Monday, December 9, 2024
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बांग्लादेश ने दूसरी बार जीता U-19 एशिया कप का खिताब

भारत और बांग्लादेश के बीच अंडर-19 एशिया कप का मुकाबला खेला गया। इस मैच को बांग्लादेश की टीम ने अपने नाम कर लिया है। बांग्लादेश ने इस मुकाबले को 59 रन से अपने नाम किया। उनकी टीम ने लगातार दूसरी बार एशिया कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। पिछले एशिया कप में उन्होंने यूएई की टीम को फाइनल में हराया था। जो कि साल 2023 में खेला गया था। बांग्लादेश की टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सेमीफाइनल में पाकिस्तान की टीम को हराया था। बांग्लादेश ने अंडर 19 लेवल पर अपने क्रिकेट को काफी अच्छा कर लिया है।

कैसा रहा मैच का हाल

दोनों टीमों के बीच खेले गए इस मुकाबले के बारे में बात करें तो, इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान ने टॉस जीता और उन्होंने पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। टीम इंडिया के गेंदबाजों ने कप्तान के इस फैसले को सही भी साबित किया और उन्होंने बांग्लादेश की टीम को 49.1 ओवर में 198 के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया। बांग्लादेश की ओर से मोहम्मद शिहाब जेम्स और एमडी रिजान हुसैन थोड़ी अच्छी बल्लेबाजी की है। मोहम्मद शिहाब जेम्स ने इस मुकाबले में 40 रन और एमडी रिजान हुसैन ने 47 रनों की पारी खेली। वहीं टीम इंडिया की ओर से युधाजित गुहा, चेतन शर्मा और हार्दिक राज ने 2-2 विकेट झटका। वहीं किरण चोरमले, केपी कार्तिकेय और आयुष म्हात्रे ने एक-एक विकेट झटका है।

फिर शुरू बांग्लादेश के गेंदबाजों का कमाल

टीम इंडिया को इस मुकाबले में जीत के लिए 199 रनों का टारगेट मिला था। टीम इंडिया इस टारगेट को चेज करते हुए 35.2 ओवर में 139 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने इस मैच में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया। भारत की ओर से कोई भी बल्लेबाज 30 रन के आंकड़े तक को नहीं पार कर सका। भारत की ओर से कप्तान मोहम्मद अमान ने सर्वाधिक 26 रनों की पारी खेली। उन्होंने इस मैच में सिर्फ 40 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। इससे ही पता चलता है कि बांग्लादेश के गेंदबाजों ने कितनी अच्छी गेंदबाजी की है।

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सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान हुआ क्रैश ? रडार से था गायब

सीरिया में जारी राजनीतिक संकट के बीच बड़ी खबर सामने आई है। जिसमे दावा किया जा रहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान क्रैश हो गया है। कहा जा रहा है कि उनका विमान आसमान में 500 मीटर ऊपर क्रैश हुआ, जिसका मलबा भी बरामद हो गया। क्रैश होने से पहले विमान रडार से गायब हो गया था।

विद्रोहियों ने विमान को मार गिराया 

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद सीरिया छोड़ कर भाग गए हैं। उम्मीद जताई जा रही थी कि वह रूस या ईरान में पनाह ले सकते हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं है। राष्ट्रपति का विमान भी रडार बाहर है। इन्हीं खबरों के बीच एक सोर्स ने राष्ट्रपति की प्लेन क्रैश में मौत का दावा किया है। सीरिया से भागने बाद उनका प्लेन किसी जगह पर क्रैश हो गया है। फ्लाइट राडार के डेटा के मुताबिक असद के विमान ने अचानक यू-टर्न लिया और गायब हो गया। वही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि विद्रोहियों ने असद के विमान को मार गिराया है।

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सीरिया में लगातार आगे बढ़ रहे हैं विद्रोही

वही सीरिया में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विद्रोहियों ने सीरिया के तीन बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है, इनमें अलेप्पो, होम्स और दारा शहर शामिल हैं। विद्रोहियों ने होम्स में बनी राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता की प्रतिमा को भी तोड़ दिया। सीरिया की सेना शहरों, कस्बों और गांवों में लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है।

पीएम जलाली ने किया बड़ा ऐलान

इस बीच सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने कहा है कि वह शासन शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने को तैयार हैं। जलाली ने कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर ही हूं और कहीं नहीं गया हूं और यह इसलिए क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है।’’ उन्होंने कहा कि वह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाएंगे साथ ही उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह किया है।

कैदियों को किया आजाद

विद्रोहियों ने देश भर की तमाम जेलों से सभी कैदियों की रिहा कर दिया है। विद्रोहियों ने सरेंडर करने वाले सैनिकों के साथ बुरा व्यवहार न करने और सबको साथ लेकर सीरिया में नए सरकार के गठन की बात कही है। वहीं दमिश्क में कब्जे के बाद विद्रोहियों ने ये भी कहा है कि वह अभी कुर्द लड़ाकों से देश के नॉर्थ में लड़ रहे हैं।

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संसद में मिले नोटों की गड्डी, जांच कर लो पर किसी का नाम न लो

संसद में पांच सौ रुपये के नोटों की एक गड्डी सियासत का बड़ा मुद्दा बन गई। नोटों की गड्डी पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस के नेताओं और बीजेपी के नेताओं के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। और आखिरकार सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई। अब इस बात की जांच हो रही है कि आखिर सदन में मिले पांच सौ के नोट असली हैं या नकली, अगर असली हैं, तो नोटों की ये गड्डी किसकी है, अगर ये नोट सदन में गलती से छूटे, तो कोई इसे क्लेम करने क्यों नहीं आया। सभापति जगदीप धनखड़ ने अब इन सारे सवालों के जबाव खोजने के लिए जांच बैठा दी है, लेकिन जब उन्होंने इसकी जानकारी सदन को दी, कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा……

कांग्रेस को सभापति की बात बुरी लगी। हुआ यूं कि सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पांच सौ के नोटों का बंडल सीट नंबर 222 पर मिला है और ये सीट कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के नाम पर आवंटित है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बयान पर आपत्ति जताई। कहा कि अगर सभापति ने जांच के आदेश दे दिए हैं तो फिर जांच पूरी होने से पहले किसी सदस्य का नाम लेने की क्या जरूरत है। अभिषेक मनु सिंघवी का नाम क्यों लिया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि सभापति ने सिर्फ उस सीट के बारे में बात की है जिस पर नोटों का बंडल मिला है, इसमें गलत क्या है, इस पर इतनी हायतौबा क्यों मचाई जा रही है।

संसद में नोटों की गड्डी मिलना गंभीर मामला – जे पी नड्डा

सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि सदन में नोटों की गड्डी मिलना बेहद गंभीर मामला है। इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता, इसलिए इसकी जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन विपक्ष जिस तरह से सदन में हंगामा कर रहा है, उससे शक पैदा होता है। कांग्रेस के तर्क को केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पकड़ लिया। पीयूष गोयल ने कहा कि अगर कांग्रेस तैयार हो तो ये नियम बना दिया जाए कि अगर किसी मामले में जांच चल रही है तो उस मामले में किसी का नाम नहीं लिया जा सकता। पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेता तो विदेशी अखवारों में छपी खबरों को उठाकर रोज सदन में हंगामा करते हैं,क्या वो सब ठीक है।

नोटों का बंडल उनका नहीं – अभिषेक मनु सिंघवी

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अडानी के मामले में भी जांच चल रही है, फिर भी कांग्रेस दिन रात अडानी के नाम की माला जपती है। अगर जांच से पहले सिंघवी का नाम लेना गलत है तो जांच पूरी होने से पहले अडानी का नाम लेना ठीक कैसे हो सकता है। कांग्रेस का सवाल जायज़ है, जबतक जांच नहीं होती, किसी का नाम कैसे लिया जा सकता है। अभिषेक मनु सिंघवी कह रहे हैं कि नोटों का बंडल उनका नहीं है तो फिर उनका नाम क्यों लिया गया। जांच पूरी होने का इंतजार क्यों नहीं किया गया।

संसद में जब जवाब जवाब देना हुआ मुश्किल

जब कांग्रेस नेताओ की ये बात बीजेपी के नेताओं को बहुत पसंद आई। उन्होंने पूछा कि अगर बिना जांच के नाम नहीं लिया जाना चाहिए तो फिर राहुल गांधी रोज रोज अडानी का नाम लेकर हंगामा क्यों करते हैं। दूसरी बात, अडानी भी कहते हैं कि उन पर लगे आरोप फर्जी हैं। तो उनके मामले में कांग्रेस जांच पूरी होने का इंतजार क्यों नहीं करती। कांग्रेस अपने जाल में फंस गई। जब पीयूष गोयल ने सुझाव दिया कि इस बात पर सहमति बनाई जाए।

जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी का नाम नहीं लिया जाए, तो कांग्रेस के नेता इस बात के लिए तैयार नहीं थे। अब सवाल ये है कि क्या कांग्रेस के नेताओं के लिए नियम अलग होने चाहिए। क्या कांग्रेस को बिना जांच के किसी पर भी आरोप लगाने का लाइसेंस है। अब कांग्रेस के नेताओं के लिए इसका जवाब देना मुश्किल हो गया।

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अयोध्या सांसद को लेकर संसद में राहुल गांधी से खफा हुए अखिलेश

शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में विपक्ष हंगामा करके भले ही माहौल गर्म करने की कोशिश में लगा है लेकिन विपक्ष के अंदर सब कुछ ठंडा नजर आ रहा है। लोकसभा में सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर भी इंडिया ब्लॉक के अंदर खींचतान शुरू हो गई है। 18वीं लोकसभा की नई सिटिंग व्यवस्था के तहत अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद को दूसरी पंक्ति में सीट दी गई है जिससे समाजवादी पार्टी नाराज हो गई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने सीटों में बदलाव को लेकर अखिलेश यादव को कोई जानकारी नहीं दी है जिससे वह काफी और उनती सांसद पत्नी डिंपल यादव काफी नाराज हैं।

कांग्रेस ने अयोध्या सांसद को पीछे क्यों भेजा ?

अखिलेश यादव की नाराजगी इस बात से है कि सिटिंग व्यवस्था में बदलाव करने से पहले उन्हें जरूर विश्वास में लिया जाना चाहिए था। इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल है और उसे अपने सहयोगी दलों को सीटें आवंटित करनी होती है। कांग्रेस ने पहली पंक्ति में सपा सांसदों के बैठने की संख्या दो को घटा दिया है। कांग्रेस ने अगली पंक्ति में अब एक सीट कर दी है, यानी अखिलेश यादव ही अगली पंक्ति में बैठेंगे। इसी बात को लेकर अखिलेश यादव नाराज हो गए हैं।

डिंपल यादव ने स्पीकर के सामने उठाया मामला

उधर, डिंपल यादव ने इस मामले को स्पीकर के सामने उठाया और उन्होंने स्पीकर से आगे की पंक्ति में एक और सीट देने के लिए अनुरोध किया। डिंपल यादव ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि वो हमारी बात सुनेंगे। अवधेश अब तक पहली पंक्ति में नेता विपक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बगल में बैठते थे। अब वह अखिलेश के पीछे वाली पंक्ति में बैठे दिखाई देते हैं।

पहली में राहुल, अखिलेश वही चौथी कतार में प्रियंका

वहीं, आपको बता दें कि विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी के सदन में आने के बाद उनको चौथी कतार में 517 नंबर की सीट दी गई है। विपक्ष की ओर से पहली कतार में पहली सीट पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी बैठेंगे। उनकी सीट का नंबर 498 है। उनके साथ सपा के मुखिया अखिलेश यादव बैठेंगे। उनकी सीट का नंबर 355 है। फैजाबाद-अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद अब दूसरी कतार में बैठेंगे। वह डिंपल यादव के साथ सीट नंबर 357 पर बैठेंगे।

कांग्रेस का प्रदर्शन, अखिलेश ने बनाई दूरी

6 महीने पहले जो विपक्ष एकजुट दिख रहा था, वो अब बिखरा नजर आ रहा है इसकी बड़ी वजह मुद्दों पर मतभेद भी है। इंडिया ब्लॉक संसद में मुद्दों पर एक नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस जहां अडाणी के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है वहीं समाजवादी पार्टी संभल मुद्दे पर चर्चा चाहती है। इसकी झलक 5 दिसंबर को संसद भवन के बाहर भी दिखी जहां कांग्रेस के प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के सांसद शामिल नहीं हुए। इससे पहले संभल मुद्दे पर भी दोनों की दूरियां सामने आ चुकी हैं।

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राज कपूर की विरासत का मनाइए जश्न, देखिए उनकी कुछ टाइमलेस क्लासिक्स

लेजेंड्री राज कपूर की 100वीं जयंती मौके पर ‘राज कपूर 100 – सेलिब्रेटिंग द सेंटेनरी ऑफ द ग्रेटेस्ट शोमैन’ नाम से आरके फिल्म्स, फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, एनएफडीसी, एनएफएआई एंड सिनेमाज साथ मिलकर एक उत्सव का आयोजन करने जा रहे है। यह तीन दिवसीय उत्सव 13 दिसंबर को शुरू होगा और 15 दिसंबर तक जारी रहेगा। इसके अंतर्गत 40 शहरों और 135 सिनेमाघरों में राज कपूर की 10 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।

स्क्रीनिंग पीवीआर-इनॉक्स और सिनेपोलिस सिनेमाघरों में होगी। ताकि दर्शकों को यह सुनिश्चित हो सके कि देश भर में अत्याधुनिक स्थानों पर इस ट्रिब्यूट का अनुभव कर सकते हैं। खास बात यह है कि हर सिनेमा घर में टिकट की कीमत मात्र ₹100 रखी गई है, ताकि हर कोई इस जादुई सफर का हिस्सा बन सके।

“द ग्रेटेस्ट शोमैन” के नाम से मशहूर राज कपूर

राज कपूर (1924–1988) भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े फिल्म निर्माताओं में से एक माने जाते हैं, जिन्होंने विश्व सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। “द ग्रेटेस्ट शोमैन” के नाम से मशहूर राज कपूर ने फिल्म निर्माण, अभिनय और निर्देशन में ऐसा अद्भुत काम किया, जो आज भी प्रेरणा देता है। अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के कदमों पर चलते हुए राज कपूर ने अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने इंकलाब (1935) में एक बाल कलाकार के रूप में काम किया। इसके बाद 1948 में उन्होंने आर.के. फिल्म्स स्टूडियो की स्थापना की और कई ऐतिहासिक फिल्में बनाई।

जब राज कपूर को मिला क्रिस्टल ग्लोब

उनकी फिल्मों में आज़ादी के बाद के भारत के आम आदमी के सपने, गांव और शहर के बीच का संघर्ष और भावनात्मक कहानियां जीवंत हो उठती थीं। आवारा (1951), श्री 420 (1955), संगम (1964) और मेरा नाम जोकर (1970) जैसी फिल्में आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में बसी हुई हैं। उनका प्रसिद्ध किरदार, चार्ली चैपलिन से प्रेरित एक ‘आवारा’, दुनिया भर में लोकप्रिय हुआ, खासकर सोवियत संघ में बहुत ज्यादा इसको सराहा गया।

राज कपूर को पद्म भूषण (1971), दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (1988) और कई फिल्मफेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। आवारा और बूट पॉलिश जैसी उनकी फिल्में कांस फिल्म फेस्टिवल में भी शामिल हुईं, और जागते रहो ने कार्लोवी वैरी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में क्रिस्टल ग्लोब जीता।

हमारा छोटा सा ट्रिब्यूट – रणधीर कपूर

अभिनेता और फिल्म निर्माता रणधीर कपूर का मानना है कि , “राज कपूर सिर्फ एक फिल्म निर्माता नहीं थे, वे एक दूरदर्शी थे, जिन्होंने भारतीय सिनेमा की भावनात्मक परंपरा को आकार दिया। उनकी कहानियां केवल फिल्में नहीं, बल्कि भावनात्मक यात्राएं हैं जो पीढ़ियों को जोड़ती हैं। यह उत्सव उनकी दृष्टि को हमारा छोटा सा ट्रिब्यूट है।”

टाइमलेस कहानियाँ प्रेरणा देती है – रणबीर कपूर

रणबीर कपूर, अभिनेता , “हमें बहुत गर्व है कि हम राज कपूर परिवार के सदस्य हैं । हमारी पीढ़ी एक ऐसे दिग्गज के कंधों पर खड़ी है, जिनकी फिल्मों ने अपने समय की भावनाओ को दर्शाया और दशकों तक आम आदमी को आवाज दी। उनकी टाइमलेस कहानियाँ प्रेरणा देती रहती हैं, और यह फेस्टिवल उस जादू का सम्मान करने और सभी को बड़े पर्दे पर उनकी विरासत का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करने का हमारा एक तरीका है।

इस उत्सव में राज कपूर की सबसे प्रसिद्ध फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:

>> आग (1948)

>> बरसात (1949)

>> आवारा (1951)

>> श्री 420 (1955)

>> जागते रहो (1956)

>> जिस देश में गंगा बहती है (1960)

>> संगम (1964)

>> मेरा नाम जोकर (1970)

>> बॉबी (1973)

>> राम तेरी गंगा मैली (1985)

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यूपी पुलिस ने राहुल के काफिले को रोका वही संभल घटना में पाकिस्तान की एंट्री

संभल में हिंसा के बाद से पुलिस प्रशासन स्थिति सामान्य करने में लगा है तो इस पर सियासी पारा भी गर्म होता जा रहा है। आज लोकसभा से विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संभल के दौरे पर जाने की तैयारी में हैं। राहुल को रोकने के लिए यूपी पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर पूरी तैयारी करके रखी है। सुबह से ही बैरिकेडिंग की जा चुकी है। कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं। संभल प्रशासन ने भी उन्हें रोकने के लिए इंतजाम किए हैं। दरअसल, संभल प्रशासन ने 10 दिसंबर तक किसी भी राजनीतिक पार्टी के आने पर पाबंदी लगाई हुई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऐलान के बाद उन्हें संभल जाने की इजाजत नहीं मिली है क्योंकि जिले में धारा 163 लागू है जिस वजह से राहुल के दौरे पर रोक लगाई गई है।

मस्जिद की जगह पर मंदिर का है दावा

बता दें कि संभल की एक कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हुए थे। कोर्ट में दायर वाद में दावा किया गया है कि मस्जिद की जगह कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था। राहुल के संभल दौरे के बारे में पूछे जाने पर जिले के एसपी कृष्ण कुमार ने कहा, ‘संभल में पहले से ही BNSS की धारा 163 लागू है। किसी को भी संभल आने की इजाजत नहीं है। यदि वह आते हैं तो उन्हें नोटिस दिया जाएगा।

सरकार अपनी कमियां छिपाना चाहती है- कांग्रेस

प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि कोई भी राजनीतिक दल यहां न आए। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सरकार अपनी कमियां छिपाना चाहती है इसलिए इजाजत नहीं दी जा रही लेकिन हम संभल जाकर रहेंगे। वहीं, बीजेपी का कहना है कि संभल में प्रशासन ने पूरी तत्परता के साथ काम किया है। वहां की स्थिति सामान्य है लेकिन विपक्षी पार्टियां स्थिति को लगातार बिगाड़ने की कोशिश में लगी हैं।

संभल हिंसा का पाकिस्तान कनेक्शन

एक ओर संभल हिंसा पर जहां सियासत जारी है तो दूसरी ओर संभल हिंसा का पाकिस्तान और अमेरिका कनेक्शन सामने आया है। दरअसल मंगलवार को घटनास्थल पर गई फोरेंसिक टीम को सर्च ऑपरेशन के दौरान नालियों से पाकिस्तानी खोखे मिले। जानकारी के मुताबिक ये खोखे पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने हैं। इसके अलावा मेड इन USA का भी कारतूस बरामद किया गया है जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये सब प्री प्लान था और इस दंगे के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी हुई है।

DM ने राहुल को संभल ना आने को कहा

इससे पहले राहुल के दौरे को लेकर संभल के DM राजेंद्र पेंसिया ने गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद और अमरोहा के पुलिस अधिकारियों को लेटर लिखा जिसमें राहुल गांधी को जिले की सीमाओं में ही रोकने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है। पुलिस प्रशासन ने ये साफ किया है कि राहुल गांधी को संभल जाने की परमिशन नहीं दी जा सकती है क्योंकि संभल में जिला मजिस्ट्रेट ने जो प्रतिबंध लगाए हैं, वो अब भी प्रभावी हैं जिसे देखते हुए राहुल गांधी को रोकने के लिए सभी कानूनी उपाय किए जाएंगे।

अखिलेश ने संसद में उठाया संभल का मुद्दा

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को संसद में संभल का मुद्दा उठाया। अखिलेश यादव ने संभल में हिसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया। अखिलेश ने कहा कि संभल की हिंसा बीजेपी की साज़िश का नतीजा थी जिसपर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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आखिर क्यों दिल्ली नहीं आना चाहते नितिन गडकरी ? किया बड़ा खुलासा

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के बढ़ते स्तर से परेशान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा बयान दिया है। बीजेपी के कद्दावर नेता गडकरी ने मंगलवार को माना कि उन्हें दिल्ली आने का मन नहीं करता, क्योंकि यहां उन्हें अक्सर संक्रमण हो जाता है। देश की राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नागपुर से सांसद गडकरी ने कहा कि दिल्ली शहर ऐसा है कि ‘मुझे यहां रहना पसंद नहीं है। यहां प्रदूषण के कारण मुझे संक्रमण हो जाता है।

नितिन गडकरी ने और क्या कहा

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गडकरी ने कहा कि भारत 22 लाख करोड़ रुपये के फॉसिल फ्यूल का आयात करता है, जो अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और पारिस्थितिकी के दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हम वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देकर जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकते हैं। वही अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर गडकरी ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी है, इसलिए आने वाले वक्त में सरकार को आर्थिक और सामाजिक समानता हासिल करना सुनिश्चित करना होगा।

दिल्ली में आते हुए ऐसा लगता है कि…

गडकरी ने कहा कि जब भी उन्हें दिल्ली आना होता है वह असमंजस की स्थिति में होते हैं। उन्होंने कहा, ‘हर बार दिल्ली में आते हुए ऐसा लगता है कि जाना चाहिए कि नहीं। इतना भयंकर प्रदूषण है।’ गडकरी ने सुझाव दिया कि प्रदूषण को कम करने का सबसे अच्छा तरीका जीवाश्म ईंधन यानी कि पेट्रोल और डीजल की खपत को कम करना है। मंगलवार को दिल्ली के निवासियों ने हवा की क्वॉलिटी में थोड़ा सुधार देखा लेकिन फिर भी यह काफी प्रदूषित थी। सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी कि AQI 274 पर था, हालांकि यह पिछले कुछ दिनों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।

दिल्ली वालो को मिली थोड़ी राहत

वही दिल्ली वासियों के लिए दिसंबर की शुरुआत नवंबर की तुलना में थोड़ी राहत देने वाली रही है क्योंकि पिछले महीने AQI अक्सर 400 के पार ही नजर आया था। इस तरह देखा जाए तो नवंबर में महीने के ज्यादातर दिनों में हवा में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक था। प्रदूषण की वजह से हालात इतने खराब हो गए थे कि स्कूलों तक को बंद करने की नौबत आ गई थी। इसके अलावा सरकार ने दफ्तरों में भी कर्मचारियों की संख्या को सीमित कर दिया था।

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ताजमहल को बम से उड़ाने की मिली धमकी, मच गया हड़कंप

यूपी के आगरा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। आगरा के ताजमहल को आज ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद का कहना है कि पर्यटन विभाग को ईमेल मिला है। उसके आधार पर ताजगंज थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है। आगे की जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से स्कूल, ट्रेनों, होटलों और फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि इसमें से ज्यादातर धमकियां फर्जी पाई गई हैं। लेकिन ताजमहल विश्व प्रसिद्ध धरोहर है और उसे धमकी देने के मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।

ताजमहल के भीतर और बाहर हुई सघन जांच

धमकी के बाद ताजमहल के भीतर और बाहर के इलाकों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। ताजमहल के भीतर सीआईएसएफ की टीम ने जांच की है और आसपास के इलाकों को खंगाला जा रहा है। हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी तरह की संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक, धमकी वाले ईमेल में बम के फटने का समय भी दिया गया था। इसमें कहा गया था कि ताजमहल में बम लगा है। यह बम सुबह 9 बजे फटेगा। इस ईमेल के मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई थीं और मामले की जांच में लग गई थीं।

ताजमहल के पास सुरक्षा एजेन्सिया तैनात

मामले की गंभीरता को देखते हुए ताजमहल के पास सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है और मेल करने वाले शख्स की पहचान की जा रही है। बम निरोधक दस्ता सहित अन्य टीमों ने ताजमहल पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। इस मामले के सामने आने के बाद ये सवाल उठने लगा है कि आखिर ये बम की धमकियों का सिलसिला कब खत्म होगा? पर्यटकों में भी इस खबर के बाद से डर का माहौल है।

read more : इन म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने 5 साल में दिया छप्पर फाड़ रिटर्न

इन म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने 5 साल में दिया छप्पर फाड़ रिटर्न

एसआईपी को म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का सबसे अच्छा जरिया माना जाता है। हालांकि, आप एकमुश्त निवेश के जरिए भी म्यूचुअल फंड्स से मोटा पैसा बना सकते हैं। एम्फॆ के आंकड़ों के मुताबिक, कई इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों के पैसों को कुछ सालों में ही कई गुना बढ़ा दिया है। यहां हम 5 ऐसे म्यूचुअल फंड स्कीम्स के बारे में जानेंगे .जिन्होंने पिछले 5 साल में निवेशकों के एकमुश्त निवेश को सीधे 4 गुना बढ़ा दिया है और ये सभी स्मॉल कैप फंड्स हैं। इनमें एक फंड ऐसा भी है, जिसने 5 साल में एकमुश्त निवेश को 6.7 गुना बढ़ा दिया है।

एडलवाइस स्मॉल कैप फंड

एडलवाइस स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 32.05 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.19 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 41.9 लाख रुपये हो जाता।

केनरा रोबेको स्मॉल कैप फंड

केनरा रोबेको स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 36.07 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.35 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 43.5 लाख रुपये हो जाता।

निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड

निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 37.03 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.66 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 46.6 लाख रुपये हो जाता।

बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप फंड

बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 39.62 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.9 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 49 लाख रुपये हो जाता।

क्वांट स्मॉल कैप फंड

क्वांट स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 48.01 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 6.7 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 67 लाख रुपये हो जाता।

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यू-ट्यूब से सीखा तंत्र-मंत्र और मासूम बच्ची की चढ़ा दी बलि

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में अंधविश्वास की वजह से एक मासूम बच्ची की हत्या का मामला सामने आया है। यहां मां की ममता ने दूसरे मां की कोख सूनी कर दी। हत्या की इस के बाद इलाके में हड़कंप मत गया। पूरा मामला कुछ दिन पहले देवरिया के भटनी थाना क्षेत्र के डेहरा डाबर का बताया जा रहा है कि यहां हाल ही में एक बच्ची का शव बरामद हुआ था, जिसकी हत्या की गई थी। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। हत्या की वजह तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास बताया जा रहा है। इतना ही नहीं हत्या की घटना को अंजाम देने वाली महिला मृतक मासूम की रिश्तेदार ही निकली।

27 नवंबर को हुई थी मासूम की हत्या

दरअसल, देवरिया पुलिस ने आज जिस हत्याकांड का खुलासा किया है, ये घटना 27 नवम्बर की बताई जा रही है। भटनी में 27 नवंबर को एक मासूम बच्ची की हत्या की गई थी। बेरहमी से हत्या करने के बाद बच्ची को एक पेड़ के पास फेंक दिया गया था। इस हत्या की गुत्थी इंतनी पेंचीदा थी कि पुलिस को घटना का खुलासा करने में चार दिन लग गए। पुलिस जिस हत्यारे को घर से बाहर खोज रही थी, वह अपराधी मृतका की ही रिश्तेदार निकली। हालांकि जब पुलिस ने शक के आधार पर पूछताछ शुरू की तो हत्या का खुलासा हो सका।

यूट्यूब से सीखा तंत्र-मंत्र

बताया जा रहा है कि आरोपी अवधेश और उसकी पत्नी सविता अपने मामा के यहां शादी में गए थे, जहां उन्होंने घटना को अंजाम दिया। अवधेश की पत्नी सविता के सपने में देवी मां आई थी, जिससे उसे आभास हुआ कि अगर वह किसी कुंवारी बच्ची की बली देती है तो उसका जो विक्षिप्त बालक है, वह ठीक हो जाएगा। सपने में देवी मां को देखने के बाद सविता ने यूट्यूब से तंत्र-मंत्र सिखा और उसके बाद पूरी घटना को अंजाम दिया। उसने मासूम बच्ची की बलि चढ़ा दी और उसके बाद शव को फेंक दिया।

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योगी सरकार ने घोषित किया एक नया जिला, यूपी में अब 75 नहीं होंगे 76 जिले

उत्तर प्रदेश में अब तक आप पढ़ते आ रहे थे कि प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, अगर अब आप अपडेट नहीं हुए तो गलत हो जाएंगे क्योंकि योगी सरकार ने प्रदेश में एक नया जिला बना दिया है। यह जिला अब तक प्रयागराज जिले में आता था।उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एक नया जिला घोषित कर सभी को चौंका दिया है। यह जिला अभी तक प्रयागराज क्षेत्र में आता था, लेकिन अब इसे प्रयागराज से अलग कर एक नया नाम दे दिया गया है। इस जिले का नाम है महाकुंभ मेला। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एक मीटिंग कर अधिकारियों को आदेश दिए। जिसके बाद प्रयागराज के जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी। हालांकि यह जिला अस्थायी जिला है।

बीते दिन लिया गया फैसला

यह फैसला बीते दिन रविवार को लिया गया है। प्रयागराज डीएम ने इस निर्णय के तहत नए महाकुंभ मेला जिले का गठन किया है। जानकारी दे दें कि यह फैसला आगामी कुंभ मेले के प्रबंधन और प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिए लिया गया, ताकि जनवरी 2025 में होने वाले भव्य धार्मिक आयोजन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित किया जा सके। डीएम के जारी आदेश के मुताबिक, नवगठित जिला महाकुंभ मेला के नाम से जाना जाएगा। कुंभ मेले के विशेष आयोजन को सुचारू रूप से मैनेज करने और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी
जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी
जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी
जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी

नए ज़िले के लिए आदेश किया गया जारी

सरकारी आदेश में कहा गया, “मैं, रविन्द्र कुमार मांदड़, जिला मजिस्ट्रेट, शासन के पत्र संख्या-3966/9-1-2024-408057 दिनांक 25.11.2024 में दिए गए निर्देशों के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण, प्रयागराज अधिनियम, 2017 की धारा 2(ध) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए महाकुंभ 2025 के आयोजन हेतु महाकुंभ मेला जिला घोषित करने हेतु अधिसूचना जारी करता हूं। महाकुंभ मेला जिले की सीमा निम्नानुसार होगी। अनुलग्नक-I में वर्णित राजस्व गांवों और संपूर्ण परेड क्षेत्र का क्षेत्रफल महाकुंभ मेला जिला/मेला क्षेत्र में शामिल होगा।

नया जिला महाकुंभ मेला

आदेश में आगे कहा गया है कि, “महाकुंभ मेला जनपद/मेला क्षेत्र में मेलाधिकारी, कुंभ मेला, प्रयागराज को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-14(1) एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अधीन कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्राप्त होंगी तथा उक्त संहिता या वर्तमान में प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन जिला मजिस्ट्रेट की समस्त शक्तियां प्राप्त होंगी तथा उक्त जनपद में अपर कलेक्टर की नियुक्ति कर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 (यथा संशोधित उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2016 (उ.प्र. अधिनियम संख्या 4, 2016)) की धारा-12 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अधीन सभी श्रेणी के मामलों में कलेक्टर की समस्त शक्तियों का प्रयोग करने तथा कलेक्टर के समस्त कार्यों का संपादन करने का अधिकार होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

गौरतलब है कि हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला आगामी महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा।

read more : किसानों की होगी मुख्य सचिव से मीटिंग, नहीं जायेगे दिल्ली

किसानों की होगी मुख्य सचिव से मीटिंग, नहीं जायेगे दिल्ली

नोएडा से हजारों की संख्या में किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया है। किसानों के दिल्ली कूच की वजह से नोएडा के कई इलाकों में भारी जाम लगा हुआ है। एक्सप्रेस पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा है। किसानों का मार्च आज दोपहर महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू हुआ है। पैदल और ट्रैक्टरों पर बैठकर किसानों का विशाल समूह आज दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी ताकि किसानों को दिल्ली जाने रोका जा सके।

वहीं दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी है। दरअसल, किसानों ने आज संसद भवन के घेराव का ऐलान किया है, इसलिए आज वो टैक्ट्रर से दिल्ली मार्च करना चाहते हैं। किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर बैरियर लगाए हैं और साथ ही कई रूट को डायवर्ट भी किया है।

दिल्ली पुलिस की तैयारियों पर डीसीपी का बयान

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले दिल्ली पुलिस की तैयारियों पर पूर्वी दिल्ली डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने कहा, “हमें अग्रिम जानकारी मिली थी कि कुछ किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का एलान किया है। अभी सदन भी चल रहा है तो फिलहाल उन्हें नई दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। हमने अपनी ओर से पुख्ता इंतजाम किए हैं हमारी कोशिश रहेगी की दिल्ली में कानून व्यवस्था बाधित ना हो, ट्रैफिक की समस्या ना आए और आम जनता को भी किसी प्रकार की परेशानी ना आए। हम लगातार नोएडा पुलिस के संपर्क में हैं और जानकारी साझा कर रहे हैं।

 

किसानों ने अम्बेडकर पार्क के सामने बैरिकेडिंग तोड़ी

प्रदर्शनकारी किसानों ने अम्बेडकर पार्क के सामने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी है। दिल्ली कूच के लिए आमादा किसान कंटेनर और बैरीकेड की लेयर तोड़कर आगे आ गए हैं और बीच सड़क पर बैठ गए हैं। इससे पहले किसानों ने महामाया पर भी पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। किसानों के इस आंदोलन के चलते नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पूरा तरह से बंद हो गया है। फ्लाईओवर के नीचे पूरा एक्सप्रेस वे बंद हो गया है। जिससे काफी लंबा जाम लग गया है।

अब किसानों का दिल्ली नहीं जाने का ऐलान

किसान नेताओं का कहना है अधिकारियों से बात हुई है। इस हफ्ते मुख्य सचिव से मीटिंग कराएंगे, फिलहाल दिल्ली नहीं जाएंगे। सांकेतिक प्रदर्शन अंबेडकर पार्क के अंदर रहेगा। सड़क खोल रहे हैं। किसान नेताओं को जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगे यूपी के मुख्य सचिव तक पहुंचाई जा रही हैं। लेकिन तब तक किसान सड़क से हटकर दलित प्रेरणा स्थल पर चले जाएं। किसान नेताओं ने ये बात मान ली हैं और दलित प्रेरणा स्थल के अंदर चले गए हैं। किसान नेता किसानों से भी अपील कर रहें हैं कि वो भी सड़क से हटकर दलित प्रेरणा स्थल के अंदर चले आएं जिससे ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे ट्रैफिक सुचारू रूप से शुरू हो जाए।

चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी पर भारी जाम

जो दिल्ली से नोएडा या नोएडा से दिल्ली रोजाना दफ्तर के लिए जाते हैं उन्हें आज परेशानी होगी क्योंकि कालिंदी कुंज से सेक्टर 18 जाने वाले रास्ते पर जाम है। साथ ही नोएडा महामाया फ्लाइओवर से लेकर चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी पर भी जाम है ऐसे में लोगों से मेट्रो का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।

read more : बादशाह का नवीनतम ट्रैक ‘मोरनी’ महान अभिनेत्री श्रीदेवी को ट्रिब्यूट

बादशाह का नवीनतम ट्रैक ‘मोरनी’ महान अभिनेत्री श्रीदेवी को ट्रिब्यूट

बादशाह के हाल ही में रिलीज़ हुए ट्रैक मोरनी ने इंटरनेट पर धूम मचा दी है। रिलीज होने के बाद से, इस गाने ने श्रोताओं थिरकने और झूमने पर मजबूर कर दिया है। मोरनी ने श्रीदेवी की क्लासिक फिल्म लम्हे की प्रतिष्ठित धुन मोरनी बागा मा बोले को पिरोया है। मूल ट्रैक में लता मंगेशकर और इला अरुण की प्रसिद्ध आवाज़ें थीं। हाल ही में, बादशाह ने गाने के बारे में जानकारी साझा की और खुलासा किया कि उन्होंने इस विशेष क्लासिक को क्यों चुना, जो तेजी से सीज़न का पार्टी एंथम बन रहा है।

बादशाह की पसंदीदा फिल्मों में से एक

हाल ही में एक इवेंट में, रैपर-गायक ने खुलासा किया कि लम्हे उनकी “अब तक की सबसे पसंदीदा फिल्मों” में से एक है। राजस्थान में पैतृक जड़ों के साथ, बादशाह का लोक संगीत के प्रति प्रेम मोरनी में चमकता है। उन्होंने व्यक्त किया कि लम्हे दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है और बताया कि कैसे मोरनी बागा मा बोले गाना सभी के दिलों में गहराई से समा जाता है। उन्होंने ट्रैक को फिल्माने को एक “प्यारा अनुभव” बताया और बताया कि राजस्थान के लोगों ने उनका कितनी गर्मजोशी से स्वागत किया।

बादशाह का नवीनतम ट्रैक 'मोरनी'
बादशाह का नवीनतम ट्रैक ‘मोरनी’

बादशाह का ट्रैक मोर्नी बना सनसनी

सोशल मीडिया पर, मोर्नी एक वायरल सनसनी बन गई है, जो प्रशंसकों को रील और डांस वीडियो बनाने के लिए प्रेरित कर रही है। बादशाह का टिप्पणी अनुभाग उनकी विशिष्ट शैली को कालातीत क्लासिक के साथ मिश्रित करने के लिए सराहना से भरा हुआ है। यह ट्रैक, बादशाह, पॉप गायिका शारवी यादव और निर्माता हितेन के सहयोग से बनाया गया है, जो लोक संगीत और देसी स्वैग का एक आदर्श मिश्रण पेश करता है, जो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है। सारेगामा के तहत निर्मित, मोर्नी को पहले ही 34 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।

read more : कांग्रेस अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव, आप के साथ नहीं होगा गठबंधन

कांग्रेस अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव, आप के साथ नहीं होगा गठबंधन

दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आधिकारिक तौर पर ऐलान किया कि दिल्ली में कांग्रेस सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आम आदमी पार्टी या किसी अन्य दल के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।

मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव बाद होगा

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार करते हुए आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी 70 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने साफ किया कि चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में फैसला चुनाव के बाद कांग्रेस विधायक दल द्वारा किया जाएगा।

लोकसभा में कांग्रेस-आप के बीच था गठबंधन

बता दें कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी। लेकिन दोनों दल एक भी सीट जीतने में नाकाम रहे। लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कहने लगे थे कि उनकी पार्टी दिल्ली में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी। दिल्ली में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीती थी।

इस महीने की शुरुआत में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों की तुलना महाभारत के समान ‘धर्मयुद्ध’ से की थी। पूर्व सीएम ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव एक ‘धर्मयुद्ध’ की तरह है। बीजेपी के पास कौरवों की तरह अपार धन और शक्ति है, लेकिन भगवान और लोग पांडवों की तरह हमारे साथ हैं।

read more : कम नहीं ज्यादा खाने से कम होगा वजन, वजन घटाने वाली महिला ने किया दावा

कम नहीं ज्यादा खाने से कम होगा वजन, वजन घटाने वाली महिला ने किया दावा

ये बात हम सभी जानते हैं कि डाइट में कैलोरी घटाने से वजन कम होता है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप कम खाना शुरू कर दें। आप लो कैलोरी फूड ज्यादा खाकर भी आसानी से वजन कम कर सकते हैं। हाल की में सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर एक महिला ने बताया कि कैसे उसने ज्यादा खाना खाकर भी अपना वजन 25 किलो कम कर लिया है। इसके लिए आपको डाइट में लो कैलोरी फूड्स को शामिल करने की जरूरत होगी। फिर आप इन्हें जितना चाहें उतना खाएं।

क्या अपना वजन कम करना चाहते हैं – ब्रिटनी मैकक्रिस्टल

महिला ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें वो अपने वजन घटाने के पहले और बाद के फोटो फैंस के साथ शेयर कर रही हैं। ब्रिटनी मैकक्रिस्टल ने वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है, “अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो यह सबसे महत्वपूर्ण सुझावों में से एक है जिसने मुझे 25 किलो वजन कम करने में मदद की – आपको ज़्यादा खाना खाना शुरू करना होगा।

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वजन कभी नहीं बढ़ेगा

लो कैलोरी फूड को आप जितना चाहे उतना खाएं। आपका वजन कभी नहीं बढ़ेगा। लंबे समय में हेल्दी वेट मेंटेन करने के लिए इन फल, सब्जियों और दूसरी चीजों को डाइट में जरूर शामिल करें। इन चीजों का सेवन कर आप खुद को पतला बना सकते हैं। इससे वजन घटाने में आसानी होगी और शरीर को भरपूर पोषण भी मिलता रहेेगा।

खूब खाकर महिला ने घटाया 25 किलो वजन

उनका मानना है कि वजन घटाने के लिए कम खाना नहीं बल्कि कम कैलोरी वाला खाना खाने की जरूरत होती है। फिर आप चाहे जितना भी खाना खाएं। आप इस तरह के भोजन से कभी मोटे नहीं होंगे। इस डाइट से आप खुद को भूखा नहीं रखते और लंबे समय तक इसे बरकरार रखते हुए वजन कम कर सकते हैं।

वजन घटाने के लिए लो कैलोरी फूड

>> लो फैट वाला ग्रीक योगर्ट

>> अंडे का सफेद भाग

>> सब्ज़ियां

>> लीन मीट

>> पालक

>> तरबूज

>> शुगर-फ़्री जेली

>> पॉपकॉर्न

>> कॉटेज चीज़

लो कैलोरी सब्जियां

>> खीरा

>> लौकी

>> करेला

>> मेथी के पत्ते

>> पालक

>> पत्तागोभी

>> ब्रोकली

>> तोरी

>> गाजर

वजन घटाने वाले फल

>> पपीता

>> अमरूद

>> सेब

>> नाशपाती

>> स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी

वजन घटाने वाले मसाले और जड़ी-बूटियां

>> करी पत्ता

>> धनिया पत्ता

>> अदरक

>> लहसुन

>> हल्दी

>> सब्जियान

read more : महाकुम्भ के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना, सुविधाओं पर रहेगा ध्यान

महाकुम्भ के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना, सुविधाओं पर रहेगा ध्यान

13 जनवरी से प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ लगने जा रहा है। जिसके लिए सरकार ने उच्च स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रयागराज में कुंभ के लिए एक प्रोजेक्ट भी लॉन्च किया। जिसके तहत उन्होंने 237.38 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। ये पैसे महाकुंभ में स्नान के लिए आने वाले लोगों की सुरक्षा, स्वच्छता और उनकी सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे।

4000 हेक्टेयर तक की जमीन पर लगेगा मेला

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह ऐलान किया कि 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी के बीच कुंभ में आने वालों के लिए 6 विशाल स्नान कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसके लिए मेले का प्रांगण भी बड़ा किया जाएगा। मेले का क्षेत्रफल बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर तक कर दिया जाएगा। लोगों की सुविधाओं के लिए 25 सेक्टर्स, विशाल पार्किंग, 14 फ्लाईओवर्स, 550 बसें और 12 किलोमीटर तक स्नान के लिए घाट बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम किसी को भी गंगा नदी के अंदर कचरा नहीं फेंकने देंगे। लोगों के शौच के लिए करीब डेढ़ लाख टॉयलेट बनवाए जाएंगे। साथ ही 67 हजार LED बल्ब्स, 200 वॉटर यूनिट और 85 कुंए बनाए जाएंगे।

सीएम योगी बनाएंगे डिजिटल महाकुंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रयागराज महाकुंभ दिव्य और भव्य महाकुंभ के साथ डिजिटल महाकुंभ का मानक बनेगा। उन्होंने कहा है कि मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में अविरल और निर्मल गंगा के दर्शन और पवित्र कुम्भ स्नान से कोई भारतवासी वंचित नहीं होना चाहेगा। इस बार का महाकुंभ प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन, संतों के आशीर्वाद, आम जनमानस की सहभागिता के नये मानक गढ़ने वाला होगा। मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रयागराज का दौरा कर महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने महाकुंभ को सामाजिक समता और जनभागीदारी का आदर्श उदाहरण बनाने का संकल्प जताया।

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे मां गंगा का पूजन

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज आएंगे और मां गंगा का पूजन करेंगे। उन्होंने गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए ‘बिजनौर से बलिया तक’ गंगा स्वच्छता समितियों को सक्रिय करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गंगा को पूरी तरह स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए जनसहयोग को प्राथमिकता दी जाए।

सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए विशेष योजनाओं पर जोर दिया। पुलिस को सहयोगात्मक व्यवहार अपनाने का निर्देश देते हुए उन्होंने ड्रोन से निगरानी, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेष स्नान तिथियों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए और आपदा मित्रों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।

वैश्विक स्तर पर होगा महाकुंभ का प्रचार

इस महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कुम्भ के महत्व को वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया जाए। हर वर्ग के लोगों को महाकुंभ से जोड़ा जाए, ताकि यह आयोजन ‘ग्रीन प्रयागराज-ग्रीन महाकुंभ’ के लक्ष्य के साथ विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़े। उन्होंने कहा कि 2019 में कुम्भ के सफल आयोजन के बाद हमसे अपेक्षाएं और अधिक हैं।

read more : क्या अजमेर की दरगाह शरीफ का भी होगा सर्वे ? कोर्ट ने भेजा नोटिस

क्या अजमेर की दरगाह शरीफ का भी होगा सर्वे ? कोर्ट ने भेजा नोटिस

संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद हुई हिंसा का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि राजस्थान के अजमेर जिले में दरगाह शरीफ के सर्वे को लेकर बुधवार को कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है। यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थी। कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और अगली सुनवाई की तारीख 20 दिसंबर तय की।

बता दें कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए कानूनी हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने कहा कि यह मामला धार्मिक भावनाओं और सामाजिक सौहार्द से जुड़ा हुआ है। जिसके समाधान के लिए कोर्ट का हस्तक्षेप आवश्यक है। कोर्ट द्वारा वाद को स्वीकार करने के बाद यह मामला और अधिक गंभीरता से देखा जा रहा है। कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

अब 20 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

अब मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी, जहां पक्षों के तर्क और दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे। इस विवाद ने सामाजिक और धार्मिक स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि यह मामला हिंदू समाज की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा है। वहीं दरगाह के प्रतिनिधियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कोर्ट के फैसले के बाद आगे की कार्यवाही पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

दरगाह शरीफ में शिव मंदिर होने का दावा

इससे पहले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका पर बीते मंगलवार को सुनवाई हुई थी, तब कोर्ट ने 27 नवंबर यानि आज की तारीख दी थी। विष्णु गुप्ता की ओर से दाखिल की गई याचिका में दरगाह शरीफ में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान सबूत के तौर पर एक खास किताब पेश की गई थी। इस किताब के हवाले से यह दावा किया गया था कि दरगाह में एक हिंदू मंदिर था।

दरगाह के तहखाने में गर्भगृह

यह किताब अजमेर निवासी हर विलास शारदा द्वारा वर्ष 1911 में लिखी गई थी। इस किताब का हवाला देते हुए हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा कि दरगाह की जमीन पर पहले भगवान भोलेनाथ का एक मंदिर था। इस शिव मंदिर में पूजा और जलाभिषेक होता था। दरगाह परिसर में मौजूद 75 फीट लंबे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश हैं। यही नहीं दरगाह के तहखाने में गर्भगृह है।

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मलाई में मिलाकर रात में लगा लें ये चीज, मक्खन सी मुलायम रहेगी त्वचा

सर्दियों में लोग सबसे ज्यादा ड्राई स्किन की समस्या से परेशान रहते हैं। रूखी, बेजान त्वचा न सिर्फ चेहरे का ग्लो कम करती है बल्कि इससे काफी परेशानी भी होने लगती है। ड्राई स्किन वालों की त्वचा पर जल्दी झुर्रियां भी आने लगती हैं। इसलिए अपनी त्वचा को हमेशा मॉइश्चराइज करके रखें। सर्दियों में अगर त्वचा फटने लगती है तो इसके लिए मलाई का इस्तेमाल करें। दूध पर जमी मलाई चेहरे, हाथ और पैरों पर लगाने से आपकी त्वचा मक्खन जैसी सॉफ्ट हो जाएगी। मलाई त्वचा को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाने में मदद करती है। ये नेचुरल चीज और भी असरदार हो जाती है अगर आप मलाई में शहद मिलाकर इस्तेमाल करते हैं।

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जी हां, शहद और मलाई मिलकर त्वचा के अंदर से पोषण और नमी देते हैं। इससे सर्दियों में फटी त्वचा हील हो जाकी है और स्किन की ड्राइनेस भी दूर हो जाती है। मलाई लगाने से चेहरे पर इंस्टेंट ग्लो आता है और इससे दाग-धब्बे भी दूर हो जाते हैं। रोजाना मलाई लगाने से रंग भी साफ होने लगता है। आइये जानते हैं चेहरे पर मलाई और शहद को मिलाकर कैसे लगाएं ?

मलाई और शहद मिलाकर लगाएं

जिन लोगों की स्किन बहुत ज्यादा ड्राई रहती है उन्हें मलाई में शहद मिलाकर लगाना चाहिए। मलाई को शहद के साथ मिलाने से इसकी नमी और बढ़ जाती है। इसके लिए आपको 1 चम्मच मलाई लेनी है और उसमें 1 चम्मच शहद मिलाना है। दोनों चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करके फेस पर लगाएं और कुछ देर रहने दें। 20 मिनट के बाद चेहरे को पानी से धो लें। मलाई और शहद लगाने से आपकी त्वचा कुछ दिनों में ही एकदम मुलायम और चमकदार हो जाएगी।

चेहरे पर मलाई लगाने के फायदे

अगर आपको शहद मिलाकर मलाई नहीं लगानी तो सिर्फ मलाई को ही फेस पर लगा सकते हैं। हाथ पर मलाई लेकर अच्छी तरह फेस पर लगाएं। आप चाहें तो मलाई को रगड़ते हुए छुड़ा दें और आधा घंटे बाद त्वचा को गुनगुने पानी से धो लें। इससे आपको रात में कोई क्रीम या लोशन लगाने की भी जरूरत नहीं होगी। आप चाहें तो फेस को बिना धोए भी सो सकते हैं और सुबह चेहरे को पानी सो धो लें।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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सेंसेक्स 230 और निफ्टी 80 अंकों की बढ़त के साथ बंद

भारतीय शेयर बाजार में आज एक बार फिर ठीक-ठाक रिकवरी देखने को मिली। बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 230.02 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 80,234.08 अंकों पर बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी 50 भी 80.40 अंकों की तेजी के साथ 24,274.90 अंकों पर आकर बंद हुआ। आज कारोबार के दौरान सेंसेक्स 80,511.15 अंकों के इंट्राडे हाई तक पहुंचा, तो निफ्टी भी 24,354.55 अंकों के इंट्राडे हाई तक पहुंचा था।

बताते चलें कि आज शेयर बाजार ने मामूली बढ़त के साथ हरे निशान में कारोबार शुरू किया था। मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 105.79 अंकों की गिरावट के साथ 80,004.06 अंकों पर बंद हुआ था और निफ्टी 27.40 अंकों की गिरावट के साथ 24,194.50 अंकों पर बंद हुआ था।

कुछ कंपनियों के शेयर में दिखी गिरावट

वहीं दूसरी ओर, टाइटन के शेयर आज सबसे ज्यादा 0.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। स्टेट बैंक के शेयर 0.57 प्रतिशत, एशियन पेंट्स 0.54 प्रतिशत, टीसीएस 0.47 प्रतिशत, सनफार्मा 0.41 प्रतिशत, इंडसइंड बैंक 0.39 प्रतिशत, एचसीएल टेक 0.24 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 0.24 प्रतिशत, कोटक महिंद्रा बैंक 0.19 प्रतिशत, पावरग्रिड 0.12 प्रतिशत, लार्सन एंड टुब्रो 0.09 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज 0.08 प्रतिशत, आईटीसी 0.06 प्रतिशत और भारती एयरटेल के शेयर 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।

निफ्टी के कुछ स्टॉक्स हरे निशान और कुछ लाल निशान में बंद

हफ्ते की तीसरे दिन आज सेंसेक्स की 30 में से 16 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए और बाकी की 14 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह, निफ्टी 50 की भी 50 में से 25 कंपनियों के शेयर तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए और बाकी की 25 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए।

अडाणी के शेयरों में तूफानी तेजी

सेंसेक्स की कंपनियों में शामिल अडाणी पोर्ट्स के शेयर आज सबसे ज्यादा 5.91 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए। एनटीपीसी के शेयर 2.31 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 1.38 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 1.31 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 1.24 प्रतिशत, जेएसडब्लू स्टील 0.74 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 0.53 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 0.49 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.37 प्रतिशत, बजाज फिनसर्व 0.35 प्रतिशत, हिंदुस्तान यूनिलीवर 0.31 प्रतिशत, नेस्ले इंडिया 0.28 प्रतिशत, अल्ट्राटेक सीमेंट 0.23 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 0.22 प्रतिशत, इंफोसिस 0.21 प्रतिशत और टाटा स्टील के शेयर 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए।

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योगी सरकार आ गई फुल एक्शन में, पोस्टर लगेंगे और वसूली भी होगी

उत्तर प्रदेश के संभल में कोर्ट के आदेश पर हुए जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में 27 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इनमें से 3 नाबालिग भी हैं। 74 अन्य दंगाइयों की पहचान की गई है जो कि फरार हैं। इनकी तलाश जारी है।

इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार संभल में उपद्रव करने वाले आरोपियों पर सख्त एक्शन लेने के मूड में है। संभल के पत्थरबाजों और उपद्रवियों पर योगी सरकार कैसे एक्शन लेगी इसकी जानकारी सामने आई है।

लिया जाएगा एक्शन

संभल के पत्थरबाजों और उपद्रवियों पर योगी सरकार सख्त रूप से एक्शन लेने की तैयारी में है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, सार्वजनिक स्थानों पर इन पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर लगेंगे। इनसे नुकसान की वसूली भी होगी। इसके साथ ही इनपर इनाम भी जारी किया जा सकता है। यूपी सरकार पहले से ही उपद्रवियों और अपराधियों के खिलाफ नुकसान की वसूली और पोस्टर का अध्यादेश जारी कर चुकी है।

कैसे हैं संभल के हालात ?

संभल के मौजूदा हालात पर एसपी कृष्ण कुमार ने कहा है कि रविवार को हुई हिंसा के बाद इंटरनेट बंद करने का फैसला हुआ था जो अब भी जारी है। इसके अलावा स्थिति सामान्य है और बाकी सभी चीजें बहाल कर दी गई हैं। एसपी ने बताया है कि पुलिस ने घटना में शामिल लोगों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। 100 से ज्यादा लोगों की पहचान कर ली गई है और वे जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। एसपी ने ये भी बताया कि संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क को 23 नवंबर को BNS की धारा 168 के तहत नोटिस जारी किया गया है।

पुलिस ने योगी सरकार को सौंपी रिपोर्ट

संभल पुलिस और जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार को संभल में हुई हिंसा के मामले में एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में संभल पुलिस और जिला प्रशासन ने योगी सरकार को पूरी डिटेल के साथ यह बताया है कि सर्वे की टीम कब आई और उसके बाद हिंसा कहां से और किस समय शुरू हुई। संभल पुलिस और जिला प्रशासन की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि हिंसा के समय कितने लोगों की भीड़ मौके पर मौजूद थी और पत्थरबाजी के साथ हिंसा कैसे शुरू हुई।

इसके अलावा जिला पुलिस और प्रशासन ने यूपी सरकार को रिपोर्ट में हिंसक भीड़ पर पुलिस एक्शन के बारे में भी बताया है। इतना ही नहीं सम्भल पुलिस और प्रशासन ने राज्य सरकार को आगे की कार्रवाई, पुलिस जांच और पुलिस के एक्शन की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी है। यूपी सरकार को भेजी गई इस रिपोर्ट पर सम्भल के डीएम राजेंद्र पेंसियां और एसपी कृष्ण बिश्नोई के हस्ताक्षर भी है।

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संभल जामा मस्जिद मामला : बैर बढ़ाते मंदिर मस्जिद, ये झगड़े बंद होने चाहिए

इस वक्त उत्तर प्रदेश के संभल में जबरदस्त तनाव है। जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में रविवार को जो हिंसा हुई, उसमें 4 नौजवानों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक हज़ार से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ 7 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। संभल के सांसद ज़िया उर रहमान बर्क और संभल के विधायक इक़बाल महमूद के बेटे सोहेल इक़बाल समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ नामज़द एफआईआर दर्ज हुई है। 24 पुलिसवाले घायल हुए हैं।

सिर्फ फोटोग्राफी हो रही थी

संभल में 4 लोगों की मौत दुखद है, दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता है इस मामले में हर स्तर पर, हर मोड़ पर शरारत हुई। पहले तो सर्वे का ऑर्डर जल्दबाजी में आया। फिर सर्वे भी जल्दबाज़ी में शुरू हुआ। फिर सर्वे को लेकर अफवाह फैलाई गई। मस्जिद में जहां सिर्फ फोटोग्राफी हो रही थी, वहां खुदाई की बात फैलाई गई। अफवाह की वजह से पत्थर और हथियार लेकर भीड़ इकट्ठा हुई। इलाके के लोग कहते हैं कि ये नकाबपोश बाहर से आए थे। कुछ लोगों ने इस भीड़ को भड़काया। भीड़ ने पुलिस को घेरकर हमला किया और पुलिस का दावा है कि उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए एक्शन लिया।

अगर प्रशासन ने सावधानी बरती होती, तो इतनी भीड़ इकट्ठी नहीं होती और भीड़ को मज़हब के नाम पर भड़काया न गया होता, तो वो पुलिस पर हमला न करती। सर्वे का काम शांति से हो सकता था। उस पर जंग अदालत में लड़ी जा सकती थी, पर जो हुआ वो बिलकुल उसका उल्टा था। अब जांच हो जाएगी। दंगा करने वालों की पहचान हो जाएगी। भड़काने वालों को पकड़ा जा सकता है। उन पर केस भी चलाया जा सकता है लेकिन जिन 4 नौजवानों की मौत हुई, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता। ये इस मामले का सबसे शॉकिंग पहलू है।

ये झगड़े बंद होने चाहिए

अब दोनों तरफ के लोग एक दूसरे पर साजिश के इल्जाम लगा रहे हैं। इन्हें कितने भी सबूत दिखा दिए जाएं, कितने भी बयान सुनवा दिए जाएं, कोई नहीं मानेगा। दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े रहेंगे। दोनों एक दूसरे को दोषी ठहराएंगे। मेरा तो ये कहना है कि मंदिर, मस्जिद के नाम पर रोज़-रोज़ के ये झगड़े बंद होने चाहिए। टकराव से कभी किसी का भला नहीं हुआ। जब भी रास्ता निकला है तो आपसी बातचीत से निकला है।

बैर बढ़ाते मंदिर मस्जिद……

बरसों पहले डॉ हरिवंशराय बच्चन ने लिखा था, “बैर बढ़ाते मंदिर मस्जिद…।” धार्मिक स्थलों के विवाद से किसी का उपकार नहीं होता। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने थोड़े दिन पहले कहा था ‘हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग ढूंढना उचित नहीं है।’ हमारा कानून भी यही कहता है कि जो धार्मिक स्थल बन चुके हैं, उनको लेकर नये सिरे से विवाद उठाने की जरूरत नहीं। जब मज़हब के नाम पर लोग लड़ते हैं, एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं, तो नेताओं को अपनी लीडरी चमकाने का मौका मिलता है। संभल में जो कुछ हुआ, उसका नुकसान आम जनता को हुआ और राजनीतिक दलों ने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया।

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फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम : कहां, कब और कितना करें निवेश ?

अगर आप अपने पैसे को सुरक्षित रखना चाहते हैं और थोड़ी सी कमाई भी करना चाहते हैं, तो बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) स्कीम आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। यह एक ऐसी स्कीम है, जिसमें आप बैंक को एक तय समय के लिए अपना पैसा जमा करते हैं और बदले में आपको ब्याज मिलता है। अब सवाल ये है कि यह स्कीम कितनी फायदेमंद है, कहां और कब निवेश करना चाहिए, और कितना निवेश करना सही रहेगा ? आइए, इन सभी सवालों का आसान तरीके से जवाब समझते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) क्या है ?

एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसी स्कीम है, जिसमें आप बैंक में अपनी रकम जमा करते हैं और बैंक आपको उस पर एक तय ब्याज देता है। ब्याज की दर पहले से तय रहती है और यह पूरी अवधि के लिए समान रहती है, चाहे बाजार में ब्याज दरें ऊपर-नीचे हों। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को आमतौर पर कुछ महीनों से लेकर 5 साल तक के लिए खोला जा सकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे

1. सुरक्षा : एफडी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बहुत ही सुरक्षित है। जब आप अपना पैसा बैंक में जमा करते हैं, तो आपका पैसा सुरक्षित रहता है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के तहत, 5 लाख रुपये तक की जमा राशि को बीमा भी मिलता है, यानी अगर बैंक किसी कारण से दिवालिया हो जाता है तो भी आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।

2. निश्चित ब्याज और रिटर्न : एफडी में जो ब्याज मिलता है, वह पहले से तय होता है और यह तय समय तक नहीं बदलता। इस कारण से आपको पहले से पता होता है कि आप किसे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए अच्छा है जो अपनी भविष्य की योजनाओं के लिए एक सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं, जैसे बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए कर सकते है।

3. आसान प्रक्रिया : एफडी में निवेश करना बहुत ही आसान है। आप किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जा सकते हैं, अपनी राशि और समय तय कर सकते हैं और जमा कर सकते हैं। इसके बाद आपको एक प्रमाण पत्र मिलेगा, जो आपके निवेश का सबूत होगा।

4. लिक्विडिटी : हालांकि एफडी को एक तय समय के लिए लॉक किया जाता है, लेकिन अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़ जाए। तो आप एफडी को पहले भी तुड़वा सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने पर आपको कुछ ब्याज की कटौती हो सकती है। लेकिन फिर भी आपका पैसा वापस मिल जाएगा।

5. कर लाभ : कुछ खास प्रकार की एफडी स्कीम्स जैसे 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी, आयकर में छूट दिलाती हैं। इस स्कीम में निवेश करने पर आपको 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है।

कहां करें निवेश ?

बैंक : एफडी में निवेश करने का सबसे आम तरीका बैंक है। चाहे सरकारी बैंक हो या निजी बैंक, दोनों में एफडी के अच्छे विकल्प होते हैं। सरकारी बैंकों के मुकाबले निजी बैंकों में ब्याज दरें थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं।

पोस्ट ऑफिस : भारतीय पोस्ट ऑफिस भी एफडी की सुविधा देता है। यहां एफडी की ब्याज दरें बैंकों से थोड़ी अधिक होती हैं और यह भी एक सुरक्षित विकल्प है।

नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) : कुछ नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) भी एफडी की पेशकश करती हैं। लेकिन इनकी सुरक्षा बैंक एफडी जैसी नहीं होती। इसलिए इनका चुनाव करते वक्त थोड़ा ध्यान रखना चाहिए।

कब करें निवेश ?

ब्याज दरें बढ़ने पर : अगर आपको लगता है कि ब्याज दरें बढ़ने वाली हैं। तो आप लंबी अवधि के लिए एफडी में निवेश कर सकते हैं, ताकि ज्यादा ब्याज मिले।

बाजार की अस्थिरता : जब शेयर बाजार या अन्य निवेश विकल्प अस्थिर होते हैं, तो एफडी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। इसके अलावा अगर आप जोखिम से बचना चाहते हैं तो एफडी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

संकट के समय : अगर आपको लगता है कि आने वाले समय में आपको पैसों की जरूरत पड़ सकती है, तो एफडी में निवेश करना सुरक्षित रहेगा। यह आपको भविष्य में एक तय रिटर्न देगा।

कितना निवेश करें ?

एफडी में कितना निवेश करना चाहिए, यह आपके वित्तीय लक्ष्य और जरूरतों पर निर्भर करता है।

रिटायरमेंट के लिए निवेश : अगर आप रिटायरमेंट के बाद अपनी आय को सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो एफडी में निवेश करना अच्छा हो सकता है। आप अपनी रिटायरमेंट की जरूरतों के हिसाब से एफडी में पैसा जमा कर सकते हैं। हालांकि, लंबी अवधि के लिए भी अन्य विकल्प जैसे म्यूचुअल फंड्स या शेयर बाजार को भी देख सकते हैं।

आपातकालीन निधि : एफडी एक अच्छा आपातकालीन कोष बनाने के लिए भी उपयोगी है। अगर आप किसी आकस्मिक परिस्थिति में फंस जाएं, तो आप एफडी से पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि, आपको यह ध्यान रखना होगा कि यदि आप एफडी जल्दी तुड़वाते हैं। तो आपको थोड़ी सी ब्याज की कमी हो सकती है।

निवेश राशि : कितना निवेश करना चाहिए, यह आपकी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर लोग अपनी बचत का 10% से 20% हिस्सा एफडी में निवेश करते हैं। ताकि उन्हें सुरक्षा के साथ कुछ रिटर्न भी मिल सके। इसके अलावा आपको यह भी देखना चाहिए कि आपकी बाकी बचत और निवेश कहां हैं और एफडी में कितना निवेश करना आपको बेहतर लगता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश से पहले ध्यान रखें ये बातें

ब्याज दर : एफडी में निवेश करने से पहले यह जरूर देखें कि वर्तमान में बैंक की ब्याज दरें क्या हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के हिसाब से ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है, इसलिए समय-समय पर इसे चेक करें।

कंपाउंडिंग का फायदा : एफडी में ब्याज कंपाउंड होता है यानी ब्याज पर ब्याज मिलता है। अगर आप चाहें तो ब्याज का भुगतान मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक करवा सकते हैं। कंपाउंडिंग से आपके रिटर्न में बढ़ोतरी हो सकती है।

कर की बातें : एफडी पर मिलने वाली ब्याज राशि पर टैक्स लगता है। अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपये से ज्यादा है। तो आपको टैक्स चुकाना पड़ सकता है।

लॉक-इन अवधि : एफडी की लॉक-इन अवधि तय होती है। इसलिए निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको अपनी रकम को कितने समय तक लॉक करना ठीक लगेगा।

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