नगर निकाय चुनाव से 15 दिन पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण हुआ। बहुत से नाम घटे और बहुत से बढ़े भी। यह प्रक्रिया किस कदर कागजी रही कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जिन रिश्तेदारों की आठ वर्ष पहले मृत्यु हो गई। निकाय की मतदाता सूची में वह अभी तक जिंदा हैं। इनके परिवार के तीन और मृत लोगों का नाम भी मतदाता सूची में शामिल है। मतदान करने के लिए बाकायदा पर्चियां भी घर पर उपलब्ध करा दी गईं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बहन कमला दीक्षित व बहनोई नंद गोपाल की मृत्यु वर्ष 2015 में हो चुकी है। जबकि उनके भांजे अजय दीक्षित की मृत्यु वर्ष 2005 में हुई थी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शामिल भी हुए थे।
वहीं दूसरे भांजे अनिल दीक्षित की मृत्यु जनवरी 2021 में और उनकी पत्नी लक्ष्मी दीक्षित की मृत्यु वर्ष 2008 में हो गई थी। इन सभी के नाम नगर निकाय चुनाव की मतदाता सूची में आज भी हैं। इनके पते वार्ड-54 जयपुर हाउस के प्रताप नगर स्थित अलकापुरी (मकान नंबर-42-ए) पर मतदान पर्ची भी बीएलओ की ओर से उपलब्ध कराई गई।
बिक्री कर कार्यालय से मतदान कर निकलीं पूर्व प्रधानमंत्री की भांजा बहू (अजय दीक्षित की पत्नी) व राज्य महिला आयोग की निवर्तमान सदस्य निर्मला दीक्षित ने बताया कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान नाम मतदाता सूची से नाम कटवा दिया गया था। इसके बाद भी नगर निकाय की सूची में नाम आ गया है। मतदान पर्ची भी घर पहुंची। ये तो प्रशासन की ओर से घोर लापरवाही हुई है।
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