अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करने के लिए चीन समय-समय पर नाकाम कोशिश करता रहता है। एक बार फिर चीन ने अरुणाचल से जुड़ी जगहों का नाम अपने नक्शे में बदला है। इस पर अब विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह की कोशिश की है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न, अविच्छेद्य अंग है। उन्होंने कहा कि आविष्कार किए गए नामों को सौंपने का प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा।
पहले भी ऐसी हरकत कर चुका है चीन
यह तीसरी बार है जब चीन के नागरिक मंत्रालय की ओर से अपने रिकॉर्ड में अरुणाचाल प्रदेश के नाम को बदला गया है। इससे पहले 2017 में छह और 2021 में 15 जगहों का नाम चीन ने जारी किया था। हालांकि पहले भी भारत की ओर से इसे लेकर चीन को करारा जवाब मिलता रहा है। भारत ने पहले भी चीन के इस तरह के कदम को खारिज कर दिया था। भारत ने पहले भी कहा था कि यह राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। नाम बदलने से यह तथ्य नहीं बदल जाएगा।
चीन ने नक्शे में अरुणाचल से जुड़ी जगहों का नाम बदला
दरअसल, चीन ने एक बार फिर अरुणाचल से जुड़ी जगहों का नाम अपने नक्शे में बदला है। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नए नाम जारी किए। चीन अरुणाचल पर अपना दावा करता रहा है। मंत्रालय की ओर से रविवार को 11 जगहों के आधिकारिक नाम जारी किए गए, जिसमें दो भूमि क्षेत्र, दो आवासीय क्षेत्र, पांच पर्वत चोटियां और दो नदियां शामिल हैं।
तीन भाषाओ में है अरुणाचल प्रदेश के बदले हुए नाम की लिस्ट
चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे पर फिर से जोर देने के मकसद से इस भारतीय राज्य के लिए ‘‘चीनी, तिब्बती और पिनयिन’’ अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए। जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट द्वारा जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार ‘तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान’ बताता है।
दलाई लामा की यात्रा के बाद बदला था नाम
साल 2017 में दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर गए थे। चीन ने उनकी इस यात्रा की आलोचना की थी और कुछ दिनों बाद पहली बार नाम को बदला था। पिछले कुछ वर्षों में चीन और भारत के संबंध तनावपूर्ण देखने को मिले हैं। 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलान को लेकर स्टैंडऑफ देखने को मिला था। इसके अलावा व्यापार को लेकर भी चीन और भारत के बीच तनाव रहा है। भारत ने पिछले कई वर्षों में कई चीनी एप को बैन किया है।
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