चुनाव आयोग देगा रिमोट वोटिंग मशीन का डेमो, इसके विरोध में 16 विपक्षीय पार्टियां

चुनाव आयोग देगा रिमोट वोटिंग मशीन का डेमो, इसके विरोध में 16 विपक्षीय पार्टियां
चुनाव आयोग देगा रिमोट वोटिंग मशीन का डेमो, इसके विरोध में 16 विपक्षीय पार्टियां

देश के करोड़ों प्रवासी वोटरों को चुनाव आयोग जल्द ही बड़ी सौगात दे सकता है। ये भविष्य में वोटिंग के सिस्टम को और आसान बना देगा। आज दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में चुनाव आयोग नई वोटिंग मशीन का डेमो देने जा रही है। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग ने बुलाया है। नई ईवीएम की सबसे खास बात ये है कि ये प्रवासियों को मतदान केंद्र पर पहुंचे बिना वोट डाने में सक्षम बनाएगी। प्रवासी मजदूरों के भी वोटिंग राइट यूज़ करें, इसके लिए चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग मशीन का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है।

मतदान प्रतिशत को बढ़ाना है मकसद

चुनाव आयोग के अनुसार, प्रोटोटाइप मल्टी-कंस्टीट्यूएंसी रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) प्रवासी मतदाताओं को दूरस्थ मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम बनाएगी। चुनाव आयोग ने बताया कि घरेलू प्रवासियों के मतदान करने में असमर्थता की कमी मतदान प्रतिशत के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिले की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी।

रिमोट वोटिंग मशीन लेकर बैठक में सभी राजनीतिक दलों को निमंत्रण

बता दें कि चुनाव आयोग ने बैठक मे शामिल होने के लिए सभी मान्यता प्राप्त आठ राष्ट्रीय और 57 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है। इस बैठक में बहु-निर्वाचन प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम के कामकाज का प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन के दौरान चुनाव आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।

रिमोट वोटिंग प्रणाली के विरोध में विपक्षी दल

चुनाव आयोग की इस कोशिश को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन चुनाव आयोग की मीटिंग से पहले 16 विपक्षी पार्टियों ने रिमोट वोटिंग मशीन को खारिज कर दिया है। हालांकि कांग्रेस समेत ये सभी 16 पार्टियां चुनाव की मीटिंग में जा जरूर रही हैं। लेकिन उनके कई सवाल हैं, जिनको लेकर रिमोट वोटिंग मशीन के मुद्दे पर विवाद गरमा सकता है।

देश की 16 विपक्षी पार्टियों ने रिमोट वोटिंग मशीन पर चुनाव आयोग के प्रस्ताव का विरोध करने का निर्णय लिया है। विपक्षी पार्टियों को इसकी परिकल्पना, परिभाषा और संचालन सभी पर संदेह है। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इन विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से यह माना कि रिमोट वोटिंग मशीन का प्रस्ताव विसंगतियों से भरा है और फिलहाल तो चुनाव आयोग यह ही तय नहीं कर पाया है कि प्रवासी मजदूरों की परिभाषा में किसे शामिल किया जाएगा और किसे नहीं।

राजनीतिक दलों से रिमोट वोटिंग मशीन पर मांगे विचार

उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने 31 जनवरी 2023 तक घरेलू प्रवासियों के लिए कानून में आवश्यक बदलाव, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में बदलाव और मतदान पद्धति/आरवीएम/प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न संबंधित मुद्दों पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिखित विचार भी मांगे हैं।

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