कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 का नतीजा साफ़ नज़र आ रहा है। विधानसभा की 224 सीटों पर कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सर्कार बनाती दिख रही है। हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक ने भी कांग्रेस को ज़ोरदार जीत दिलाई। विधानसभा चुनाव में हार के साथ ही दक्षिण भारत में बीजेपी का सफाया हो गया। पांच साल पहले भी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी , पर जनादेश नहीं मिला था। इस बार भी वोट प्रतिशत बना रहने के बावजूद बीजेपी दूसरे नंबर पर आ गई।
कांग्रेस की बड़ी जीत पर राहुल गांधी ने राज्य के लोगों को बधाई और धन्यवाद दिया। उन्होंने राज्य में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई भी दी।राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘शक्ति ने ताकत को हरा दिया, यह हर राज्य में होगा. हमने अभद्र भाषा का प्रयोग करके लड़ाई नहीं की. हमने राज्य में गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी. कर्नाटक में नफरत की राजनीति हार गई और राज्य में प्यार की जीत हुई है.’
कौन होगा मुख्यमंत्री ?
कर्नाटक में अब मुख्यमंत्री तय करना आसान नहीं होगा। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान को मोदी के लिए गाली साबित करने में बीजेपी नाकाम रही। गुजरात का फार्मूला कर्नाटक में नहीं चला क्योंकि सामने कर्नाटक का अपना बेटा ही था। कर्नाटक के घर-घर का मिल्क ब्रांड नंदिनी के सामने गुजरात के अमूल को लाने का मुद्दा बीजेपी के खिलाफ गया। आधा लीटर नंदिनी दूध देने के वादे ने इस मुद्दे पर बीजेपी को हुए नुकसान की भरपाई नहीं की। आने वाले चुनावों में अन्य राज्यों में भी बीजेपी को ऐसे मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है।
अपने गृह राज्य हिमाचल में पार्टी की सरकार बरकरार ना रख सके बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को कर्नाटक की पराजय का कुछ तो हलाहल पीना ही पड़ेगा। दूसरी तरफ अपने गृह राज्य कर्नाटक में बंपर जीत से मल्लिकार्जुन खरगे को ताकत मिलेगी और उन्हें कठपुतली बताने वाली बीजेपी की जुबान पर इस मामले में ताला लग सकेगा। सोनिया गांधी की कर्नाटक चुनाव में उपस्थिति भी कांग्रेस के लिए संजीवनी बनी, ऐसा कहा जा सकता है, इसका उल्टा करें तो सवाल बनता है कि मोदी ना गए होते तो बीजेपी का और क्या हुआ होता?
भाजपा ने नहीं लिया हिमाचल की हार से सबक
हिमाचल में हारने के बाद बीजेपी ने शायद सबक नहीं लिया, कांग्रेस ने हिमाचल की जीत को कर्नाटक में जारी रखा। महाराष्ट्र-कर्नाटक विवाद का हल दोनों राज्यों और केंद्र में भी बीजेपी सरकार होने के बावजूद नहीं करना बीजेपी की कर्नाटक में पराजय की बड़ी वजह बनी। मुंबई कर्नाटक और महाराष्ट्र कर्नाटक कहे जाने वाले क्षेत्रों में बीजेपी को इस बार काफी नुकसान हुआ।
कर्नाटक में कांग्रेस को राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का लाभ मिला और पार्टी में आज तक एकजुटता भी बनी रही, इसे बरकरार रखने की चुनौती अब कांग्रेस के सामने होगी।
सीएम बोम्मई ने ली हार की जिम्मेदारी
कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा, ‘मैं इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं. इसके कई कारण हैं. हम सभी कारणों का पता लगाएंगे और संसदीय चुनावों के लिए एक बार फिर से पार्टी को मजबूत करेंगे.’
#WATCH कर्नाटक की जनता का जो निर्णय है हम उसको स्वीकार करते हैं। हम विभिन्न स्तरों पर अपनी कमियों को देखेंगे, उन्हें ठीक करेंगे और इसे पुनर्गठित कर लोकसभा चुनाव में वापसी करेंगे: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई pic.twitter.com/xx4m9MvcYk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 13, 2023
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