छात्रों से पीएम मोदी ने कहा,” परीक्षा पे चर्चा मेरी भी सबसे बड़ी परीक्षा”

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी

बोर्ड की परीक्षाएं शुरु होने वाली हैं और इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी देश भर के छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे ये परीक्षा देने में खुशी होती है। पीएम मोदी ने कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा’ मेरी भी परीक्षा है। इस दौरान एक छात्र के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि परिवार की अपेक्षाएं स्वभाविक हैं।सोशल स्टेटस को देखकर अपेक्षा करना गलत है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष परीक्षा पे चर्चा में हिस्सा लेने के लिए रिकॉर्ड 38.80 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक है। इसमें से 16 लाख छात्र राज्य बोर्डों से हैं।

‘परीक्षा पे चर्चा’ एक सालाना कार्यक्रम है, जहां पीएम मोदी आगामी बोर्ड परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं।इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी परीक्षा के तनाव और अन्य मुद्दों से जुड़े छात्रों के सवालों का जवाब भी देते हैं।

‘परीक्षा पे चर्चा मेरी भी परीक्षा है’- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा लेते हैं और इससे मुझे खुशी मिलती है। ये देखना मेरा सौभाग्य है कि मेरे देश का युवा मन क्या सोचता है। परिवारों में उम्मीदें होना स्वाभाविक है। लेकिन अगर परिवार के सदस्य सिर्फ अपनी सामाजिक स्थिति के लिए उम्मीदें लगाए हुए हैं, तो यह चिंता का विषय है। अगर आप अच्छा कर रहे हैं तो सभी को आपसे काफी उम्मीदें होंगी। मैं राजनीति में हूं और मेरे साथ भी ऐसा ही होता है।

स्मार्टली करें हार्डवर्क – पीएम मोदी

पहले काम को समझिए। हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा, तभी परिणाम मिलेगा। हमें ‘स्मार्टली हार्डवर्क’ करना चाहिए, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे। जब एक बार आप इस सत्य को स्वीकार कर लेते हैं कि मेरी एक क्षमता है और मुझे अब इसके अनुकूल चीजों को करना है। आप जिस दिन अपने सामर्थ्य को जान जाते हैं, उस दिन बहुत बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं।

बच्चों पर दवाब ना बनाएं

इस दौरान छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने पेरेंट्स को संदेश दिया और कहा कि सोशल स्टेटस को देख बच्चों पर दबाव ना बनाएं। आप अच्छा करेंगे तो भी अपेक्षाएं रहेंगी। इस दौरान पीएम मोदी ने खेल का उदाहरण देते हुए छात्रों को समझाया कि क्रिकेटर दर्शकों के दबाव में चौके-छक्के नहीं लगाता। खिलाडी फोकस्ड रहता है और गेंद के हिसाब से शॉट लगाता है। पीएम ने कहा कि हमें दबाव से दबना नहीं चाहिए। हम पर भी कोई चुनाव ना हारने का दबाव बनाया जाता है।

तनाव मुक्त और खुश रहें – पीएम मोदी

परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने तनाव मुक्त रहने की सीख देते हुए कहा, आपकी तरह हमें भी अपने राजनीतिक जीवन में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। चुनावों के उत्कृष्ट परिणाम हमेशा ‘और अधिक उत्कृष्ट’ होने की अपेक्षा की जाती है। तो चिंता मत करो, बस तनाव मुक्त और खुश रहने के साथ-साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें।

टाइम मैनेजमेंट पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इस दौरान समय के मैनेजमेंट पर भी छात्रों को जागरुक किया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि अगर आपक टाइम मैनेजमेंट सीखना है तो अपनी मां से सीखें। मां बच्चे के स्कूल टाइम के हिसाब से सारे काम मैनेज कर लेती हैं। मां के पास घर में सबसे ज्यादा काम होता है, फिर भी टाइम मैनेज कर लेती हैं। समस्या का आराम से सॉल्यूशन निकालें। इतना ही नहीं पीएम ने बच्चों से कहा कि काम ना करने से थकान होती है। काम करने से सिर्फ संतोष होता है।

पीएम मोदी ने परीक्षा में नकल पर कहा

परीक्षा पर चर्चा में छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा में गलत प्रैक्टिस से महनती बच्चे डरते हैं। नकल से महनती बच्चों का मन दुखी होता है। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ छात्र नकल करने के तरीके ढूंढने में तेज होते हैं। ऐसे छात्र छोटे-छोटे अक्षरों की पर्चा बनाते हैं। इसके बजाय ऐसे छात्रों को इस टैलेंट का इस्तेमाल सीखने में लगाना चाहिए।

छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब जिंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है। इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा, लेकिन जिंदगी कभी पार नहीं कर पाएगा।

परीक्षा में चीटिंग से कैसे बचें ?

पीएम मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मेहनती छात्रों को इसकी बहुत चिंता जरूर होती है कि दूसरे छात्र नकल करके पास हो जाते हैं। कई छात्र गर्व से कहते होंगे कि मैंने टीचर को बेवकूफ बना दिया। मूल्यों में खतरनाक बदलाव आया है। कूछ स्कूल या टीचर, जो ट्यूशन देते हैं। उनको लगता है कि मेरा छात्र अच्छे नंबर से पास हो जाए, तो वे उनको मदद करते हैं।

परीक्षा पे चर्चा एक जन आंदोलन- धर्मेंद्र प्रधान

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, परीक्षा पर चर्चा एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। बच्चों पर जो अभिभावक, शिक्षक और समाज का दवाब रहता है। उसको समझते हुए पीएम नरेंद्र मोदी उस दुविधा को स्वयं हमारे बीच समाधान देने के लिए उपस्थित हुए हैं।

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