जा रही थी। लेकिन क्रॉस वोटिंग से सपा का खेल बिगड़ गया और बीजेपी के आठवें उम्मीदवार को भी जीत मिली। इसमें सबसे अधिक वोट समाजवादी पार्टी उम्मीदवार जया बच्चन को 41 मिले हैं। वहीँ आठवें प्रत्याशी के रूप में बीजेपी ने संजय सेठ को उतारकर मैदान में था , जिन्हे सबसे कम 29 वोट मिले।

यूपी राज्‍यसभा चुनाव में किसे मिले क‍ितने वोट

सुधांशु त्रिवेदी- 38

आरपीएन सिंह- 37

तेजवीर स‍िंह- 38

नवीन जैन- 38

साधना सिंह- 38

संगीता बलवंत – 38

अमरपाल मौर्य- 38

आलोक रंजन- 19

जया बच्चन- 41

रामजी लाल- 37

तीनो राज्यसभा में बीजेपी का कब्ज़ा

आपको बता दे , पिछले कई दिनों से राज्यसभा चुनावों को लेकर चल रही गहमा-गहमी के बीच आज उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की 15 सीटों पर मतदान हुआ। यूपी की 10 , कर्नाटक की 4 और हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर वोटिंग हुई। दरअसल , 15 राज्यों में राज्यसभा की 56 सीटें खाली हैं। इनमें से 12 राज्यों की 41 राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। वहीँ बाकी सीटों के लिए आज मतदान हुआ है. जिनमें से यूपी में भाजपा 8 और सपा को दो सीटों पर जीत हासिल हुई। कर्नाटक की तीनों सीट कांग्रेस के नाम हुई। हिमाचल की एक सीट पर कांग्रेस बहुमत के बाद भी हार गई और बीजेपी की जीत हुई।

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पीएम मोदी ने द्वारका नगरी में लगाई आस्था की डुबकी, भगवान कृष्ण को किया नमन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने आज समुद्र के अंदर पानी में डुबकी लगाई। पीएम मोदी उस स्थान पर गए जहां जलमग्न द्वारका शहर है। यहां उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को नमन किया। डुबकी लगाने से पहले पीएम मोदी के कमर पर मोर के पंख भी बंधे हुए थे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका के पास अरब सागर में नौसेना के जवानों के साथ स्कूबा डाइविंग की। पीएम मोदी गोमती घाट पर स्थित सुदामा सेतु पारकर पंचकुई बीच इलाके में पहुंचे थे और वहां से करीब 2 नॉटिकल मील दूर समुद्र में डुबकी लगाई।

द्वारका धार्मिक एक नगरी है, लेकिन अब यह पर्यटन के क्षेत्र में भी नाम कमा रहा है। द्वारका के तट पर स्कूबा डाइव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। इसकी शुरुआत नरेंद्र मोदी ने कर दी है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने साल की शुरुआत में लक्षद्वीप में जाकर समुद्र में डुबकी लगाई थी। हालांकि तब उन्होंने स्नॉर्कलिंग की थी, लेकिन इस बार उन्होंने स्कूबा डाइविंग की है।

पीएम मोदी ने सुदर्शन सेतु का किया अनावरण

पीएम मोदी ने द्वारका मंदिर में पूजा अर्चना की। जिसके बाद उन्होंने ओखा को बेयट द्वारका द्वीप से जोड़ने वाले ‘सुदर्शन सेतु’ का अनावरण किया। यह पुल करीब 980 करोड़ रुपये की लागत से बना है और यह 2.32 किलोमीटर लंबा देश का सबसे बड़ा केबल ब्रिज है। पुल के दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक पैदलपथ भी बनाया गया है। इस पुल को पहले ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ कर दिया गया।

द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना दिव्य अनुभव – पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने इस दौरान की Photos अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट की और उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की नगरी की भव्यता और समृद्धि को याद करते हुए लिखा- “पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।”

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अखिलेश यादव बोले – कोई विवाद नहीं, यूपी में होगा कांग्रेस-सपा का गठबंधन

लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी दलों के इंडिया अलायंस का कुनबा एक के बाद एख बिखरता नजर आ रहा है। हालांकि, दूसरी ओर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का साथ मिलने से कांग्रेस की उम्मीदों को थोड़ा बल मिला है। आपको बता दे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच कोई मतभेद नहीं है। उत्तर प्रदेश में दोनों दलों के बीच गठबंधन होगा। अखिलेश ने खुद भी कहा है कि गठबंधन होगा – अंत भला तो सब भला। आज बुधवार की शाम सपा और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन का ऐलान हो सकता है। वहीं, दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का भी ऐलान होने की संभावना है।

आज शाम को होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस और सपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आज शाम लखनऊ में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव से की बात

उधर, सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीट बंटवारे के मुद्दे पुर अखिलेश यादव से बात की जिसके बाद दोनों दलों के बीच डील फाइनल हुई। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को 16 से 18 सीटें मिल सकती हैं। एक से दो सीटों पर पेंच फंसा हुआ है जिसे लेकर बातचीत हो रही है और माना जा रहा है कि शाम तक फैसला हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक अमरोहा, बिजनौर, सहारनपुर, झांसी जैसी सीट कांग्रेस पार्टी को मिल सकती है। वहीं बुलंदशहर और मथुरा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जा सकती है। वैसे सूत्रों की माने तो कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

अखिलेश यादव 31 सीटों पर प्रत्याशियों का कर चुके है ऐलान

आपको बता दें कि अखिलेश यादव का बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर तमाम तरह की शंकाएं जताई जा रही थीं। समाजवाादी पार्टी ने मंगलवार को उत्‍तर प्रदेश की पांच और लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्‍मीदवारों की सूची जारी कर दी थी। समाजवादी पार्टी यूपी में अब तक 31 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी घोषित कर चुकी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस को 16 से 18 सीटें मिल सकती है। बाकी सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी।

इन सीटों पर समझौता संभव

सूत्रों के मुताबिक, सपा-कांग्रेस अलायंस में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 16 से 18 लोकसभा सीटें मिल सकती हैं। जिसमे 17 सीटें तो पहले से ही सपा कांग्रेस को दे चुकी है। वैसे 1 से 2 और सीटों पर बातचीत जारी है, जिसपर आज शाम तक फैसला हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक, अमरोहा, बिजनौर, सहारनपुर, झांसी जैसी सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं। वहीं, बुलंदशहर, मथुरा सपा के खाते में जा सकती है। कांग्रेस पार्टी यूपी की श्रावस्ती सीट भी मांग रही है। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी के पास श्रावस्ती से मजबूत उम्मीदवार उपलब्ध है।

शिवपाल यादव को बदायूं से टिकट

मंगलवार को जिन पांच सीटों पर सपा ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया उनमे शिवपाल सिंह यादव को पूर्व में घोषित धर्मेंद्र यादव के स्‍थान पर बदायूं से टिकट दिया गया है। कैराना सीट से विधायक नाहिद हसन की बहन इकरा हसन को कैराना लोकसभा सीट से उम्‍मीदवार बनाया है। इसके अलावा बरेली से प्रवीण सिंह ऐरन, हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत और वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल को प्रत्‍याशी बनाया गया है।

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किसान नेताओं की हो रही बैठक, बातचीत के बाद ही कूच करेंगे

किसान संगठन आज शंभू बॉर्डर और खनौली बॉर्डर से दिल्ली के लिए कूच करने वाले हैं। किसी भी वक्त किसानों की मूवमेंट शुरू हो सकती है। किसान इस बार पूरी तैयारी के साथ आए हैं और उनके पास ना केवल हेवी मशीनें हैं बल्कि गैस मास्क, शील्ड और ड्रोन गिराने के लिए पतंगें भी लेकर आए हैं। किसानों की तैयारी देखकर लग रहा है कि लंबे समय से ये प्लानिंग की गई है। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। बॉर्डर पर पुलिस के साथ-साथ पैरा मिलिट्री के जवानों को भी तैनात किया गया है। बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है।

टिकरी बोर्डर पर 13 लेयर की सिक्योरिटी

सूत्रों के मुताबिक़ – दिल्ली पुलिस ने सिक्योरिटी अरेंजमेंट को लेकर हरियाणा के शंभू बॉर्डर बॉर्डर का जायजा लिया है। उसी के तर्ज पर दिल्ली की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। टिकरी बोर्डर पर 13 लेयर की सिक्योरिटी लगाई गई है। हालांकि किसानों ने भी हाइड्रोलिक और पोकलेन मशीनों को लेकर तैयारी कर रखी है।

किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली में अलर्ट

आपको बता दे कि किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली में अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली के बॉर्डर को सील किया गया, बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई। पुलिस के साथ पैरा मिलिट्री के जवान तैनात किये गए है। वही 12 मार्च तक दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गयी है।

सरकार ने किसानों को एक बार फिर बातचीत का न्योता दिया

थोड़ी देर पहले पुलिस के आंसू गैस से तितर-बितर हुए किसान एक बार फिर शंभू बॉर्डर पर जुटना शुरू हो गए हैं। किसान शंभू बॉर्डर पर बने बैरिकेड को तोड़कर हरियाणा में घुसने की कोशिश में हैं। उन्हें तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस की तरफ से लगातार आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर इस वक्त अफरा-तफरी का माहौल है। हरियाणा पुलिस ने अभी किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया है। किसान भारी मशीनरी के साथ शंभू बॉर्डर पर तैयार हैं तो पुलिस भी भारी संख्या में मुस्तैद है। हंगामे के बीच सरकार ने किसानों को एक बार फिर बातचीत का न्योता दिया है। सरकार ने किसानों को पांचवें दौर की बातचीत के लिए आगे आने को कहा है।

किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा पुलिस का ट्वीट

वही किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा पुलिस ने ट्वीट किया है। पुलिस ने शंभू बॉर्डर से जेसीबी (JCB) पोकलेन मशीन हटाने की अपील की है। पुलिस ने कहा है कि इन मशीनों से सुरक्षाबलों को नुकसान हो सकता है और अगर मशीनें नहीं हटाई तो पुलिस कार्रवाई-करेगी।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का बड़ा आरोप

वहीं दूसरे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि किसानों ने सरकार को काफी समय दिया लेकिन सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही है। किसानों की मांगों पर सरकार की मंशा ठीक नहीं है, वो किसानों के लिए कुछ नहीं करना चाहती है।

गैस मास्क लेकर पहुंचे किसान, लोहे की शील्ड से लैस हैं

किसान हर झड़प के लिए बेहद आक्रामक तैयारी के साथ आए हैं। उनके पास गैस मास्क हैं, ड्रोन को उलझाने के लिए पतंगे साथ में लेकर आए हैं तो वहीं लोहे की बड़ी-बड़ी शील्ड भी उनके पास है ताकि लाठी चार्ज की संभावना हो तो वो पुलिस का मुकाबला कर सकें।

जाम से हलकान है दिल्ली-नोएडा रोड

चिल्ला बॉर्डर पर जाम लग गया है, गाड़ियां आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। दिल्ली से नोएडा जाना मुश्किल हो गया है और नोए़डा से दिल्ली आने वालों को भी काफी दिक्कत हो रही है। दिल्ली को गाजियाबाद से जोड़ने वाले NH-9 का भी यही हाल है। दिल्ली और यूपी को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर का भी यही हाल है, सड़कों पर गाडि़यों की कतार लगी हैं। लंबा जाम है, बड़ी मुश्किल से गाड़ी थोड़ी-थोड़ी आगे बढ़ पा रही है।

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगा भीषण जाम

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर भीषण जाम लग गय है। दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जाने वाली सभी लेन पर भीषण जाम लगा है। वाहन रेंग रेंग कर चल रहे। दिल्ली पुलिस ने किसानों के दिल्ली पहुंचने की संभावना के चलते गाजीपुर बॉर्डर पर एक-एक लेन पर बेरीकेडिंग लगाई हुई है। जिसके चलते रास्ता और संकरा हो गया जिसकी वजह से जाम लगा हुआ है।

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यूपी बोर्ड 2024 परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी, 8265 केंद्रों पर शुरू होंगे एग्जाम

यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के शुरू होने में अब अगला एक दिन ही शेष रह गया है। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की 2024 की परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ऐसे में यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 22 फरवरी 2024 से शुरू हो रही हैं। ये 10 वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 12 कार्य दिवसों में 9 मार्च तक चलेंगी।

इतने छात्र छात्राएं परीक्षा में होंगे शामिल

दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के लिए 566 राजकीय विद्यालय 3479 सवित्त और 4220 वित्त विहीन विद्यालयों को केंद्र बनाया गया है। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल की परीक्षा में 1571184 छात्र और 1376127 छात्राओं को मिलाकर 29 लाख 47 हजार 311 परीक्षार्थी शामिल होंगे। वहीं, इंटरमीडिएट की परीक्षा में 1428323 छात्र और 1149674 छात्राओं को मिलाकर 25 लाख 77 हजार 997 परीक्षार्थी शामिल होंगे।

नकल विहीन परीक्षा कराने की पूरी तैयारी

यूपी बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए बोर्ड की तरफ से 2.75 लाख कक्ष निरीक्षकों के लिए क्यूआर कोड और क्रमांक युक्त कंप्यूटराइज्ड परिचय रेडी किया गया है। इसके अलावा और काफी सख्त और पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा एग्जाम सेंटर्स पर इंस्पेक्शन के लिए 1297 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 430 जोनल मजिस्ट्रेट, 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक और 416 सचल दलों का गठन किया गया है।

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बिहार और बंगाल के बाद क्या यूपी में भी टूट गया इंडिया गठबंधन ?

उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन में ऊहापोह की स्थिति है। सीट शेयरिंग को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच खींचतान चल रही है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन टूट सकता है। हालांकि अभी तक ये खबर सूत्रों के जरिए मिल रही है। दोनों पार्टियों ने ऑफिशियली कुछ नहीं कहा है।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से दो टूक कह दिया है कि जो 17 सीटें कांग्रेस ने मांगी थी। वो दे दी हैं, अब आगे गठबंधन रखें या न रखें यह कांग्रेस पर निर्भर है। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व में बैक फुट पर आते हुए बातचीत जारी रखने की बात कही है।

सपा नेता और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने गठबंधन को लेकर बड़ी बात कही है। सपा और कांग्रेस की टूट पर उन्होंने कहा है कि समाजवादी को जिन्हें जहां से चुनाव लड़ाना है, ये सब पहले ही तय हो चुका है और मै समझती हूं कि मजबूती के साथ समाजवादी पार्टी भाजपा का सामना करने जा रही है।

सपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार बात कर रहे हैं और अगर कुछ होता है तो सबको पता चल ही जायेगा। राहुल गांधी की न्याय यात्रा में अखिलेश यादव के शामिल होने पर डिंपल यादव ने कहा कि मैं तो यहां मैनपुरी में हूं क्योंकि यह क्षेत्र मेरा है। मुझे नहीं पता कि क्या डिसीजन हो रहा है। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी लिस्ट में शिवपाल यादव का नाम नहीं होने डिंपल यादव ने कहा वो समाजवादी पार्टी का मामला है, जल्दी पता चल जायेगा कौन कहा से लड़ रहा है।

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 8 वोटों को वैध मान कर दोबारा की जाए गिनती – सुप्रीम कोर्ट

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में विवाद को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायिक अधिकारी से उन आठ मतपत्रों को दिखाने के लिए कहा जिन्हें चुनाव के दौरान अमान्य कर दिया गया था। मतपत्रों को देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अवैध करार दिए गए 8 बैलेट पेपर पर कुलदीप कुमार का नाम हैं। इन पर एक लाइन लगाई गई थी। सुनवाई के आखिर में कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के वोटों की गिनती दोबारा होनी चाहिए और इन 8 वोटों को वैध मानकर गिनती में शामिल किया जाना चाहिए। उसके बाद नतीजे घोषित किए जाने चाहिए।

सुनवाई में क्या हुआ ?

मेयर चुनाव को लेकर हुई सुनवाई में न्यायिक अधिकारी ने मतपत्रों को कोर्ट की पीठ को सौंपा। इसे चेक करने के बाद कोर्ट ने वकीलों को मतपत्र दिखाए और देखा कि सभी आठों ने आप के पार्षद कुलदीप कुमार के लिए मुहर लगा दी है और वोट उनके लिए डाले गए हैं। सीजेआई ने चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह से कहा कि कल आपने कहा था कि मतपत्रों पर लाइनें इसलिए लगाईं क्योंकि मतपत्र विकृत हो गए थे। सीजेआई ने पूछा कि मतपत्र कहां विरूपित किया गया है?

सुप्रीम कोर्ट में हुई बचाव व विरोध में दलीलें

रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की ओर से कोर्ट में पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि पहले बैलेट पेपर में एक छोटा सा बिंदु है, कुछ ऊपर से मुड़े हुए हैं। उन्होंने उस लाइन टिक के आधार पर अयोग्यता की पहचान की है। वह सही या गलत हो सकता है, यह रिटर्निंग ऑफिसर का आकलन है। रोहतगी ने अनिल मसीह के बचाव में कहा कि वह कैमरे की तरफ इसलिए देख रहे थे क्योंकि वो चेक कर रहे थे कि कैमरे सही से काम कर रहे थे या नहीं क्योंकि अंदर बहुत शोर था। वहीं, विपक्षी वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मसीह पर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला चलना चाहिए।

पेपर पर निशान क्यों लगाया गया – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि बैलेट पेपर पर निशान क्यों लगाया गया? इस पर बचाव पक्ष के वकील रोहतगी ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर नतीजे की घोषणा कर ही रहे थे कि तभी आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने बैलट छीन लिये। कुछ पर डॉट था और कुछ फोल्ड थे। उनका ये मानना था कि ये बैलेट पेपर इनवैलिड हैं इसलिए उन्होंने निशान लगाया। वो चोर नहीं हैं।

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दरोगा की काली करतूत का हुआ खुलासा, शादी के नाम पर करता था रेप

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक बार फिर पुलिस की वर्दी दागदार हुई है। शादी के नाम पर लव, सेक्स और धोखे की सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जिसे गौरी बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत बैतालपुर चौकी इंचार्ज अंकित सिंह ने अंजाम दिया है। हालांकि, गौरी बाजार थाना क्षेत्र में आरोपी अभियुक्त दरोगा अंकित सिंह पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।

अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी देने लगा

इसके बाद दरोगा अंकित सिंह उस अश्लील फोटो को वायरल करने और जान से मार देने की धमकी दी। दरोगा अंकित सिंह पर जैसे ही मुकदमा दर्ज हुआ वह लंबी छुट्टी लेकर फरार हो गया। वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि अभियुक्त दरोगा अंकित सिंह पर महिला कांस्टेबल की तहरीर के आधार पर गौरी बाजार थाना क्षेत्र में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही अंकित सिंह को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं। अब देखना होगा कि अय्याश दरोगा अंकित सिंह कब सलाखों के पीछे पहुंचता है।

शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाया

दरअसल, पूरा मामला आजमगढ़ जनपद में तैनात एक महिला कांस्टेबल ने बैतालपुर चौकी इंचार्ज अंकित सिंह पर आरोप लगाया कि पहले प्यार और फिर शादी का झांसा देकर कई बार रेप किया। इस दैरान जब महिला कांस्टेबल गर्भवती हुई, तो गर्भपात कराने का भी गंभीर आरोप दरोगा पर है। गौरी बाजार थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, 2 मार्च 2020 को आजमगढ़ में तैनात महिला कांस्टेबल से पहली बार अंकित सिंह ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद उसकी अश्लील फोटो खींच ली और ब्लैकमेल करने लगा।

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