Tuesday, November 12, 2024
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मुरैना के पास सुखोई-30 और मिराज-2000 क्रैश, पीएमओ से लेकर रक्षा मंत्री तक एक्टिव

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान क्रैश हो गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी और दोनों विमान अभ्यास उड़ान पर थे। अभी हादसे की वजह पता नहीं चल सकी है, जो जांच के बाद ही पता चल सकेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे के वक्त सुखोई 30 में दो पायलट और मिराज 2000 में एक पायलट सवार था। रिपोर्ट्स के अनुसार सुखोई-30 में 2 पायलट सवार थे।

जिन्होंने समय रहते पैराशूट की इस्तेमाल कर जेट से छलांग लगा दी, और उनकी जान बच गई। हालांकि मिराज 2000 में सवार पायलट को काफी गंभीर चोटें आई थीं। इससे पहले ही डॉक्टर उनका इलाज कर पाते वे शहीद हो गए। हादसे की खबर जैसी ही पुलिस-प्रशासन तक पहुंची तो आला अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। सीएम शिवराज ने भी ट्वीट कर हर संभव मदद करने की बात कही थी।

लोगों ने सुनी तेज धमाके की आवाज

जानकारी के मुताबिक, विमान हादसा पहाड़गढ़ से करीब पांच किमी दूरी निरार रोड पर मड़वाली माता के पास हुआ है। पहाड़गढ़ क्षेत्र के लोगों को जंगल में तेज आवाज सुनाई दी। जब वे मौके पर पहुंचे तो वहां पर विमान का मलबा पड़ा हुआ था और उसमें आग लगी हुई थी। हादसे की खबर पाते ही प्रशासन घटनास्थल पर रवाना हो गया।

सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान हादसे का शिकार

बताया जा रहा है कि दोनों फाइटर जेट ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी जो सुरक्षा अभ्यास में शामिल थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरफोर्स चीफ से हादसे की जानकारी ली है। रक्षा मंत्री CDS के भी संपर्क में हैं। मुरैना में सुखोई 30 और मिराज 2000 विमान क्रैश हो गए हैं। सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। पूरे इलाके को घेर लिया गया है। वहीं मुरैना के डीएम ने बताया कि वह एसपी के साथ हादसे की जगह जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद हैं। फायर ब्रिग्रेड की गाड़िया मौके पर रवाना कर दी गई हैं।

टीएसीडीई का हिस्सा था सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान

आपको बता दें कि ग्वालियर एयरबेस पर मिराज फाइटर जेट का बड़ा बेस तो है ही, साथ ही वायुसेना का कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर भी है। टीएसीडीई यानी टेक्टिक्स एंड एयर कॉम्ब डेवलपमेंट एस्टेबिलिशमेंट है। इस टीएसीडीई में फाइटर पायलट एडवांस कॉम्बैट ट्रेनिंग के लिए आते हैं। जो सुखोई और मिराज लड़ाकू विमान क्रैश हुआ है वो इसी टीएसीडीई का हिस्सा थे।

विमान हादसे पर सीएम शिवराज ने जताया दुख

राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्लेन हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मुरैना के कोलारस के पास वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है। मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव एवं राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं। विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं।

कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश

ग्वालियर एयर बेस पर सेंट्रल एयर कमान अभ्यास चल रहा था। ये अभ्यास सुखोई-30 और मिराज 2000 की क्षमता और स्थिति जांचने के लिए किया जा रहा था। ग्वालियर बेस मिराज का बेस है और हादसे से पहले रडार और एटीसी सक्रिय थे। इस घटना को लेकर कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। एयर मार्शल एपी सिंह इस इन्क्वायरी की अध्यक्षता कर रहे हैं। एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंच चुके हैं।

विमान हादसे पर पीएमओ और रक्षा मंत्री एक्टिव

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भारतीय वायु सेना के दो विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर वायु सेना प्रमुख द्वारा जानकारी दी गई है। रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के पायलटों की हालत के बारे में जानकारी ली और घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़ इन दोनों लड़ाकू विमानों के क्रैश की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र को भी दी गई है।

मिराज 2000 विमान की खासियत

फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट द्वारा निर्मित मिराज 2000 फाइटर जेट भारतीय वायुसेना के टॉप फाइटर जेट में से एक है। यह विमान पहली बार साल 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज 2000 फाइटर जेट हैं। सिंगल शाफ्ट इंजन SNECMA M53 से लैस यह विमान सिंगल सीटर है। मिराज 2000 की लंबाई 14.36 मीटर, पंखों समेत चौड़ाई 91.3 मीटर है। इस प्लेन का कुल वजन 7500 किलोग्राम है, जो कुल 17 हजार किलोग्राम वजन को लेकर उड़ान भर सकता है।

मिराज 2000 फाइटर जेट की टॉप स्पीड 2336 किलोमीटर प्रतिघंटा है और यह एक बार में अधिकतम 1550 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। बता दें कि मिराज 2000, रूस में बने सुखोई 30 से भी तेजी से उड़ान भर सकता है। मिराज अधिकतर 59 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है।

सुखोई-30 विमान की खासियत

सुखोई-30 चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जिसके आधुनिक वर्जन सुखोई 30 एमकेआई को रूस की कंपनी सुखोई और भारतीय कंपनी एचएएल ने मिलकर विकसित किया है। दो सीटों वाला यह मल्टी रोल फाइटर जेट दुनिया के सक्षम लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। इस विमान में दो टर्बोजेट इंजन लगे हैं, जो अधिकतम 2120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। 21.9 मीटर लंबा और 6.4 मीटर ऊंचे इस विमान की कुल चौड़ाई 14.7 मीटर है।

यह विमान कुल 38,800 किलोग्राम वजन लेकर उड़ान भर सकता है। सुखोई 30 300 मीटर प्रतिसेंकेंड की रफ्तार से ऊंचाई की तरफ उड़ान भर सकता है। सुखोई एक बार में अधिकतम 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। सुखोई 30 दुनिया के सबसे ज्यादा हथियारों से लैस फाइटर प्लेन में शुमार होता है और भारत में निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल समेत कई घातक मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है। यह विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी माना जाता है।

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