Saturday, July 27, 2024
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पाबंदी के चंद घंटे बाद बदला फैसला, अब जामा मस्जिद में लड़कियों की एंट्री पर कोई रोक नहीं

दिल्ली के जामा मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को चंद घंटे बाद ही हटा लिया गया है। राजनिवास के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी से बात की और जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। इमाम बुखारी ने आदेश को रद्द करने पर सहमति जताई है। इस अनुरोध के साथ ही कहा कि आगंतुक मस्जिद की पवित्रता का सम्मान करें।

वहीं इससे पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस फैसले पर विरोध जताया था। मालीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि जितना हक एक पुरुष को इबादत का है उतना ही एक महिला को भी। मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं। इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है।

मस्जिद में लड़कियों के आने पर रोक

बता दें, देश की राजधानी दिल्ली में जामा मस्जिद को लेकर जैसे ही नया फरमान आया, देशभर में इसकी निंदा होने लगी। यह फरमान मस्जिद के चारों तरफ दिवारों पर चस्पा किए गए हैं। यह फरमान मस्जिद प्रशासन के तरफ से जारी किया गया है। देश की सबसे बड़ी मस्जिद में लड़कियों के आने पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश की एक प्लेट बाकायदा मस्जिद की दिवार पर चस्पा कर दी गई है। जिसमें लिखा हुआ है कि जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिल होना मना है। उसके नीचे ‘projmd2000@gmail.com’ नाम से एक ई मेल ID भी लिखी हुई है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने जारी किया था नोटिस

इससे पहले इस मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को लेकर जामा मस्जिद प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। साथ ही इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगने के साथ उनसे महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने को लेकर आगाह किया था। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था कि हम इस मामले को स्वत: संज्ञान ले रहे हैं, यह गंभीर मामला है। जल्द ही इस पर आगे की कार्यवाई की जाएगी।

मस्जिद प्रबंधन ने दी थी बेतुकी दलील

वहीं, लड़कियों के मस्जिद में प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले को लेकर मस्जिद प्रबंधन की तरफ से अजीबोगरीब दलील दी गई थी। जामा मस्जिद प्रबंधन का कहना था कि महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित नहीं है। केवल अकेली महिलाएं की एंट्री पर बैन है। क्योंकि इस धार्मिक स्थल पर लड़िकयां अनुचित हरकतें करती हैं, वीडियो शूट करती हैं। इन सब को रोकने के लिए प्रतिबंध ने ये कदम उठाया है। मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि परिवार या विवाहित जोड़ों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

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