Tuesday, November 12, 2024
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हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती,धर्म के नाम पर कहां पहुंच गए हम

हेट स्पीच के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्ती दिखाई है | सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने को कहा है | सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, यह 21वीं सदी है | हम धर्म के नाम पर कहां आ गए हैं ? ये दुखद है | हमने भगवान को कितना छोटा बना दिया है | संविधान का आर्टिकल 51 हमें वैज्ञानिक सोच अपनाने को कहता है | इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पुलिस प्रमुखों से हेट स्पीच मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा देने को कहा है |

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने हेट स्पीच देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की | सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों से कहा है कि हेट स्पीच देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए | सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और धार्मिक रूप से निष्पक्ष है | देश के लोगों के पास भावनाएं जाहिर करने की स्वतंत्रता है |

मुस्लिम समुदाय को किया जा रहा आतंकित

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि समस्या से निपटने के लिए कुछ करने की जरूरत है और नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों या घृणा अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। याचिका में अब्दुल्ला ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और अन्य कड़े प्रावधानों को लागू करने की भी मांग की है | ताकि घृणा अपराधों और घृणास्पद भाषणों पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा है कि नफरत भरे भाषण देने में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के सदस्यों की भागीदारी से मुस्लिम समुदाय को टारगेट और आतंकित किया जा रहा है।

भारत को एंटोनियो गुटेरेस ने दी थी नसीहत

बुधवार को भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी नसीहत दी थी। गुटेरेस ने मुंबई में एक भाषण में कहा था, मानवाधिकार परिषद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में, भारत की वैश्विक मानवाधिकारों को आकार देने और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों सहित सभी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा और बढ़ावा देने की जिम्मेदारी है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आजादी के 75 साल बाद भारत की उपलब्धियों की प्रशंसा भी की।

हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके केंद्र सरकार और राज्यों को हेट क्राइम और हेट स्पीच के मामलों में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने के निर्देश देने की मांग की गई थी | इसमें यह भी मांग की गई थी कि हेट क्राइम और हेट स्पीच के मामलों को कम करने के लिए यूएपीए व अन्य कड़े कानून और प्रावधान लगाने की भी मांग की गई थी | हेट स्पीच मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रशासन और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने कई शिकायतें सामने आने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया, सिर्फ स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई |

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