भारतीय क्रिकेट जगत के लिए रविवार को एक दुखद खबर सामने आई। भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वह कैंसर से जूझ रहे थे। सलीम ने गुजरात के जामनगर में आखिरी सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलीम दुर्रानी के निधन पर दुख जताया है। हालांकि, वह लंबे समय से बीमार थे और कैंसर जैसी जटिल बीमारी से जूझ रहे थे। उनके बारे में अगर खास बात जान लें तो वह पहले ऐसे क्रिकेटर थे जिन्हें अर्जुन पुरस्कार मिला था। वह 1960 में खेल की दुनिया के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजे गए थे। साथ ही क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया में भी हाथ आजमाया था।
अफ़ग़ानिस्तान में हुआ था जन्म
सलीम दुर्रानी का जन्म 11 दिसंबर 1934 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था। हालांकि, जब वह सिर्फ आठ वर्ष के थे तब उनका परिवार पाकिस्तान के कराची जाकर बस गया था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय दुर्रानी का परिवार भारत आ गया था। धीरे-धीरे सलीम की क्रिकेट में दिलचस्पी बढ़ी। 1960-70 के दशक में सलीम ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से पहचान बनाई थी। वह भारत के दिग्गज ऑलराउंडर्स में से एक रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि मैच में जब भी फैंस सलीम से छक्का लगाने की मांग करते थे, वह छक्का जड़ देते थे। इसी तरह सलीम फैंस के खास बन गए थे।
फैंस के साथ सलीम दुर्रानी का खास रिश्ता
प्रथम श्रेणी मैचों की बात करें तो उन्होंने 33.37 की औसत से 8,545 रन बनाए। इनमें 14 शतक शामिल हैं। अपना दिन होने पर सलीम दुर्रानी किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता रखते थे। हालांकि, एक गेंदबाज के रूप में उन्होंने पहली बार भारतीय टीम में खेलते हुए अपनी पहचान बनाई थी। सलीम का फैंस के साथ भी खास रिश्ता था। एक बार कानपुर में एक मैच के लिए टीम से बाहर किए जाने के बाद फैंस ने अपना गुस्सा व्यक्त किया था। वह बैनर और प्लेकार्ड के साथ मैदान में पहुंचे थे, जिस पर लिखा था- ‘नो दुर्रानी, नो टेस्ट!’। घरेलू क्रिकेट में सलीम दुर्रानी ने ढाई दशक के करियर के दौरान गुजरात, राजस्थान और सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया।
इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत में सलीम दुर्रानी निभाई थी अहम भूमिका
सलीम दुर्रानी ने 1961-62 में इंग्लैंड पर ऐतिहासिक 2-0 की सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में जमकर विकेट लिए थे। भारत ने कोलकाता और मद्रास में दो टेस्ट जीते थे। कोलकाता टेस्ट में सलीम ने आठ और मद्रास टेस्ट में 10 विकेट लिए थे। इसके अलावा उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ ऐतिहासिक पोर्ट ऑफ स्पेन मैच में भारत की जीत में भी अहम किरदार निभाया था। इस मैच में सलीम ने तब के महान बल्लेबाज क्लाइव लॉयड और सर गारफील्ड सोबर्स के विकेट झटके थे।
फिल्म में भी काम कर चुके सलीम दुर्रानी
सलीम ने 1960 में मुंबई टेस्ट में डेब्यू किया था। वह छक्के लगाने के लिए ज्यादा मशहूर हैं। सलीम ने आखिरी टेस्ट फरवरी 1973 में मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सलीम ने फिल्म इंडस्ट्री में भी काम किया। इंडस्ट्री में आते ही उन्हें डेब्यू का मौका मिला उस वक्त की सबसे खूबसूरत और लीडिंग एक्ट्रेस के साथ। सलीम दुर्रानी ने बॉलीवुड फिल्म ‘चरित्र’ से अपने फिल्मी करियर का डेब्यू किया। इस फिल्म में उनके साथ एक्ट्रेस परवीन बॉबी थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महान भारतीय क्रिकेटर सलीम दुरानी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में भारत के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- सलीम दुर्रानी जी क्रिकेट के दिग्गज थे, अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में भारत के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मैदान पर और मैदान से बाहर, वह अपनी शैली के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से आहत हूं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।
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