केंद्र सरकार ने हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने का फैसला किया है ताकि देश के आम लोगों को इससे फायदा हो और इस धार्मिक यात्रा में ‘वीआईपी कल्चर’ खत्म हो। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने यह जानकारी दी। आपको बता दे कि मुस्लिम समाज में हज यात्रा बेहद ही पाक मानी जाती है। कहा जाता है कि हज किए बिना किसी मुस्लिम का जीवन पूरा नहीं होता है।
हर मुस्लिम कोशिश करता है कि वह अपने जीवन में एक बार हज यात्रा कर सके। भारत से हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का सरकार काफी सुविधाएं उपलब्ध कराती है और यात्री सरकार की देखरेख में ही हज पर जाते हैं। सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय समझौते के अनुसार इस साल के लिए भारत का हज कोटा 1,75,025 तय किया गया है।
हज यात्रा को लेकर किये कई बड़े बदलाव
इस बार भारत सरकार ने हज यात्रा को लेकर कई बड़े बदलाव किये हैं। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि इस बार हज के लिए वीआईपी कोटा खत्म कर दिया गया है। इससे पहले वीआईपी लोग सरकारी खर्चे पर सऊदी अरब जाया करते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही इस बार कोई भी वीआईपी डेलिगेशन का सऊदी अरब नहीं जाएगा। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम सऊदी अरब के शहर मक्का और मदीना जाएगी और वहां के हालात का जायज़ा लेगी।
मुस्लिम महिलाएं बिना सगे संबंधियों के हज पर जाएंगी
उन्होंने बताया कि इस बार 4314 मुस्लिम महिलाएं इस बार बिना सगे संबधी के हज पर यात्रा पर जाएंगी। इसके साथ ही इस बार भारतीय हज यात्रियों को लेकर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय मिलकर काम कर रहा है। इससे पहले अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ही अकेले काम देखता था। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ आने से हज यात्रियों के जो मेडिकल टेस्ट प्राइवेट होते थे, वे इस बार सरकारी भी हो सकेंगे। इसके साथ ही जिन यात्रियों को वैक्सीन नहीं लग सकी है उन्हें राज्य सरकार कैम्प लगाकर सब हज यात्रियों को वैक्सीन लगवायेगी। वहां भारतीय हज यात्रियों के मद्देनजर हालात का जायज़ा लेगी। उन्होंने बताया कि हज यात्रियों के लिए यह सभी सुविधाएं फ्री में उपलब्ध होंगी।
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