Saturday, October 12, 2024
Homeदेशआरबीआई ने दी बड़ी राहत और नहीं बढ़ाया रेपो रेट, नहीं बढ़ी...

आरबीआई ने दी बड़ी राहत और नहीं बढ़ाया रेपो रेट, नहीं बढ़ी लोन ईएमआई

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024 की पहली मौद्रिक पॉलिसी का एलान कर दिया है। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट पर अपने फैसले और महंगाई दर व विकास दर पर अपने अनुमानों से इस बात बाजार को सरप्राइज किया है। इससे पहले अनुमान था कि एमपीसी की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी कर सकता है। लेकिन लगातार छह बार रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद इस बार इसे अपरिवर्तित रखा गया है।

पिछली आठ मॉनिटरी पॉलिसी में से छह बार हुई है बढ़ोतरी

केंद्रीय बैंक ने आठ मॉनिटरी पॉलिसी बैठकों में से छह बार रेपो रेट में इजाफा किया है। पिछले साल मई से ये सिलसिला शुरू हुआ था। तब आरबीआई रेपो रेट 4 फीसदी पर था और अब रिजर्व बैंक का रेपो रेट 6.5 फीसदी पर पहुंच चुका है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास का कहना है कि ग्लोबल स्तर पर बढ़ रहे संकट को ध्यान में रखते हुए भी ये फैसला लिया गया है।

महंगाई पर क्या बोले आरबीआई गवर्नर

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई के मोर्चे पर देश के केंद्रीय बैंक के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं और हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है। जब तक महंगाई दर आरबीआई के तय लक्ष्य के करीब या इसके तहत नहीं आ जाती है, हमें लगातार काम करना होगा। आज की जाने वाले घोषणा में रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और अन्य संबंधित निर्णय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आरबीआई गवर्नर ने वर्तमान घरेलू और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की। बता दें कि बहुत से अर्थशास्त्रियों का मानना था कि रेपो रेट में एक चौथाई अंक या 25 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि हो सकती है।

आरबीआई ने महंगाई का अनुमान घटाया

वित्त वर्ष 2024 के लिए आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान 5.3 फीसदी से घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है. पूरे साल की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 के लिए महंगाई दर का अनुमान इस प्रकार है-

>>  वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में महंगाई दर 5.1 फीसदी

>>  इसी वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.4 फीसदी

>>  वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में महंगाई दर 5.4 फीसदी

>>  वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.2 फीसदी

ओपेक द्वारा कच्चे तेल में कटौती से बुरा असर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने को 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के कच्चे तेल के उत्पादन को घटाने के फैसले से मुद्रास्फीति का परिदृश्य गतिशील बना हुआ है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सामान्य मानसून के बीच यदि कच्चे तेल के दाम औसतन 80 डॉलर प्रति बैरल रहते हैं, तो चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहेगी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments