Friday, March 21, 2025
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भ्रष्टाचार पर सीएम योगी आदित्यानाथ का हंटर, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ सस्पेंड

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरे टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए इन्वेस्ट यूपी के सीईओ को सस्पेंड कर दिया। यूपी सरकार ने एक उद्यमी की शिकायत पर एक्शन लेते हुए यह कदम उठाया। उद्यमी ने सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए इन्वेस्ट यूपी के तहत आवेदन किया था। इसी बीच किसी बिचौलिये ने काम कराने के लिए उद्यमी से कमीशन मांगा।

एफआईआर दर्ज

उद्यमी ने इसकी शिकायत कर दी। लिहाजा कमीशन मांगने वाले वसूलीबाज निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं इनवेस्ट यूपी के सीईओ को सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि इन्वेस्ट यूपी के सीईओ सीनियर आईएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश हैं।

क्या है मामला ?

शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने इनवेस्ट यूपी के तहत सोलर एनर्जी से जुड़े कलपुर्जे बनाने वाली यूनिट लगाने चाहता था। इसके लिए उसने इन्वेस्ट यूपी दफ्तर में ऑनलाइन एप्लीकेशन भेजा था। इस संबंध में मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसे इन्वेस्ट यूपी के एक बड़े अधिकारी ने एक प्राइवेट व्यक्ति निकांत जैन का नंबर दिया था और उससे बात करने को कहा था। निकांत जैन ने पूरे मामले के लिए पांच फीसदी कमीशन की मांग की थी। लेकिन मैंने देने से मना कर दिया। बाद में मेरे एप्लीकेशन को भी पत्रावली प्रकरण में टाल दिया गया। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के स्तर तक की गई जिसके बाद यह एक्शन लिया गया।

क्या है इन्वेस्ट यूपी ?

इन्वेस्ट यूपी उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए यूपी सरकार की एक पहल है। निवेश को बढ़ावा देने के साथ ही उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी की पहल की गई। यह एक सिंगल विंडो सिस्टम है जो निवेशकों को राज्य में अपने व्यवसाय को शुरू करने और चलाने में मदद करती है।

 इन्वेस्ट यूपी के मुख्य उद्देश्य

>> निवेश को बढ़ावा देना

>> उद्योगों को प्रोत्साहित करना

>> रोजगार के अवसर पैदा करना

>> राज्य की आर्थिक विकास को बढ़ावा देना

इन्वेस्ट यूपी के तहत मिलते हैं ये लाभ

>> उद्यमियों को टैक्स में छूट

>> बिजली की दरों में छूट

>> जमीन उपलब्ध कराई जाती है।

>> उद्योगों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जाता है।

read more :  योगी सरकार ने बदला इस विभाग का नाम, अब सीआईडी नाम से जानी जाएगी

योगी सरकार ने बदला इस विभाग का नाम, अब सीआईडी नाम से जानी जाएगी

उत्तर प्रदेश सरकार ने मशहूर जांच एजेंसी सी बी सीआईडी (CBCID) का नाम बदल दिया है। सरकार ने गुरुवार को एक अहम निर्णय लेते हुए सी बी सीआईडी (Crime Branch – Criminal Investigation Department) का नाम बदलकर अब सिर्फ सीआईडी (Criminal Investigation Department) कर दिया है। यह बदलाव प्रदेश में जांच एजेंसी की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किया गया है।

जांच एजेंसी के नाम में बदलाव प्रभावी

उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि अपराध अनुसंधान विभाग (सी बी सीआईडी) को अब अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के नाम से जाना जाएगा। इस आदेश में कहा गया है कि जांच एजेंसी के नाम बदलने की मंजूरी राज्यपाल ने दी है। गृह विभाग के विशेष सचिव राकेश कुमार मालपानी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि यह बदलाव 16 मार्च 2025 से प्रभावी माना जाएगा।

सी बी सीआईडी का क्यों बदला गया नाम ?

सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि यह बदलाव जांच एजेंसी की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। इससे जनता और पुलिसकर्मियों को विभाग की भूमिका को समझने में आसानी होगी। कहा जा रहा है कि जांच एजेंसी का नाम सी बी सीआईडी (CBCID) की बजाय सीआईडी (CID) ज्यादा सरल और व्यापक रूप से मान्य है। जांच एजेंसी के नाम में कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। सीआईडी का काम अपराधों की गहन जांच करना, फॉरेंसिक विश्लेषण और संगठित अपराध की पड़ताल करना है।

क्या है सीआईडी

यह देश के राज्य पुलिस विभागों की एक अपराध शाखा है जो आपराधिक जांच के लिए जिम्मेदार है। यह राज्य पुलिस की विशेष जांच शाखा है और इसका नेतृत्व पुलिस महानिदेशक या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाता है। कुछ राज्य अपनी सीआईडी इकाइयों के लिए अलग-अलग नामों का उपयोग करते हैं। सीआईडी (CID) ब्रिटिश सरकार द्वारा 1902 में एंड्रयू फ्रेजर की अध्यक्षता में भारतीय पुलिस आयोग की सिफारिशों के आधार पर सीआईडी का पहली बार गठन किया गया था।

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भाजपा नेता ने किया सुसाइड, सरकारी बंगले में खुद को मारी गोली

जम्मू-कश्मीर से एक बड़ी खबर सामने आई है। भाजपा नेता और गुरेज से पूर्व निर्दलीय विधायक फकीर मोहम्मद खान ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने घर में खुद को गोली मार ली। सूचना पर पुलिस आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने इस घटना की पुष्टि की और कहा कि खान की मौत आत्महत्या से हुई। उन्होंने यह कदम क्यों उठाया, इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।

सरकारी बंगले में खून से लथपथ मिले

बता दें कि फकीर मोहम्मद की गिनती जम्मू-कश्मीर भाजपा के सीनियर नेताओं में की जाती थी। श्रीनगर के हाई सिक्योरिटी वाले इलाके तुलसीबाग में आवंटित सरकार बंगले में उन्होंने खुद को गोली मार ली। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि क्वार्टर नंबर 9ए में अपने एक पीएसओ की सर्विस राइफल से कथित तौर पर खुद को गोली मारने के बाद उन्हें खून से लथपथ पाया गया।

भाजपा के टिकट पर लड़ा था चुनाव

पिछले साल हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट से गुरेज से विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। यह सीट आरक्षित है। इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार नजीर अहमद खान की जीत हुई थी। जबकि फकीर मोहम्मद खान दूसरे नंबर पर रहे। इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार नजीर अहमद खान को 8378 वोट मिले थे जबकि मोहम्मद खान को 7246 वोट हासिल हुए थे।

2020 में ज्वाइन की थी भाजपा

फकीर मोहम्मद खान साल 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे और जीते थे। वह साल 2020 में भाजपा में शामिल हो गए और पिछले साल जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। फकीर मोहम्मद खान कश्मीर में भाजपा के एकमात्र उम्मीदवार थे, जो हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में सबसे कम मतों के अंतर से चुनाव हारे थे।

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नागपुर हिंसा: सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ एक्शन

नागपुर में बीते दिनों दो समुदायों के बीच हिंसा देखने को मिली थी। इस बीच सोशल मीडिया पर किए गए भड़काऊ पोस्ट के मामले में नागपुर पुलिस के साइबर सेल द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें देशद्रोह की धाराएं भी लगाई गई हैं। नागपुर के साइबर सेल के डीसीपी लोहित मतानी ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एफआईआर में 6 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें फहीम खान भी आरोपी है। यानी कि फहीम खान पर भी देशद्रोह का आरोप लगा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ बीएनएस की धारा 152 लगाई गई है।

अलग-अलग मामलों में दर्ज हुआ एफआईआर

एक आरोपी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जो पोस्ट किया है, उसके प्रोफाइल पर रेसिडेंस बांग्लादेश लिखा हुआ है। लेकिन वह बांग्लादेश का है या नहीं इसपर फिलहाल जांच की जा रही है। वहीं एक दूसरे एफआईआर में उन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिन लोगों ने चादर जलने वाले वीडियो को मॉडिफाई करके सर्कुलेट किया, जबकि एक अन्य एफआईआर में हिंसा के वीडियो को फैलाने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यानी अलग-अलग एफआईआर अलग-अलग मामलों में दर्ज किए गए हैं। एक एफआईआर हिंसा को ग्लोरिफाई करने और हिंसा करने की अपील के मामले में दर्ज किया गया है।

सोशल अकाउंट से हिंसा फैलानी की साजिश

नागपुर पुलिस की साइबर सेल अन्य कई ऐसे अकाउंट्स और उनका इस्तेमाल करने वालों की पहचान कर रही है। बता दें कि बुधवार तक 6 एफआईआर दर्ज की गई थीं, लेकिन अब इस मामले में पुलिस ने कुल 10 एफआईआर दर्ज की है। ताजा 4 मामले सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने, भड़काने, उकसाने के मामले में दर्ज की गई है। इसी कड़ी में साइबर सेल ने बांग्लादेश से संचालित होने वाले एक ऐसे फेसबुक अकाउंट की पहचान की, जिसने नागपुर में बड़े पैमाने पर दंगे भड़काने की धमकी दी थी।

यह खतरनाक पोस्ट एक बांग्लादेशी यूजर द्वारा किया गया था, जिसमें उसने लिखा था, ‘सोमवार के दंगे तो सिर्फ एक छोटी घटना थी और भविष्य में बड़े दंगे होंगे।’ जांच में पता चला कि उक्त अकाउंट को संचालित करने वाला शख्स बांग्लादेश का निवासी है और उसने बांग्लादेश से ही इस पोस्ट को शेयर किया था।

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर केस दर्ज

डीसीपी लोहित मतानी कहा कि देशद्रोह का चार्ज एफआईआर नंबर 30/25 के अंदर डाला गया है। जिसमें पुलिस पर की गई पत्थरबाजी के वीडियो को ग्लोरिफाई किया गया है और सर तन से जुदा जैसे नारे लगाए गए हैं। यानि की आर्म अग्रेशन को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किए गए हैं।

इसलिए ऐसे लोगों के ऊपर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। देशद्रोह का आरोप जिस एफआईआर में लगा है, उसमें 6 आरोपी हैं। जिसमें फहीम खान भी शामिल है। बता दें कि साइबर सेल की टीम फहीम खान की कस्टडी की मांग कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट के जरिए करेगी।

read more :   यूपी के सीएम योगी की दो टूक, आक्रांताओं का महिमामंडन करना देशद्रोह

यूपी के सीएम योगी की दो टूक, आक्रांताओं का महिमामंडन करना देशद्रोह

आपको बताते चले कि देश के विभिन्न हिस्सों में इस वक्त मुगल शासक औरंगजेब को लेकर विवाद हो रहा है। इस विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बात कही है। सीएम योगी ने कहा है कि भारत की विरासत पर हमला करने वाले और देश के लोगों का अपमान करने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन करना देशद्रोह के बराबर है। आइए जानते हैं कि सीएम योगी ने और क्या कुछ कहा है।

क्यों हो रहा है औरंगजेब पर विवाद ?

दरअसल, औरंगजेब को लेकर विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र में हुई। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि औरंगजेब कोई क्रूर शासक नहीं था। उसके शासन के दौरान भारत की जीडीपी 24% थी और देश सोने की चिड़िया था। अबु आजमी ने कहा था कि इतिहास में कई गलत चीजे बताई गई हैं। अबू आजमी के बयान के बाद हंगामा शुरू हो गया। उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और उन्हें पूरे सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की जाने लगी।

इसी क्रम में नागपुर में विश्व हिन्दू परिषद के प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब के पुतले का दहन किया गया। लेकिन अफवाह ये फैल गई कि प्रदर्शन के दौरान एक विशेष समुदाय के धर्म ग्रंथ को जलाया गया। इसके बाद 17 मार्च की रात नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई। एक पक्ष के लोगों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ गया। इस हिंसा के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।

क्या कहा सीएम योगी आदित्यनाथ ने ?

दरअसल, सीएम योगी बहराइच के मिहींपुरवा (मोतीपुर) के मुख्य भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा- “किसी भी आक्रांता का महिमामंडन करने का मतलब देशद्रोह की नींव को पुख्ता करना है। स्वतंत्र भारत किसी देशद्रोही को स्वीकार नही कर सकता। जो भारत के महापुरुषों को अपमानित करता हो, उन आक्रांताओं का महिमामंडन करता हो, जिन्होंने भारत की सनातन संस्कृति को रौंदने का काम किया था, हमारी आस्था पर प्रहार किया था, उसे आज का नया भारत कतई स्वीकार नही कर सकता।”

सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया महाराज सुहेलदेव का जिक्र

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में महाराज सुहेलदेव का भी जिक्र किया। सीएम योगी ने कहा- “महाराज सुहेलदेव के पराक्रम और शौर्य की परिणति थी कि 150 वर्ष तक कोई विदेशी आक्रांता भारत पर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर पाया।”

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किडनी क्यों होने लगती है डैमेज? स्वस्थ रहने के लिए बनाएं इन चीजों से दूरी

आजकल की बदलती जीवनशैली में लोगों का खानपान बिगड़ा है जिसका खामियाजा हमारा शरीर कई गंभीर बीमारियों के रूप में चुकाता है। अस्वस्थ खान-पान की आदतें, खासकर यदि हमारा आहार प्रोसेस्ड फूड्स, ज्यादा नमक, चीनी और अस्वस्थ वसा से भरपूर हो तो यह हमारी गुर्दों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है किडनी रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। चलिए जानते हैं किडनी को स्वस्थ रखने के लिए किन चीज़ों से दूरी बनाना है ज़रूरी ?

अधिक नमक (सोडियम) का सेवन

यदि हम अपने दैनिक आहार में अधिक मात्रा में नमक या सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, तो यह रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को बढ़ा सकता है, जिससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और यह धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इसके अलावा, अधिक नमक शरीर में पानी की अधिक मात्रा को रोकने (वॉटर रिटेंशन) का कारण बन सकता है, जो किडनी की सेहत के लिए हानिकारक है।

प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन

प्रोसेस्ड फूड्स में अक्सर अस्वस्थ वसा, अधिक चीनी और अधिक सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह (डायबिटीज) का खतरा बढ़ जाता है। ये सभी स्थितियां गुर्दों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और उनके कार्य को प्रभावित कर सकती हैं।

शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)

पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है, क्योंकि गुर्दों को सही तरीके से कार्य करने और शरीर से विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन्स) बाहर निकालने के लिए पर्याप्त जलयोजन (हाइड्रेशन) की आवश्यकता होती है।

अधिक कैफीन का सेवन किडनी को नुकसान

अत्यधिक कैफीन (चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स) का सेवन किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है और किडनी स्टोन (पथरी) के खतरे को बढ़ा सकता है। दिनभर में बहुत अधिक चाय/कॉफी पीने से शरीर में पानी की कमी और वॉटर रिटेंशन हो सकता है, जो धीरे-धीरे गुर्दों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

शराब का अधिक सेवन 

अत्यधिक शराब का सेवन किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। गुर्दे सिर्फ खून को फिल्टर करने का काम नहीं करते, बल्कि शरीर में जल संतुलन (वॉटर बैलेंस) बनाए रखने में भी मदद करते हैं। शराब का अधिक सेवन शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है। जिससे गुर्दों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसके अलावा, शराब रक्तचाप को बढ़ाने का कारण बन सकती है। जो किडनी रोग के मुख्य कारणों में से एक है। ज्यादा शराब पीने से लिवर भी प्रभावित होता है। जिससे गुर्दों को सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो उन्हें कमजोर बना सकता है।

read more  :   ₹388 करोड़ के बाजार विनियमन उल्लंघन मामले में बरी हुए गौतम अडाणी

₹388 करोड़ के बाजार विनियमन उल्लंघन मामले में बरी हुए गौतम अडाणी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अडाणी को एक मामले में बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया। कोर्ट ने गौतम और राजेश को करीब 388 करोड़ रुपये के बाजार विनियमनों के कथित उल्लंघन के मामले में बरी किया है। कोर्ट ने कहा कि फ्रॉड या आपराधिक साजिश का कोई मामला नहीं बनता है। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने साल 2012 में अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) और इसके प्रोमोटरों गौतम अडाणी और राजेश अडाणी समेत कुल 12 लोगों के खिलाफ मामला शुरू किया था।

क्या कहा बॉम्बे हाई कोर्ट ?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि केस से जुड़ी तमाम दलीलों और सबूतों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया गया, जिससे ये साफ होता है कि इसमें फ्रॉड का कोई मामला नहीं बनता है। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिसंबर, 2019 में सेशन कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और इसे समय-समय पर आगे बढ़ाया गया था।

गौतम और राजेश अडाणी ने किया था हाई कोर्ट का रुख

जांच एजेंसी ने गौतम अडाणी और राजेश अडाणी पर आपराधिक साजिश और फ्रॉड का आरोप लगाते हुए आरोपपत्र दाखिल किया था। जिसके बाद दोनों उद्योगपतियों ने साल 2019 में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और सेशन कोर्ट के आदेश को रद्द करने की अपील की थी। बताते चलें कि सेशन कोर्ट में उन्हें मामले से बरी करने से इनकार कर दिया गया था। जस्टिस आर. एन. लड्ढा की हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने सोमवार को सेशन कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और दोनों उद्योगपतियों को मामले से बरी कर दिया।

अडाणी एंटरप्राइजेज में शेयरों में आज दिखी तेजी

बताते चलें कि अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर बीएसई पर 28.05 रुपये (1.26%) की तेजी के साथ 2250.00 रुपये के भाव पर बंद हुए। कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर 2285.55 रुपये के इंट्राडे हाई से लेकर 2201.00 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंचे थे। हालांकि, कंपनी के शेयर अभी भी अपने 52 वीक हाई से काफी नीचे हैं। अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों का 52 वीक हाई 3743.00 रुपये है। बीएसई के मुताबिक, कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 2,59,690.66 करोड़ रुपये है।

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बलूच आर्मी के हमलों से डरा पाकिस्तान, राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर होगी बैठक

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति की बैठक बुलाई है। यह बैठक मंगलवार को बंद कमरे में होगी। पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में हुए हाल के हमलों को देखते हुए यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। पाकिस्तान के एक दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली के स्पीकर से मंगलवार को 1:30 बजे संसद भवन में यह सुरक्षा बैठक बुलाने को कहा है।

सेना संसदीय समिति को देगी जानकारी

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारी इस बैठक में संसदीय समिति को मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर व्यापक जानकारी देंगे। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली संसद का निचला सदन है। यह घटनाक्रम पड़ोसी देश अफगानिस्तान की सीमा से सटे बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में हुए घातक आतंकवादी हमलों की श्रृंखला के मद्देनजर हुआ है।

बड़ी योजना बना रही है सरकार ?

एक दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट में नेशनल असेंबली के एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया गया कि चूंकि सुरक्षा पर कोई संसदीय समिति गठित नहीं की गई थी इसीलिए नेशनल असेंबली के रक्षा और विदेश मामलों की स्थायी समितियों के सदस्य, संघीय कैबिनेट के सदस्य, चारों प्रांतों के मुख्यमंत्री और सभी संसदीय दलों के नेता अथवा उनके प्रतिनिधि बंद दरवाजे के भीतर होने वाली इस बैठक में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस बैठक में शामिल होंगे। इस बीच एक दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार प्रांत में बढ़ते आतंकवादी हमलों में शामिल बलूच आर्मी और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान की योजना बना रही है।

बलूच आर्मी ने हाईजैक की ट्रेन

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने 11 मार्च को गुडलार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाकों के पास 440 यात्रियों को लेकर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर घात लगाकर हमला किया था। सेना द्वारा 12 मार्च को सभी 33 आतंकवादियों को मार गिराने से पहले आतंकवादियों ने 21 यात्रियों और अर्धसैनिक बलों के चार जवानों को मार डाला था। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रविवार को पांच अलग-अलग आतंकवादी हमलों में तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी।

read more :  कैग के चयन पैनल में मुख्य न्यायाधीश हों शामिल, केंद्र सरकार को नोटिस जारी

कैग के चयन पैनल में मुख्य न्यायाधीश हों शामिल, केंद्र सरकार को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने कैग (CAG) के चयन पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को शामिल करने की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इसी मामले पर पहले से दाखिल एक याचिका के साथ इस याचिका को भी जोड़ा गया। एनजीओ (NGO) सेंट्रल फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन की तरफ से दाखिल इस याचिका में कैग (CAG) की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सिफारिश द्वारा करने की मौजूदा व्यवस्था का विरोध किया गया है। याचिका में कैग (CAG) की नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र पैनल के गठन की मांग की गई है। इस पैनल मे प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल किए जाने की मांग की गई है।

केंद्र सरकार से जवाब तलब

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पहले से दाखिल एक याचिका के साथ इस याचिका को जोड़ते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। इससे पहले कैग (CAG) की नियुक्ति के लिए सरकार ने कोई पैनल या चयन समिति गठित करने की बजाय, प्रधानमंत्री की सिफारिश पर ही इसे सौंपने की व्यवस्था बनाई हुई थी। यह व्यवस्था विपक्ष और अन्य राजनीतिक दलों द्वारा भी कई बार सवालों के घेरे में रही है, क्योंकि इसे सरकार के पक्ष में पक्षपाती करार दिया गया है।

इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट का कदम एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक सुधार की दिशा में देखा जा रहा है। कैग (CAG) की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र पैनल बनाने की मांग से यह उम्मीद जताई जा रही है कि यह संस्था सरकारी खर्चों की निगरानी में और भी अधिक निष्पक्ष और प्रभावी बनेगी।

कैसे होती है कैग (CAG) की नियुक्ति ?

याचिका में वर्तमान व्यवस्था की आलोचना की गई है, जिसमें कैग (CAG) की नियुक्ति केवल प्रधानमंत्री की सिफारिश पर की जाती है। याचिका में दावा किया गया है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी को जन्म देती है और इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष पैनल द्वारा संचालित किया जाना चाहिए। याचिका में कैग (CAG) के चयन के लिए एक स्वतंत्र पैनल के गठन की मांग की गई है। जिसमें प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को शामिल किया जाए। इस पैनल के गठन से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कैग (CAG) की नियुक्ति राजनीति से मुक्त और पारदर्शी तरीके से हो।

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मुगल बादशाह औरंगजेब की मौत हुई अहमदनगर,दफनाया खुल्दाबाद में क्यों?

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज हो रही है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस मांग को लेकर आक्रामक रवैया भी अपनाना शुरू कर प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। इसको लेकर एक सवाल ये भी है कि जब मुगल बादशाह औरंगजेब की मौत महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुई थी तो उसे औरंगाबाद के खुल्दाबाद में क्यों दफनाया गया ? बता दें कि वर्तमान में अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर और औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर किया जा चुका है।

कैसे मुगल बादशाह औरंगजेब फिर चर्चा में आया ?

दरअसल हाल ही में एक बॉलीवुड फिल्म आई, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच के हिंसक संघर्ष को दिखाया गया। इस फिल्म के माध्यम से लोगों को ये जानकारी मिली कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थीं। मुगल बादशाह औरंगजेब ने संभाजी के नाखून निकलवा दिए थे और आंखें फुड़वा दी थीं। मुगल बादशाह औरंगजेब का दिल इससे भी नहीं भरा तो उसने संभाजी की जुबान कटवा दी थी। वह संभाजी से इस्लाम कबूल करवाना चाहता था जोकि उन्होंने नहीं किया।

फिल्म देखने के बाद जब लोगों ने संभाजी के बारे में जानकारी निकाली तो पता लगा कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने उनके साथ बहुत क्रूरता की थी। जिसका अधिकांश हिस्सा फिल्म में नहीं दिखाया जा सका। दरअसल मुगल बादशाह औरंगजेब ने संभाजी का सिर काट दिया था और उनके शरीर के कई टुकड़े करवाकर तुलापुर में नदी के किनारे फिंकवा दिया था। बता दें कि छत्रपति संभाजी महाराज, मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे।

कैसे उठा औरंगजेब की कब्र हटाने का मामला ?

समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के बयान से इस मामले ने तूल पकड़ा। उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब को अच्छा राजा बताया था। हालांकि बाद में प्रेशर बढ़ने पर उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब का मकबरा हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि इस काम को कानून के दायरे में करना चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सौंप दिया था।

छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने भी औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग की थी। इसके बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद भी इस मामले में कूद पड़ा और उसने कह दिया कि अगर ये कब्र नहीं हटाई गई तो वह प्रदर्शन करेंगे।

खुल्दाबाद में क्यों दफनाया गया ?

औरंगजेब की मौत 3 मार्च 1707 को महाराष्ट्र के अहमदनगर (अब अहिल्यानगर) में हुई थी। लेकिन उसके शव को औरंगाबाद (अब छत्रपति संभाजीनगर) के खुल्दाबाद में दफनाया गया था। इतिहासकार कहते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपनी वसीयत में लिखा था कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी कब्र को गुरु सैयद ज़ैनुद्दीन शिराजी की कब्र के बगल में बनाया जाए। इसीलिए औरंगजेब की मौत के बाद उसके बेटे आजम शाह ने खुल्दाबाद में उसकी कब्र बनवाई। कहा जाता है कि इस कब्र को बनाने में उस समय 14 रुपये 12 आने की लागत आई थी।

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संभल में होली को लेकर क्या क्या हुई तैयारी और कब होगी जुमे की नमाज ?

उत्तर प्रदेश के संभल में होली को लेकर पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर है। होली से पहले जहां शहर की 10 मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है, वहीं हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच सहमति बनाकर जुमे की नमाज का वक्त भी बदल दिया गया है। अब संभल में जुमे की नमाज संभल में दोपहर में 2.30 बजे होगी। इसके अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज से संभल की शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई का भी आदेश जारी किया था। इन सभी चीजों को देखते हुए प्रशासन ने संभल में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की है।

CCTV कैमरों और ड्रोन से रखी जा रही निगरानी

बता दें कि संभल में 250 CCTV कैमरों और ड्रोन की मदद से पूरे इलाके में निगरानी रखी जा रही है। पुलिस के सीनियर अधिकारी चप्पे-चप्पे से आ रही फुटेज पर नजर बनाए हुए हैं। हर एक संदिग्ध और अराजक तत्व से पूछताछ की जा रही है। जिन-जिन रास्तों से होली का जुलूस निकलता है, उन रास्तों पर मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है। इसके अलावा क्विक रिस्पॉन्स टीमें बनाई गईं हैं जो शहर के अलग-अलग इलाकों में लगातार निगरानी करेंगी। शहर को 6 जोन और 29 सेक्टरों में बांटा गया है और हर सेक्टर में मजिस्ट्रेट लेवल के अफसर की तैनाती की गई है।

14 तारीख को ढाई बजे अदा की जाएगी नमाज

शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने होली के मौके पर किए गए इंतजामों पर बोलते हुए कहा, ‘शाही जामा मस्जिद संभल में जुमे की नमाज 14 तारीख को ठीक ढाई बजे अदा की जाएगी, जिससे हमारे हिंदू भाइयों को किसी भी तरह का नुकसान न हो और हमें भी नुकसान न हो। हमारे हिंदू भाई होली आजादी से खेलें और हमारे मुस्लिम भाई भी अपनी नमाज को अदा करें। मैं अपने मुस्लिम भाइयों से हिंदू भाइयों से ये अपील करूंगा कि किसी सूरत में भी कोई भी बात हो उसे अमन, शांति और सौहार्द की तरफ ले जाएं, अपना सौहार्द बनाए रखें, अमन बनाए रखें, सुकून बनाए रखें।

पुलिस-प्रशासन कई दिनों से कर रहा है तैयारी

संभल में आज शाम 5.30 बजे होलिका दहन का कार्यक्रम भी है जिसे लेकर प्रशासन अलर्ट है। शहर में होली पर कोई बवाल न हो इसके लिए पुलिस-प्रशासन कई दिनों से तैयारी कर रहा है। प्रशासन ने होली पर माहौल सौहार्दपूर्ण बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों से बात की। प्रशासन ने हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को साथ बैठाया और ये तय हुआ कि होली जुलूस के आधे घंटे पहले नमाज खत्म हो जाएगी। होली के जुलूस के दौरान मस्जिद के आस-पास भीड़ नहीं रहेगी और सिर्फ मस्जिद प्रशासन के लोग मौजूद रहेंगे। साथ ही किसी भी अराजक तत्व के मौजूद होने की सूचना तुरंत पुलिस को दी जाएगी।

कोई परेशानी हो तो फौरन पुलिस को इत्तिला करें

मस्जिद के सदर ने कहा, ‘अगर किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो उसे फौरन पुलिस को इत्तिला करें। मैं अपने मुस्लिम भाइयों से खास तरीके से अपील करूंगा, जिन रास्तों पर होली की चौपाई जाती है। वहां पर बच्चों को इकट्ठा न होने दें, खुद इकट्ठा न हों। इससे बहुत ही बढ़िया मैसेज ये जाएगा। खुदा-न-ख्वास्ता किसी शरारती तत्व ने कुछ फेंक दिया। जुलूस की तरफ या किसी शरारती तत्व ने रंग डाल दिया, वे शरारती तत्व कोई भी हो सकते हैं। हिंदू भी हो सकते हैं, मुसलमान भी हो सकते हैं। कई वर्षों से ऐसा हुआ है कि जुमा और होली एक साथ आए हैं लेकिन आज तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

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रूसी सेना को जंग में मिली बड़ी सफलता, यूक्रेन को लगा तगड़ा झटका

रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। जंग में रूसी सेना को बड़ी कामयाबी मिली है। सेना ने कहा है कि उसने कीव द्वारा नियंत्रित कुर्स्क क्षेत्र के सबसे बड़े शहर सुदजा पर कब्जा कर लिया है। सुदजा पर कब्जे के लिए रूस और यूक्रेनी सेनाओं के बीच भीषण जंग चल रही थी। इससे पहले रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसके सैनिकों ने सुदजा के उत्तर और उत्तर-पश्चिम में चार गांवों पर कब्जा कर लिया है। अगस्त 2024 में अचानक सीमा पार से किए गए हमले के बाद से यूक्रेनी सेना ने सुदजा पर कब्जा कर लिया था।

डोनाल्ड ट्रंप ने दी पुतिन को चेतावनी

इस बीच यहां यह भी बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के साथ अब युद्धविराम से इनकार करना “रूस के लिए विनाशकारी होगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी वार्ताकार यूक्रेन के साथ संभावित युद्धविराम पर बातचीत के लिए रूस जा रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब एक दिन पहले कीव ने सऊदी अरब के जेद्दा में हुई अमेरिकी अधिकारियों के साथ वार्ता में रूस के साथ 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमति जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से यूक्रेन का यह संदेश और प्रस्ताव पुतिन के पास भेजा भी जा चुका है, लेकिन क्रेमलिन ने अभी इस पर अपना रुख साफ नहीं किया है।

रूस की सेना ने क्या किया

बता दें कि हाल ही में रूस और यूक्रेन के बीच जंग में रूसी युद्ध ब्लॉगर्स ने बड़ा दावा किया था। ब्लॉगर्स ने दावा किया था कि रूसी स्पेशल फोर्स के जवान एक गैस पाइपलाइन के अंदर कई किलोमीटर पैदल चल कर गए जिससे वो कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों पर पीछे से हमला कर सकें। हमला करने वालों में रूस के सहयोगी उत्तर कोरिया के कुछ सैनिक भी शामिल थे।

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हरियाणा नगर निकाय चुनाव : एक परिवार के 3 लोग चुनाव जीतकर बने पार्षद

हरियाणा में हाल में हुए नगर निकाय चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों ने बुधवार को 9 नगर निगमों में जोरदार जीत दर्ज की। एक नगर निगम पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता है। वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद वापसी की उम्मीद कर रही कांग्रेस को नगर निगम चुनाव में भी भाजपा ने धूल चटा दी। फरीदाबाद जिले में नगर निगम के मेयर और पार्षद पद के लिए चुनाव की मतगणना बुधवार को 7 जगहों पर 9 केंद्रों पर शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई।

क्या बोले सीएम नायब सिंह सैनी ?

हरियाणा नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, आज आए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों में हरियाणा की जनता ने ट्रिपल इंजन सरकार पर अपनी मुहर लगाई है। मैं हरियाणा की जनता का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। चुनाव आयोग और सभी अधिकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए धन्यवाद देता हूं। हमारी स्थानीय निकाय सरकार और यह ट्रिपल इंजन सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।

एक परिवार से तीन पार्षद पहुंचे निगम सदन

फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में एक परिवार का खासा दबदबा देखने को मिला है। यहां एक ही परिवार से पति, पत्नी और देवर तीन वार्डों से चुनाव जीत कर पार्षद बन कर एक साथ सदन में पहुंचे। इनमें पति लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं। फरीदाबाद के वार्ड नंबर 42, 43 और 40 में यादव परिवार के सदस्य ने नगर निगम के पार्षद पद पर जीत हासिल की है। वार्ड नंबर 42 से दीपक यादव, वार्ड नंबर 43 से उनकी पत्नी रश्मि यादव और वार्ड नंबर 40 से पवन यादव (देवर) ने चुनावी मैदान में सफलता पाई है। इस जीत के साथ ही यादव परिवार ने फरीदाबाद में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत किया है।

अनिल विज ने दिया बड़ा बयान

वहीं हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अंबाला कैंट के चुनावी परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अंबाला कैंट की जनता के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए हैं और आज उसी का परिणाम उन्हें जनता ने दिया है। दरअसल, अंबाला कैंट में 32 में से 25 वार्डों पर भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। चेयरमैन पद पर भी भाजपा के उम्मीदवार ने विजय प्राप्त की है।

अनिल विज ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इसके अलावा अंबाला शहर में हुए मेयर उपचुनाव में भाजपा की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि आज भाजपा हर जगह विजय हो रही है और यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का परिणाम है।

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तो मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक देंगे – शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सदन के सचिव को निर्देश दिया कि वह भाजपा के विधायकों को सदन की कार्यवाही से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध न कराएं। बिमान बनर्जी का यह निर्देश तब आया जब भाजपा के विधायकों ने विधानसभा में सरकारी दस्तावेज फाड़ दिए। क्योंकि अध्यक्ष ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों पर हमलों को लेकर सदन को स्थगित करने के उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। अध्यक्ष ने बच्चों से संबंधित एक विधेयक पेश करने के भाजपा विधायकों के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया।

इस बीच विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बनर्जी के निर्णय को ‘भारतीय संविधान में सबसे दुर्लभ घटना’ बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर भी लोकतंत्र नहीं है। विपक्ष की बात नहीं सुनी जा रही है। तृणमूल कांग्रेस सरकार हर काम जबरदस्ती करने की कोशिश कर रही है।

हिंदू विरोधी सरकार है टीएमसी

बीजेपी नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चार-पांच दिनों में तामलुक निर्वाचन क्षेत्र के कुछ इलाकों में हिंदू मंदिरों पर हमले, मूर्तियों को तोड़ने और आग लगाने की घटनाएं हुई हैं। एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई। मुर्शिदाबाद के नवादा और उलुबेरिया जिले में हिंदुओं पर हमला किया गया। हिंदुओं की दुकान और घरों में आग लगा दी गई एवं लूटपाट की गई। टीएमसी हिंदू विरोधी सरकार है।

बिमान बनर्जी को हराऊंगा फिर ममता बनर्जी को – शुभेंदु अधिकारी

शुभेंदु अधिकारी ने यह भी दावा किया कि उलुबेरिया में हाल में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत का जश्न मना रहे लोगों पर हमला किया गया। विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि भाजपा विधायक विधानसभा के सामने बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के कुछ हिस्सों में पुलिस ने लोगों से 14 मार्च को सुबह 11 बजे तक होली मनाने को कहा था। क्योंकि 14 मार्च शुक्रवार है और उसी दिन दूसरे समुदाय की विशेष प्रार्थना भी है। उन्होंने राज्य सरकार को ‘मुस्लिम लीग 2’ और पुलिस कर्मियों को ‘सांप्रदायिक’ करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर कर दिया जाएगा।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, सबसे पहले मैं बिमान बनर्जी (स्पीकर) को हराऊंगा, फिर ममता बनर्जी को। उसके बाद जब भाजपा सरकार आएगी तो टीएमसी के उन मुस्लिम विधायकों को इस सड़क पर फेंक दिया जाएगा।

ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी की टिप्पणी की निंदा की

वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी की टिप्पणी की निंदा की और बीजेपी पर राज्य में ‘‘फर्जी हिंदुत्व’’ लाने का आरोप लगाया है। विधानसभा में इस मुद्दे पर बनर्जी ने कहा कि आपके आयातित हिंदू धर्म को हमारे प्राचीन वेदों या हमारे संतों का समर्थन नहीं है। आप नागरिक के तौर पर मुस्लिमों के अधिकार को कैसे नकार सकते हैं ? यह फर्जीवाड़ा नहीं तो और क्या है ? आप फर्जी हिंदुत्व लेकर आए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों के साथ भाजपा के बर्ताव को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मुझे हिंदू धर्म की रक्षा करने का अधिकार है लेकिन यह आपके तरीके से नहीं होगा। कृपया ‘हिंदू कार्ड’ नहीं खेलें।

शुभेंदु अधिकारी एक मूर्ख हैं – सौगत रॉय

वहीं टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने शुभेंदु अधिकारी के बयान पर कहा, “शुभेंदु अधिकारी एक मूर्ख हैं और मूर्खों का सपना होता है। यह एक ऐसा ही सपना है। शुभेंदु अधिकारी का बयान एक सांप्रदायिक बयान है। हम देश के लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहते हैं। वे पश्चिम बंगाल में कभी सत्ता में नहीं आएंगे लेकिन वे चारों ओर सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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पाकिस्तान ट्रैन हाईजैक : बीएलए ने यात्रियों को बनाया था बंधक

पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा ट्रेन हाईजैक करने का पूरा वीडियो सामने आ गया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से बीएलए ने पाकिस्तान की पूरी ट्रेन को यात्रियों समेत बंधक बना लिया था। वीडियो में धमाका होते हुए देखा जा सकता है। बंधकों छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का ऑपरेशन शुरू कर दिया था।

पाकिस्तानी सेना की खुली पोल

बता दें कि बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के 104 यात्री मुक्त हो चुके हैं। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि उन्होंने बीएलए के 16 आतंकवादियों को मारकर इन बंधकों को रिहा कराया है। मगर जाफर एक्सप्रेस के मुक्त हुए यात्रियों ने पाकिस्तानी सेना की पोल खोल दी है। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें पाकिस्तानी सेना ने नहीं छुड़ाया, बल्कि बीएलए ने खुद से रिहा किया है।

यह भी जरूर जाने………

गौरतलब है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है जो खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानता है। पाकिस्तान ने 1947 में जबरन इसका विलय करवा दिया था। तब से वह बलूचिस्तान पर अपना अधिकार जताता है। पाक वहां की संपत्ति का खुद भी दोहन कर रहा है और चीन को भी खनन का अधिकार सौंप दिया है। इससे बलूचिस्तान के निवासी चीन और पाकिस्तान दोनों से खफा रहते हैं। बलूचों का कहना है कि पाकिस्तान और चीन ने उसकी संपदा का दोहन करके बलूचिस्तान की हालत खस्ता कर रखी है।

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रिमांड में मेंटल एंड ओरल टॉर्चर और दी गई धमकी – एक्ट्रेस रान्या राव

कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव जिन्हें पिछले हफ्ते 14.56 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की 3 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद आज उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 24 मार्च तक रान्या राव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जज के सामने रान्या राव के आंसू निकल आए और वह रोने लगी। वही कोर्ट ने पूछा क्या तुम्हारे साथ किसी तरह का फिजिकल टार्चर किया गया है। इस पर रान्या ने कोर्ट से कहा, ‘कोई फिजिकल टॉर्चर नहीं हुआ है बल्कि मेंटल एंड ओरल टॉर्चर हुआ है। मुझे मौखिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। धमकी भी दी गई है। मैं सदमे में हूं और भावनात्मक रूप से टूट चुकी हूं।’

सीसीटीवी में रिकॉर्ड है पूरी प्रक्रिया – डीआरआई

डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई ) के वकील ने कहा कि पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी फुटेज में रिकार्ड की गई है। इस पर कोर्ट ने उसे न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए कहा है। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई ) ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस केस में रान्या राव के एक और करीबी राज नाम के शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने रान्या राव को जेल भेजने के साथ-साथ ये भी कहा कि जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार से शुरू होगी।

कौन है रान्या राव ?

बता दें कि सीनियर आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी, अभिनेत्री को 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुबई से आने पर 14.56 करोड़ रुपये मूल्य के 14.2 किलोग्राम सोने की छड़ों की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था। 2014 में फिल्म माणिक्य से डेब्यू करने वाली रान्या राव 15 दिनों में दुबई की चौथी यात्रा करने के बाद डीआरआई अधिकारियों की नजर में आ गई। पहले पता चला था कि पिछले साल उसने दुबई की 27 यात्राएं की थीं।

रान्या राव के घर पर मिली करोड़ों की नकदी और सोना

सूत्रों ने बताया कि अभिनेत्री रान्या राव पकड़े जाने से बचने के लिए कुछ सोना पहनती थी और बाकी को अपने कपड़ों में छिपा लेती थी। रान्या राव को गिरफ्तार करने के बाद जांचकर्ताओं ने उनके घर पर छापा मारा और 2 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की थी।

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दक्षिण कोरिया और अमेरिका के इस कदम ने उत्तर कोरिया को भड़काया

दक्षिण कोरिया की सेना ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने कई बैलिस्टिक मिसाइलें समुद्र में दागी हैं। दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू होने के कुछ घंटों बाद यह मिसाइलें दागी गई हैं। उत्तर कोरिया इस अभ्यास को अतिक्रमण के पूर्वाभ्यास के तौर पर देखता है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने बताया कि उत्तर कोरिया के ह्वांगहे प्रांत से मिसाइल दागी गईं। लेकिन उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि मिसाइलें कितनी दूर तक गईं। दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सैन्य बलों ने अपना वार्षिक ‘फ्रीडम शील्ड’ कमांड पोस्ट अभ्यास शुरू किया है, जो 11 दिनों तक चलेगा।

उत्तर कोरिया की कड़ी प्रतिक्रिया

उत्तर कोरिया ने इन सैन्य अभ्यासों की कड़ी निंदा करते हुए एक सरकारी बयान में इसे खतरनाक बताया है। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक मीडिया के जरिए एक बयान जारी कर ‘फ्रीडम शील्ड’ अभ्यास को “आक्रामक और टकराव बढ़ाने वाला युद्धाभ्यास” करार दिया। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह फिर से किम जोंग उन से संपर्क कर उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक वार्ता बहाल करने के लिए तैयार हैं। पिछली बातचीत उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण और उस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने के मुद्दे पर असहमति के कारण विफल हो गई थी।

दक्षिण कोरिया ने अपने ही लोगों पर गिराए बम

इस बीच आपको ये भी बता दें कि दक्षिण कोरिया के पोचोन शहर (उत्तर कोरियाई सीमा के पास) में बीते बृहस्पतिवार को दो दक्षिण कोरियाई केएफ-16 लड़ाकू विमानों ने गलती से 8 एमके-82 बम गिरा दिए थे जिससे लगभग 30 लोग घायल हो गए थे। दक्षिण कोरिया की वायुसेना ने सोमवार को बताया कि गलती उस समय हुई जब एक पायलट ने गलत निर्देशांक (कोऑर्डिनेट्स) दर्ज कर दिए। शुरुआत के दौरान यह गलती नहीं पकड़ी जा सकी और मिशन की समयसीमा के दबाव में पायलट ने बम गिराने से पहले लक्ष्य की दोबारा पुष्टि नहीं की। दूसरे पायलट के पास सही निर्देशांक थे, लेकिन उन्होंने पहले पायलट के साथ समन्वय बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया और निर्देशानुसार बम गिरा दिए जिससे यह गलती हो गई।

चीफ ऑफ स्टाफ ने मांगी माफी

दक्षिण कोरिया की वायुसेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल ली यांगसू ने इस घटना पर माफी मांगते हुए कहा, “यह घटना कभी नहीं होनी चाहिए थी और भविष्य में इसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।” इस घटना के बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपने सभी लाइव-फायर अभ्यास अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। दक्षिण कोरियाई सैन्य अधिकारी जांच पूरी करने और रोकथाम के उपाय लागू करने के बाद ही इन्हें दोबारा शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

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अमेरिका को पाकिस्तान में दिख रहा खतरा, आतंकी कर सकते हैं हमला

एक कहावत है कि ‘बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय’ पाकिस्तान पर यह कहावत बिलकुल सटीक बैठती है। पाकिस्तान आज अपने किए हुए कर्मों का खामियाजा भुगत रहा है। हालात यह हैं कि वह अब दुनिया का सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित देश बन गया है। आतंकी वारदातें यहां लगातार बढ़ रही हैं। आंकड़ों की बात करें तो 2023 में 517 आतंकी हमले हुए थे जिनकी संख्या 2024 में बढ़कर 1,099 हो गई। अब पाकिस्तान में जिस तरह के हालात बने हैं उसे लेकर अमेरिका ने भी बड़ा कदम उठाया है।

अमेरिका ने जारी की एडवाइजरी

अमेरिका ने आतंकवाद और हिंसा से पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की यात्रा ना करने की चेतावनी जारी की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने नागरिकों के लेकर इससे संबंधित ट्रैवल संबंधी एडवाइजरी भी जारी की। एडवाइजरी में कहा गया है कि लोगों को आतंकवाद और हिंसा की संभावना के कारण पाकिस्तान की यात्रा पर पुनर्विचार करना चाहिए।

पाकिस्तान में बढ़ रहा आतंकी हमला

ट्रैवल एडवाइजरी में अमेरिकियों से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की यात्रा ना करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि हिंसक समूह पाकिस्तान में हमलों की साजिश रचते और उसे अंजाम देते रहते हैं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी हमले बढ़े हैं। बड़े पैमाने पर हुए इन आतंकवादी हमलों में कई लोग हताहत भी हुए हैं। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान सुरक्षा के मामले में अस्थिर बना हुआ है।

हमला कर सकते हैं आतंकी

वही एडवाइजरी में आगे कहा गया, “आतंकवाद और हिंसा की वजह से नागरिकों के साथ-साथ स्थानीय सैन्य और पुलिस ठिकानों पर हमले हुए हैं। आतंकवादी बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं। परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों और इबादत स्थलों समेत सरकारी दफ्तरों को निशाना बनाया जा सकता है। आतंकवादियों ने अतीत में अमेरिकी राजनयिकों और राजनयिक सुविधाओं को भी निशाना बनाया है।”

इस्लामाबाद में हाई अलर्ट

बता दें कि, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हाई अलर्ट जारी किया गया है। ‘रेड जोन’ के सभी प्रवेश और निकास मार्गों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। खैबर पख्तूनख्वा सीमा पर एक चेक पोस्ट पर आतंकवादियों के हमले के बाद यह फैसला लिया गया है।

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दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप में करोड़ों की लूट, पैदल आए थे 6 – 7 लुटेरे

बिहार के भोजपुर जिले में दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप में करोड़ों की लूट का मामला सामने आया है। हथियार से लैस बदमाशों ने नगर थाना क्षेत्र के गोपाली चौक स्थित तनिष्क के शोरूम से करोड़ों के गहने और नकदी लूट लिया। ये मामला नगर थाना क्षेत्र के गोपाली चौक का है। जहा भीड़भाड़ वाले इलाके में 6 से 7 की संख्या में हथियारों से लैस बदमाशों ने तनिष्क शोरूम में गहने और नकदी की लूट की घटना को अंजाम दिया है। इस दौरान लूटपाट करते हुए यह बदमाश करीब आधे घंटे तक शोरूम के अंदर रहे। बाहर किसी को लूट की भनक तक नहीं लगी।

खंगाले जा रहे हैं सीसीटीवी फुटेज

हालांकि, घटना के बाद व्यापारियों में दहशत का माहौल है। पुलिस छानबीन करने में जुटी हुई है। फिलहाल पुलिस अधीक्षक भोजपुर मिस्टर राज ने कहा कि लुटेरों की पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की जा रही है। जल्द ही बाकी चार अपराधियकों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने इस लूट की घटना को एक बड़ी चूक बताया है। इस पूरे मामले पर कार्रवाई की बात कही है। ज्वेलरी शॉप में हुई लूट के बारे में बताया जा रहा है कि लगभग दो करोड़ के आस पार के गहनों की लूट हुई है।

पैदल ही आए थे सभी लुटेरे

बता दे इन हथियार बंद बदमाशों ने तनिष्क शोरूम में कार्यरत गनमैन की बंदूक भी लूट ली। सभी लुटेरे पैदल ही आए थे और पैदल ही भाग गए। हालांकि, घटना की जानकारी मिलते ही नगर थाना सहित भारी संख्या में पुलिस बल तनिष्क शोरूम में पहुंच गई। तब तक लूट की घटना को अंजाम देकर सभी बदमाश भाग निकले थे।

पुलिस ने दो बदमाशों को मारी गोली

ज्वेलरी शॉप से करोड़ों के लूट कांड में भाग रहे 2 अपराधियों को पुलिस ने पैर में गोली मारी है। दोनों अपराधी घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिए गए हैं। भोजपुर जिले के बड़हरा थाने इलाके ये गिरफ्तारी हुई है। घायल बदमाश छपरा के डोरीगंज की तरफ भागने की फिराक में थे। पुलिस ने दो झोला लूटे गए गहने को बरामद किया। ज्वेलरी में लूट के बाद 4 बदमाश भागने में सफल रहे। पुलिस अब इन चारों बदमाशों की तलाश कर रही है।

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कोचिंग सेंटर्स को लेकर राजस्थान कैबिनेट का बड़ा फैसला, नई नीति लागू

राजस्थान मंत्रिमंडल ने समूचे प्रदेश में कोचिंग सेंटर्स को विनियमित करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसका मुख्य कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण करना है। अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक-2025 केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं और विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद तैयार किया गया था। कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि प्रस्तावित कानून के लागू होने के बाद से सभी कोचिंग सेंटर्स को कानूनी रूप से संचालित होने के लिए पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा 50 या उससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटर कानूनी जांच के दायरे में आएंगे।

राज्य लेवल पोर्टल स्थापित किया जाएगा

कोचिंग सेंटरों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि एक राज्य स्तरीय पोर्टल स्थापित किया जाएगा, साथ ही 24×7 हेल्पलाइन भी स्थापित की जाएगी। सरकार अनुपालन को विनियमित करने के लिए राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) प्राधिकरण भी स्थापित करेगी। मंत्रिमंडल ने राज्य की कौशल विकास नीति को भी मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने के लिए युवाओं को विशेष कौशल में प्रशिक्षित करना है। यह नीति राज्य के औद्योगिक विकास का समर्थन करेगी और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी।

कोचिंग सेंटर्स को लेकर क्या हैं मुख्य बिंदु ?

राजस्थान में कोचिंग सेंटर्स का आधुनिकीकरण किया जाएगा और उन्हें उद्योग की नवीनतम आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाएगा, उद्योग भागीदारों के साथ नए पाठ्यक्रम, मॉड्यूल और ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए सभी संभागीय मुख्यालयों में मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। जो कैरियर परामर्श, इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। ऑटोमेशन, एआई, मशीन लर्निंग, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

स्थानीय औद्योगिक क्लस्टर प्रशिक्षण केंद्रों की मेजबानी करेंगे और इन उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण तैयार किया जाएगा। कोचिंग सेंटर्स की इस नई नीति में रीस्किलिंग और अपस्किलिंग कार्यक्रमों पर महत्वपूर्ण जोर दिया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रमिक विकसित औद्योगिक वातावरण के अनुकूल हो सकें।

विकलांग उम्मीदवारों के लिए समान अवसर

मंत्रिमंडल ने विकलांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप विकलांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर नीति को भी मंजूरी दी। यह नीति राज्य सरकार के नियंत्रण में सभी सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और संस्थानों में लागू की जाएगी।

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यूट्यूब ने सख्त एक्शन लेते हुए 48 लाख चैनल किये रिमूव

यूट्यूब ने बड़ा एक्शन लेते हुए 9.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। गूगल के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने इन वीडियो को कॉन्टेंट वाइलेशन की वजह से रिमूव कर दिया है। कंपनी द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो पिछले साल अक्टूबर से लेकर दिसंबर 2024 के बीच यूट्यूब पर अपलोड किए गए थे। यूट्यूब से डिलीट किए गए वीडियो में से सबसे ज्यादा भारतीय क्रिएटर्स द्वारा अपलोड किए गए थे।

भारत में सबसे ज्यादा 3 मिलियन वीडियो हुए डिलीट

यूट्यूब ने बताया कि ये वीडियो उनके कॉन्टेंट पॉलिसी के खिलाफ थे। डिलीट किए गए सबसे सबसे ज्यादा 3 मिलियन यानी 30 लाख वीडियो भारतीय क्रिएटर्स द्वारा अपलोड किए गए थे। वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म द्वारा हटाए गए ज्यादातर वीडियो हेट स्पीच, अफवाह, उत्पीड़न वाले थे, जो कंपनी के कॉन्टेंट पॉलिसी के खिलाफ थे।

यूट्यूब ने AI बेस्ड डिटेक्शन सिस्टम का किया इस्तेमाल

वही यूट्यूब ने अपने प्लेटफॉर्म को ट्रांसपैरेंट रखने के लिए AI बेस्ड डिटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया है, जो प्लेटफॉर्म पर मौजूद इस तरह के वीडियो की पहचान करके उस पर एक्शन लेता है। यूट्यूब पर हटाए गए सबसे ज्यादा 5 मिलियन वीडियो में बच्चों को फीचर किया गया है, जो कंपनी के कॉन्टेंट पॉलिसी के खिलाफ है। इन वीडियो में बच्चों के साथ खतरनाक स्टंट, उत्पीड़न आदि को फीचर किया गया था।

48 लाख चैनल भी हटाए

यूट्यूब ने न सिर्फ वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है, बल्कि कंपनी ने 4.8 मिलियन यानी 48 लाख से ज्यादा चैनल को भी हटा दिया है। इन चैनल के माध्यम से स्पैम या फ्रॉड वाले वीडियो अपलोड किए जा रहे थे। यूट्यूब पर अगर कोई चैनल रिमूव किया जाता है तो उस चैनल पर अपलोड सभी वीडियो भी अपने आप डिलीट हो जाते हैं। चैनल पर लिए गए एक्शन की वजह से करीब 5.4 मिलियन यानी 54 लाख वीडियो हट गए।

गूगल दी सफाई

गूगल के प्लेटफॉर्म ने बताया कि यूट्यूब को ट्रांसपैरेंट और यूजर्स के लिए सुरक्षित वीडियो प्लेटफॉर्म बनाए रखने के लिए समय-समय पर यह कार्रवाई की जाती है। AI बेस्ड डिटेक्शन टूल के साथ-साथ यूजर्स द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद कंपनी उन वीडियो को एनालाइज करती है। इसके बाद उसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाता है।

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