Saturday, September 7, 2024
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कुत्ते, सियार और भेड़िए के बाद युवक ने मचाया आतंक, बन गया नरभक्षी….

यूपी में भेड़िया, सियार और कुत्तों के हमले के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें कई की मौत भी हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। लेकिन यूपी के मुजफ्फरनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ही नरभक्षी बन गया है और उसने कई लोगों को काट लिया है।

क्या है पूरा मामला ?

मुजफ्फरनगर में एक युवक के आतंक से लोगों के बीच डर का माहौल है। युवक ने महिला सहित एक बच्ची को भी काटा है। पीड़ित महिला और बच्ची को राहगीरों ने बड़ी मुश्किल से युवक के हमले से बचाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक कुत्तों के पीछे भी दौड़ा था। इसके बाद युवक को रस्सी से बांधकर पुलिस को सौंपा गया है। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के नंबर दो चुंगी का है। गौरतलब है कि बहराइच में जहां भेड़िया ने 3 साल की बच्ची को नोचा, वहीं कुत्तों ने 80 साल के एक बुजुर्ग को नोचकर मार डाला था।

मामला मुज़फ्फरनगर के शहर कोतवाली क्षेत्र राम लीला टिल्ला का है। यहां बुधवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एक युवक जंगली जानवरों की तरह हरकतें करते हुए बाजार में आने जाने वाले लोगों पर बंदरो की तरह झपट्टा मारकर हमला करने लगा। देखते ही देखते युवक ने दर्जनों लोगो पर हमला कर दिया और दांतों से काटकर घायल कर दिया। ये शख्स दौड़-दौड़कर लोगों को पकड़ रहा था और उन्हें दांतों से काटकर भाग रहा था। युवक की अजीबो गरीब हरकत को देखकर बच्चे-बूढ़े और महिलाएं जान बचाकर भागने लगीं। कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाते हुए युवक को पकड़ लिया और रस्सी से बांधकर पुलिस को सौंप दिया।

क्यों हुई युवक की नरभक्षी जैसी हालत ?

पुलिस ने युवक को कब्जे में कर जिला हॉस्पिटल भेज दिया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद युवक को मेरठ मेडिकल के लिए रेफर किया गया है। जिला हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया है कि युवक के परिजनों से बात हुई है और उनका कहना है कि युवक शराब और सूखे नशे का आदी है। 24 घंटे नशे में रहने के कारण उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर अपने घर चली गई है। युवक का नशा छुड़वाने के लिए उसके परिजनों ने उसे कोई दवाई दी थी, जिसके रिएक्शन की वजह से युवक की ऐसी हालत हो गई है।

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जम्मू-कश्मीर के रामबन में राहुल गांधी की रैली, बताया क्या करेंगे आगे…..

जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद एक बार फिर से विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी राजनीतक दल अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और अपने उम्मीदवारों का ऐलान भी कर रहे हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव के लिए पहले फेज की वोटिंग से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं। मंगलवार को राहुल गांधी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में दो रैलियां करेंगे हैं। सबसे पहले राहुल गांधी ने रामबन में रैली को संबोधित किया है।

पहली बार राज्य का दर्जा छीन लिया गया – राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार राज्य का दर्जा छीन लिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश को पहले राज्य बनाया गया था। एक राज्य को खत्म कर दिया गया है और राज्य के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि न केवल आपका राज्य छीन लिया गया है। बल्कि आपके अधिकार, आपकी संपत्ति, सब कुछ छीना जा रहा है। राहुल ने कहा कि 1947 में हमने राजाओं को हटाकर लोकतंत्र स्थापित किया था और संविधान दिया था। लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में एक राजा है और वो एलजी हैं।

https://x.com/RahulGandhi/status/1831233795220963489

पहला कदम राज्य का दर्जा – राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रामबन में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा पहला कदम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देना होगा। राहुल ने कहा कि हम चाहते थे कि आपको चुनाव से पहले राज्य का दर्जा मिले और चुनाव जम्मू-कश्मीर के राज्य बनने के बाद हों। लेकिन बीजेपी यह नहीं चाहती है। राहुल गांधी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पहले चुनाव हों और फिर राज्य के दर्जे के बारे में बात करें। राहुल ने कहा कि भाजपा चाहे या न चाहे, INDIA गठबंधन उन पर दबाव डालेगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य का दर्जा मिलेगा।

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ लड़ेंगी – राहुल 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का आगामी चुनाव कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। कुल 90 विधानसभा सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस 32 सीटों पर फाइट करेगी, जबकि पांच सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। इसके अलावा दो सीट सहयोगी दल सीपीआईएम और पैंथर्स के लिए छोड़ी गई है।

कब-कब होना हैं चुनाव ?

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का आयोजन कुल तीन फेज में होगा। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव के परिणाम 4 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे।

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21 दिन में जांच, सजा-ए-मौत का प्रावधान, पश्चिम बंगाल में एंटी रेप बिल पास

कोलकाता रेप-मर्डर केस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर सवाल उठे। देशभर में इस रेप और मर्डर के आरोपियों के खिलाफ गुस्सा है। राज्यव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस घटना के बाद से ही डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस बीच, ममता सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया, जो विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ पारित हो गया। इस बिल का नाम “अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) बिल 2024” है।

बिल के कानून बनने के बाद पूरे बंगाल में लागू हो जाएगा। इस बिल के अंदर महिलाओं और बच्चों से अपराध को लेकर कई नियम बनाए गए हैं, जिसका उद्देश्य राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे अपराध पर लगाम लगाना है। बिल में दोषी को मौत की सजा देने और मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने का प्रावधान है। अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड बिल 2024 को कानून बनाने के लिए राज्यपाल, राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होगी। विधानसभा में बिल पारित होने के बाद इसे हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलना जरूरी है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश एंटी रेप बिल पास
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश एंटी रेप बिल पास

रेप-मर्डर केस की सीबीआई कर रही जांच

बता दें कि कोलकाता रेप-मर्डर केस की सीबीआई जांच कर रही है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। आरजी कर अस्पताल के सेमीनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि हत्या से पहले ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की मौत सुबह 3 से 4 बजे के बीच होने की पुष्टि हुई।

बिल में क्या-क्या प्रस्ताव ?

ममता सरकार के नए बिल में भारतीय न्याय संहिता यानी BNS की कुछ उन धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव है, जो महिला अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करती हैं। इनमें धारा 64, 66, 68, 70, 71, 72, 73 और 124 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी BNSS की धारा 193 और 346 में संशोधन का प्रस्ताव है। वहीं, पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 8, 10 और 35 में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है।

एंटी रेप बिल में क्या-क्या है ?

1 >>   रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान।

2 >>   चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान।

3 >>   21 दिन में जांच पूरी करने का प्रस्ताव।

4 >>   अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान।

5 >>   हर जिले में स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान।

6 >>   रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स लेगी एक्शन।

7 >>   रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान।

8 >>   पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान।

9 >>   विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल।

10 >>  सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान।

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सर्राफा लूटकांड में तीनों बदमाश की पुलिस से हुई मुठभेड़, सिपाही हुआ घायल

सुलतानपुर। यूपी के सुलतानपुर में बीती रात पुल‍िस ने मुठभेड़ के बाद तीन बदमाशों को दबोच ल‍िया। तीनों बदमाश गोली लगने से घायल हो गए हैं। वहीं एक स‍िपाही भी घायल हो गया है। तीनों बदमाश और घायल स‍िपाही को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार, ये सभी बदमाश संभवता कुछ दिनों पूर्व सर्राफा व्यवसाई के यहां दिनदहाड़े हुई डकैती में शामिल थे।

नगर कोतवाली के गोड़वा चौकी के पास पुल‍िस की बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। पुलिस की गोली लगने से तीन बदमाश सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला घायल हो गए। तीनों बदमाश अमेठी के रहने वाले हैं।पुलिस के अनुसार, ये सभी बदमाश संभवता कुछ दिनों पूर्व सर्राफा व्यवसाई के यहां दिनदहाड़े हुई डकैती में शामिल थे। पुलिस मामले की पड़ताल करने की बात कह रही है।

https://x.com/sultanpurpolice/status/1830908272968163630

तीनों बदमाश और सिपाही हुआ घायल

वहीं एसओजी के सिपाही शैलेश राजभर भी बदमाशों की गोली लगने से घायल हो गए हैं। तीनों बदमाश और सिपाही को अस्पताल में करवाया गया भर्ती। घायल बदमाशों के पास से थोड़े बहुत जेवरात, नगदी और असलहे मिलने की बात कही जा रही है।

एसपी ने बताया क‍ि रात करीब 3:30 बजे तीन ऐसे लोग संदिग्ध मिले, जिसके बारे में मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने फायरिंग की। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में तीनों बदमाशों को गोली लगी, उन्‍हें ग‍िरफ्तार कर ल‍िया गया है। तीनों का नाम त्रिभुवन, पुष्पेन्द्र और सचिन है।

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वर्ली हिट एंड रन केस में मुख्य आरोपी मिहिर शाह अरेस्ट, मुंबई पुलिस ने कसा शिकंजा

मुंबई पुलिस ने वर्ली हिट एंड रन मामले के मुख्य आरोपी मिहिर शाह को गिरफ्तार कर लिया है। मिहिर शाह घटना के बाद से फरार था। इस मामले में आरोपी के पिता राजेश को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पीड़ित परिवार और स्थानीय लोग आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे।

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को स्थानीय अदालत को बताया कि मुख्य आरोपी मिहिर शाह (24 वर्ष) घटना के समय कथित तौर पर कार चला रहा था। आरोपी ने महिला को डेढ़ किलोमीटर घसीटने के बाद ड्राइवर को गाड़ी चलाने के लिए दे दिया था। इसके बाद ड्राइवर राजऋषि राजेंद्रसिंह बीदावत ने बीएमडब्ल्यू कार को रिवर्स किया और दूसरी बार महिला को कुचल दिया।

महिला को डेढ़ किलोमीटर घसीटा था

रविवार को मुंबई के वर्ली इलाके में हिट-एंड-रन घटना में कावेरी नखवा की मौत हो गई। उनके पति प्रदीप नखवा के अनुसार यह हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ जब वे मछली खरीदकर घर लौट रहे थे। उन्होंने कहा था कि तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे कावेरी सीजे हाउस से सी लिंक रोड तक घसीटती चली गई जिससे उसकी मौत हो गई। नखवा ने आरोप लगाया था कि आरोपी मिहिर शाह को एक राजनीतिक नेता के बेटे के रूप में उनके संबंधों के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था सीसीटीवी फुटेज

बता दें कि मिहिर शाह शिव सेना (शिंदे गुट) के पालघर इकाई के नेता राजेश शाह का बेटा है। मुंबई पुलिस ने बताया कि घटना के बाद राजेश ने अपने बेटे को मौके से भागने के लिए कहा था। उन्होंने ड्राइवर को घटना की जिम्मेदारी लेने की हिदायत भी दी थी। पुलिस ने अदालत में एक सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया था जिसमें पीड़िता कावेरी को कार से 1.5 किमी तक घसीटते हुए दिखाया गया था। फुटेज में दिख रहा है कि मिहिर और ड्राइवर ने महिला को बोनट से खींचकर सड़क पर गिरा दिया और फिर बीएमडब्ल्यू को रिवर्स करते हुए उसे फिर से कुचल दिया था।

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नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने महाराष्ट्र से एक और गिरफ्तारी की

नीट पेपर लीक का मामला इन दिनों काफी गरमाया हुआ है। मामले की जांच में एजेंसियां लगी हुई हैं। इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र एक शख्स को अरेस्ट किया है। सीबीआई (CBI) द्वारा व्यक्ति को महाराष्ट्र के लातूर से गिरफ्तार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार दावा किया जा रहा है कि शख्स छात्रों से पैसे लेकर उनके अंक बढ़वा देता था। इस मामले में बिहार, गुजरात और झारखंड से कई गिरफ्तारियां की गई हैं।

बता दें कि बीते कल यानी 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नीट मामले को 30 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मामले पर अगली सुनवाई की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तय की और साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि फर्जीवाड़ा करने वाले छात्रों की पहचान की जाए। एनटीए (NTA) से सवाल किया गया कि पहली बार पेपर कब लीक हुआ था। गुरुवार को होने वाली सुनवाई में एनटीए (NTA) को इस सवाल का जवाब देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि एक्सपर्ट की एक टीम बनाई जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं पर हुई थी सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) में बीते कल नीट मामले को लेकर कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इनमें से पांच याचिकाएं अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट से ट्रांसफर होकर सुप्रीम कोर्ट में आई हैं। कई याचिकाओं में परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है।

पेपर लीक हुआ है- सीजेआई

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि पेपर लीक हुआ है, यह तो तय है। अब बस इतना पता लगाना है कि यह बड़े स्तर पर हुआ है या छोटे स्तर पर हुआ। अगर पेपर लीक ऑनलाइन हुआ है तो परीक्षा रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वहीं एनटीए ने यह मानने से इंकार किया कि पेपर लीक हुआ है और सरकार की तरफ से कहा गया कि परीक्षा रद्द होने से छात्रों को बड़ा नुकसान होगा।

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कोरोना में भी 50 हजार भीड़ जुटा चुका है हाथरस वाला बाबा, बना रखी है ‘नारायणी सेना’

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान भगदड़ के हादसे में अब तक 123 लोगों के मारे जाने की खबर आ चुकी है। यह हादसा नारायण सरकार हरि कहलाने वाले सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा नाम के शख्स के सत्संग में हुआ। यह सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा बहुत चर्चित नहीं रहा है, लेकिन इस हादसे ने उसे पूरे देश में कुख्यात कर दिया है। हालांकि अब जो रिकॉर्ड सामने आ रहा है, उसके अनुसार सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा पर पहले भी कई केस दर्ज हो चुके हैं। यही नहीं बिना जरूरी परमिशन के भारी भीड़ जुटाने और कोरोना जैसी आपदा के दौर में भी नियमों को ताक पर रखने का उसका रिकॉर्ड रहा है।

50 लोगो की जगह आये 50 हज़ार

अब तक मीडिया की सुर्खियों से भले ही नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह दूर रहा है, लेकिन विवादों से उसका पुराना नाता है। यहां तक कि उसने 2022 में भी यूपी के ही फर्रूखाबाद में एक बड़ा आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा लोग जुटे थे। उसने यह आयोजन तब किया था, जब पूरे देश में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप था। जिला प्रशासन से सूरजपाल सिंह ने परमिशन मांगी थी तो 50 लोगों का एक छोटा कार्यक्रम करने की उसे अनुमति मिल गई थी। उसमें भी शर्तें थीं कि कोविड के प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। लेकिन कार्यक्रम में 50 हजार लोगों का हुजूम उमड़ा और सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया।

हाथरस वाले बाबा ने बना रखी है नारायणी सेना

नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा कभी भी अपने आयोजनों में पुलिस प्रशासन की मदद नहीं लेता था। भारी भीड़ जुटने पर उसके ही लोग सुरक्षा व्यवस्था में जुटते थे, जिन्हें वॉलंटियर कहा जाता था। इस टीम को सूरजपाल सिंह ने नारायणी सेना का नाम दिया था। इस ‘नारायणी सेना’ में महिला और पुरुष दोनों शामिल किए जाते थे।नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा मूलत: एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। उसका दावा रहा है कि वह पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था और फिर इंटेलिजेंस यूनिट में भी 18 सालों तक काम किया। हालांकि उसके कुछ समर्थक तो यहां तक दावा करते हैं कि वह इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए भी काम कर चुका है।

भगवा वस्त्र नहीं पहनता हाथरस वाला बाबा, सूट का है शौकीन

खुद को ‘नारायण हरि सरकार’ कहने वाला नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा दावा करता है कि वह गांव में झोपड़ी में ही रहता है। यूपी के तमाम जिलों के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी पिछले कुछ सालों में उसने प्रभाव जमा लिया। सूरजपाल सिंह भले ही खुद को धर्मगुरु के तौर पर पेश करता है, लेकिन हमेशा सफेद सूट और टाई में दिखता है। कई बार कुर्ता पायजामा भी पहनता है। वह अपनी पत्नी प्रेमवती को भी हमेशा साथ रखता है।

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जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण पर चला बुल्डोजर, हैदराबाद नगर निगम ने की कार्रवाई

आंध्र प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है। तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू राज्य के सीएम बने हैं। इस बीच शपथ लेने के बाद ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। दरअसल नई सरकार के आते ही जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चला दिया गया है। मामला लोटस पॉन्ड इलाके का है। यहां जगन मोहन रेड्डी के आवास के सामने उनकी सुरक्षा के लिए सड़क पर अतिक्रमण बनाया गया था। इस कारण जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में हैदराबाद नगर निगम ने अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू कर दी।

हैदराबाद नगर निगम का अवैध निर्माण पर बड़ा एक्शन

इस अतिक्रमण के मद्देनजर नगर निगम को काफी शिकायतें मिली थीं, जिसमें जिक्र था कि अतिक्रमण के कारण निर्माण करने व अन्य चीजों की दिक्कतों झेलनी पड़ रही है। इसके बाद हैदराबाद नगर निगम ने यह एक्शन लिया। जगन मोहन रेड्डी के समर्थकों के मुताबिक सड़क किनारे उनका यह कमरा उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया था। आंध्र प्रदेश में मिली हार के बाद से जगन मोहन रेड्डी की कोई सुरक्षा व्यवस्था नही थी। अधिकारियों ने कहा कि इसी कारण जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।

बुल्डोजर ने ढहाया अवैध निर्माण

बता दें कि हैदराबाद के लोटस पॉन्ड इलाके में अवैध रूप से फुटपाथ और सड़क का निर्माण किया गया था। इस कारण गाड़ी चलाने वालों और पैदल चलने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। बता दें कि इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सरकार ने कई बार ये चेतावनी दी है कि कहीं भी अवैध निर्माण को नजरअंदाज नहीं किया जाए। बता दें कि जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण को गिराने का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें रेड्डी के घर के बाहर खड़े बुल्डोजर को तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है।

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यूपी में और महंगी हुई पढ़ाई : पब्लिक स्कूलों की फीस 12% तक बढ़ी, ऐसा क्यों आईये जानें

नए सत्र से पब्लिक स्कूलों में अभिभावकों के जेब पर बोझ डालते हुए, इसमें करीब 12% की बढ़ोतरी कर दी है। स्कूलों की तरफ से सालाना 5% फीस बढ़ोतरी के साथ कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) अधिक होने के कारण करीब 12% फीस में बढ़ोतरी की गई है। ऐसे में प्रतिमाह के साथ दाखिले के एवज में लिया जाने वाला शुल्क भी मंहगा होगा। इसका सीधा असर आपके जेब पर पड़ना तय है।यूपी सरकार की ओर से हर साल करीब 10% फीस बढ़ाने का नियम तय किया गया है, पर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स अधिक होने के कारण फीस में बढ़ोतरी नियमित दर से अधिक हुई है।

नये सत्र में दाखिले का वार अभिभावकों की आय पर

पहली अप्रैल से शुरू हुए नये सत्र में दाखिले का वार अभिभावकों की आय पर पड़ने वाला है। बच्चों की किताबें हो स्टेशनरी या फिर ड्रेस इन सभी के मूल्य में मंहगाई तो सरेआम दिख रही है। मंहगाई का एक और असर शुल्क बढ़ोत्तरी के रूप में देखा जा रहा है। अप्रैल माह में शुरू हुए नये शिक्षण सत्र में छात्रों के मासिक शुल्क में 200 से 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

सत्र 2024- 25 की नामी-गिरामी विद्यालयों में नर्सरी और यूकेजी कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों से लेकर हाईस्कूल व इंटर के छात्रों के शुल्क में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। यह बात दीगर है कि निजी विद्यालयों में शिक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के फीस की दर अलग-अलग है। स्कूल की ओर से बताया कि इस बार दो सौ रुपये प्रतिमाह की फीस बढ़ाई गयी है। पिछले साल जो फीस 2850 थी वह नए सत्र से वहीं 3050 प्रति माह होगी।

नर्सरी में एडमिशन कराने गए अभिभावकों को स्कूल की ओर से जानकारी दी गई कि नर्सरी में एडमिशन की फीस 20 हजार से अधिक है। बता दें कि राजधानी में करीब 150 निजी विद्यालय संचालित है, कुछ विद्यालयों में नर्सरी में प्रवेश का शुल्क 20 हजार है। जबकि कुछ विद्यालयों में 38 हजार से अधिक है। इसी तरह दसवीं कक्षा में प्रवेश शुल्क 20,500 से 65 हजार रुपये तक है।

स्कूलों की फीस में 12% की हुई बढ़ोतरी

वही एक निजी विद्यालय ने नए सत्र का प्रवेश शुल्क की जानकारी वेबसाइट पर दी है। नर्सरी और यूकेजी की प्रवेश फीस 20,200 होगी, पहली और पांचवी कक्षा में प्रवेश की फीस 20,300, छठवी और आठवी की 20,400, नौवीं और दसवी की 20,550 रुपये प्रवेश फीस होगी। इस बारे में एक कालेज के प्रबंधक का कहना है कि प्रत्येक साल नियमत करीब पांच से सात फीसदी की शुल्क बढ़ाया जाता है। ऐसे में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5% से ज्यादा होने के कारण फीस में 12% की बढ़ोतरी की गई है। ये बढ़ोतरी सरकार के नियमों के तहत हुआ है। स्कूल में बेहतर शिक्षा का मौहाल हो, इसके लिए विद्याथियों को बेहतर व्यवस्थाए दी जाती है।

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शुरू हो गई इंडिया गठबंधन की बैठक, कई बड़े नेता हुए हैं शामिल

देश में आज आखिरी चरण के तहत मतदान हो रहा है। वहीं आखिरी चरण के मतदान के बीच इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दलों के नेताओं की एक बैठक हो रही है। ये बैठक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बुलाई गई है। बैठक में शामिल होने के लिए विभिन्न दलों के नेता दिल्ली पहुंच भी गए हैं। माना जा रहा है कि बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की क्या रणनीति होनी चाहिए।

कई राज्यों में चल रहा मतदान

वहीं मतदान की बात की जाए तो इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों से जुड़े कई राज्यों में मतदान हो रहा है। सातवें चरण में बिहार में भी मतदान हो रहा है। बिहार से राष्ट्रीय जनता दल (तेजस्वी यादव) इंडिया गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वहीं पंजाब की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीते कई दिनों से पंजाब में सघन चुनाव प्रचार कर रहे थे। आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।

ममता बनर्जी नहीं होंगी बैठक में शामिल

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि इसमें गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में नहीं आएंगी। ममता बनर्जी के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी इंडिया गठबंधन की इस बैठक से अनुपस्थित रह सकते हैं। हालांकि उनके स्थान पर उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य बैठक में उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। बताया जा रहा है कि शनिवार को सातवें और अंतिम चरण के चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल की कई सीटों पर मतदान हो रहा है। यही कारण है कि ममता बनर्जी दिल्ली नहीं आ रही हैं।

ये नेता बैठक में होंगे शामिल

1. मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस)
2. सोनिया गांधी (कांग्रेस)
3. राहुल गांधी (कांग्रेस)
4. के.सी. वेणुगोपाल (कांग्रेस)
5. अखिलेश यादव (सपा)
6. शरद पवार (एन.सी.पी)
7. जीतेन्द्र अव्हाड (एनसीपी)
8. अरविन्द केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)
9. भगवंत मान (आम आदमी पार्टी)
10. संजय सिंह (आम आदमी पार्टी)
11. राघव चड्ढा (आम आदमी पार्टी)
12. टी. आर. बालू (डीएमके)
13. तेजस्वी यादव (राजद)
14. संजय यादव, (राजद)
15. चंपई सोरेन (झामुमो)
16. कल्पना सोरेन (झामुमो)
17. फारूक अब्दुल्ला (J&KNC)
18. डी. राजा (सीपीआई)
19. सीताराम येचुरी (सीपीआईएम)
20. अनिल देसाई शिव सेना (यूबीटी)
21. दीपंकर भट्टाचार्य सीपीआई (एमएल)
22. मुकेश सहनी (वीआईपी)

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दोस्तों के साथ मिलकर बेटी का गैंगरेप करता था पिता, दादी ने कराया गर्भपात

जिला फर्रुखाबाद में गैंगरेप का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद खून के रिश्तों पर भी विश्वास करना मुश्किल होगा। दरअसल यहां एक शख्स अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर अपनी ही बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करता था। इतना ही नहीं इनके इस कुर्कम में उस लड़की की दादी ने भी उनका साथ देती थी। बेटी के गर्भवती होने पर उसकी दादी ने उसका गर्भपात करवाया। कोर्ट ने गैंगरेप के सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं गर्भपात कराने वाली दादी को 8 साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है।

मां ने दर्ज करवाया मामला

पूरा मामला फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र की कर्नलगंज चौकी का है। यहां रहने वाली महिला ने 12 जनवरी 2020 को अपने पति और उसके दोस्तों लालू उर्फ सुरजीत, राहुल उर्फ कुंती, मनोज शाक्य, सोनू तिवारी उर्फ रत्नेश तिवारी, विमल कुमार, विष्णु शरन रस्तोगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने अपनी सास के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति उसकी 16 साल की बेटी के साथ लगातार दुष्कर्म कर रहा था। इसकी जानकारी होने पर उसे बेटी को जयपुर हॉस्टल में पढ़ने भेज दिया। इसके बाद भी पति उसे जयपुर से बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा।

नशीली गोलियां खिलाकर करते थे गैंगरेप

शिकायत में कहा गया कि पति अपने दोस्तों को साथ लेकर होटलों में जाता था। वहां पति और उसके दोस्त बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करते थे। बेटी ने बताया कि पापा नशीली गोलियां खिलाकर दुष्कर्म करते थे और बाद में उनके दोस्त भी मेरे साथ दुष्कर्म करते थे। इसी बीच बेटी गर्भवती हो गई तो उसकी दादी ने आवास विकास के एक नर्सिंग होम में उसका गर्भपात करा दिया था।

गैंगरेप के दोषियों को उम्रकैद की सजा

इस मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर लेखपाल पिता, दोस्त मनोज शाक्य, सोनू तिवारी उर्फ रत्नेश तिवारी, विमल कुमार और विष्णु शरन रस्तोगी को दोषी करार दिया। वहीं नातिन का गर्भपात कराने को लेकर न्यायालय ने दादी को भी दोषी ठहराया है। इनके अलावा साक्ष्यों के अभाव में लालू उर्फ सुरजीत और राहुल उर्फ कुंती को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद सभी दोषियों को जिला जेल भेज दिया गया। न्यायाधीश ने दोषी लेखपाल पिता, उसके दोस्त मनोज शाक्य, सोनू तिवारी उर्फ रत्नेश तिवारी, विमल कुमार और विष्णु शरन रस्तोगी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

दादी को भी सुनाई सजा

दुष्कर्म के बाद गर्भवती होने पर नाबालिग नातिन का गर्भपात कराने में दोषी पाई गई दादी को न्यायालय ने आठ वर्ष की सजा सुनाई है । सभी दोषियों को 6.03 लाख रुपये जुर्माना जमा करने के आदेश दिए है । जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतने के आदेश दिए है । न्यायालय ने दोषियों की जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित करने के आदेश दिए हैं।

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गुजरात में क्यों हो रहा स्मार्ट मीटर का विरोध ? आईये जानते है आखिर ऐसा क्यों

किसी भी समाज में जब कोई बदलाव होता है तो लोग उसे बहुत ही ज्यादा रेजिस्टेंस के साथ स्वीकार करते हैं, क्योंकि पुराने सिस्टम की आदत कुछ इस कदर लग जाती है की नई व्यवस्था को अपनाने से हम परहेज करने लगते हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों गुजरात में बिजली विभाग द्वारा शुरू किये गए प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के साथ भी होते हुए दिखाई दे रहा है। आइए, समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर जनता स्मार्ट मीटर्स का विरोध क्यों कर रही है।

वडोदरा में हुए किस्से से समझते है आखिर क्या है बात

सारा मामला वडोदरा के एक किस्से से समझते हैं। वडोदरा में एक महिला ये कहते हुए दिख रही है कि उसका बिल डबल से भी ज्यादा हो गया। उसकी हकीकत ये है कि महिला ने रिचार्ज अमाउंट इस्तेमाल करने के बाद 300 रुपये की लिमिट भी क्रॉस कर ली। 5 दिन का ग्रेस भी बीत गया और उसके बाद 3 दिन की छुट्टी आ गई (नियम के अनुसार छुट्टी के दिन भी बिजली नहीं काटी गई) और बाद में जब बिजली कट गई तब उसने सब-डिवीज़न ऑफिस में जा कर रिचार्ज करवाया।

महिला का कनेक्शन शुरू हो गया पर उसके 1500 के रिचार्ज में से 300 रुपये का एक्सेस एमाउंट+8 दिन (जिसमें लिमिट क्रॉस करने के बावजूद बिजली नहीं काटी गई) का एक्सेस यूसेज चार्ज तुरंत कट गया। अब जानकारी के आभाव में उसे लगा उसका बिल ज्यादा आ रहा है पर बाद में जब उसे असली वजह के बारे में बताया गया तो उसका कन्फ्यूज़न दूर हो गया। हालांकि तब तक खबर इतनी वायरल हो गई की दूसरे जिलों से भी लोगों को लगने लगा की उनका मीटर भी तेज चल रहा है।

जनता क्यों कर रही है स्मार्ट मीटर का विरोध ?

अभी तक जो सामने आया है उसके मुताबिक, विरोध का कारण स्मार्ट मीटर का रेग्युलर मीटर की तुलना में तेज चलना बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसकी वजह से बिल दोगुना आ रहा है। लोगों की बातें सुनकर ऐसा लगता है जैसे सभी मीटर खराब हैं और इन स्मार्ट मीटर्स के आने से पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी। जिस तरह से लोगों के विरोध की रील्स वायरल हो रही हैं, पहली नजर में ऐसा ही लगता है। स्थानीय न्यूज चैनल्स में भी ज्यादा बिल आने की कहानियां छाई हुई थीं लेकिन इसके पीछे का कारण कोई नहीं दिखा रहा था।

स्मार्ट मीटर तेज चलने की खबर महज अफवाह ?

जब पूरे मामले की पड़ताल की गई और सभी तथ्यों को वेरिफाई किया गया तो जो बातें सामने आईं उनसे पता चला कि स्मार्ट मीटर के तेज चलने के बारे में सारा प्रचार भ्रांतियों से भरा हुआ है। यही वजह है कि तथ्यों को सही से रखना बहुत जरूरी है। यह पता चला कि लोगों के मन में शंका न बढ़े, इसके लिए हर 100 मीटर्स के क्लस्टर में रैंडम बेसिस पर 5 पुराने मीटर्स भी लगे होंगे जो कि नए प्री-पेड मीटर्स के साथ भी जुड़े होंगे ताकि रीडिंग्स को कम्पेयर किया जा सके। तो फिर ये भ्रान्ति पैदा कहां से हुई कि ये मीटर तेज चल रहे ?

लोगों के मन में सवाल उठने की क्या है वजह ?

मीटर्स के तेज चलने की भ्रांति की सबसे बड़ी वजह यह है कि जिन घरों में भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत नए मीटर लगाए गए हैं वहां उन घर वालों की सुविधा के लिए पुराने मीटर के यूसेज को उस वक्त सेटल नहीं किया गया। घर वालों की जानकारी में लाने के बाद उस यूसेज चार्ज को 180 दिनों में डिवाइड करके नए मीटर के यूसेज के साथ डेली बेसिस पर जोड़ना शुरू किया गया जिससे लोगों को लगा कि 10 दिन में इतना एक्स्ट्रा पैसा कहां से लग गया।

पहले से ही रिचार्ज करवाना होता है प्रीपेड मीटर

इसके अलावा प्री-पेड मीटर्स में ये व्यवस्था की गई है कि ग्राहक को मोबाइल फोन की ही तरह मीटर पहले से रिचार्ज करवाना होगा और यदि उसका उपयोग प्री-पेड एमाउंट से 300 रुपये ज्यादा होने तक उसकी बिजली नहीं कटेगी, यानी उतना क्रेडिट उसे मिलेगा। हालांकि 300 रुपये का अमाउंट पार करने के बाद बिजली कट जाएगी और रिचार्ज करवाने पर कनेक्शन ऑटोमैटिकली दोबारा शुरू हो जायेगा। दिलचस्प बात यह है कि 300 रुपये माइनस में जाने के बाद भी बिजली विभाग ग्राहक को 5 दिन का ग्रेस पीरियड दे रहा है। अगर इस अवधि में भी रिचार्ज नहीं होता है तब बिजली कटेगी।

सरकार को जागरूकता फैलाने की जरूरत

बिहार, असम और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में स्मार्ट मीटर का सिस्टम सफलतापूर्वक लागू हुआ है। नोएडा की भी बड़ी कॉलोनियों में यह सिस्टम सफलतापूर्वक चल रहा है तो गुजरात में क्यों नहीं? वैसे गुजरात के सूरत में इस सिस्टम को सबसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। वहां सबसे पहले ये मीटर GEB की कॉलोनी में लगाए गए और बाद में सूरत के पाल इलाके में जहां लोग जानकारी को जल्दी स्वीकार कर पाए। इस तरह देखा जाए तो स्मार्ट मीटर का विरोध भ्रांतियों पर आधारित है और जागरूकता की कमी से ऐसा हो रहा है।

ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार को इसके बारे में और ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है क्योंकि यह सिस्टम सचमुच में उपयोगी है क्योंकि :

1 >> इससे बिजली के उपयोग की रियल टाइम जानकारी हमें मिलेगी और हम उसे कंट्रोल भी कर पाएंगे।

⁠2 >> सरकार के लेवल पर डिस्ट्रीब्यूशन लॉसेस भी कम होंगे।

3 >> ⁠विभाग के हाथ में पैसा होगा तो सर्विसेज भी और बेहतर होंगी।

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सिस्टम के मुंह पर तमाचा मारने जैसा, केजरीवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बोली ईडी

दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान का जिक्र किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, केजरीवाल कहते हैं कि अगर आप झाड़ू को वोट देंगे, तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था, यह संस्था के मुंह पर तमाचा मारने जैसा है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, अगर इस याचिका को अदालत स्वीकार करती है तो यह एक परंपरा बन जाएगी। इसलिए याचिका की योग्यता पर पहले पक्ष रखेंगे। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि याचिकाकर्ता कह रहे हैं कि धारा 19 की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और इस प्रकार रिमांड आदेश बिल्कुल भी पारित नहीं किया जा सकता है।

प्रचार के लिए जमानत देना कोई अपवाद नहीं

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना कोई अपवाद नहीं है और इस फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का स्वागत है। पीठ ने कहा, हमने किसी के लिए अपवाद स्वरूप कुछ नहीं किया है। हमने अपने आदेश में वही कहा, जो हमें न्यायोचित लगा।

किसी के लिए अपवाद नहीं – सुप्रीम कोर्ट

इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल कहते हैं कि अगर आप झाड़ू को वोट देंगे, तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यह केजरीवाल की धारणा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं ? जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस मसले पर नहीं जाएंगे। हमारा आदेश स्पष्ट है कि केजरीवाल को कब आत्मसमर्पण करना है। यह सुप्रीम कोर्ट में बोली ईडी का आदेश है और कानून का शासन इसी से संचालित होगा। हमने किसी के लिए अपवाद नहीं बनाया।

केजरीवाल ने क्या कहा था ?

केजरीवाल ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जेपी अग्रवाल और उदित राज के लिए प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह आपके हाथ में है कि मैं जेल जाऊं या नहीं, यदि आप कमल चुनते हैं, तो मुझे वापस जेल जाना होगा। यदि आप इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को चुनते हैं, मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा। केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी है।

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा ?

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि कृपया पीएमएलए की धारा 19 देखें, यह धारा 482 के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 227 के तहत एक याचिका है और मेरी कोशिश यह होगी कि हर कोई इस याचिका का सहारा नहीं ले सके और अगर इस पर विचार किया गया और ऐसी कई याचिकाएं दायर होंगी। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि पीएमएलए के तहत बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां होती हैं। हमने विजय मदनलाल फैसले के बाद के आंकड़े दिए हैं, फैसला 2022 में था और तब से कुल गिरफ्तारियां 313 थीं।

यह अधिनियम 2002 में लाया गया था। हम एक स्टैंडअलोन देश नहीं हैं जहां मनी लॉन्ड्रिंग होती है। ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हैं जिनमें कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक वैश्विक अपराध है। हमारा कानून एफएटीएफ के अनुरूप है। हर 5 साल में एक सहकर्मी समीक्षा होती है और यह देखा जाता है कि हमारा विधायी ढांचा क्या है और इसे कैसे लागू किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उधार के लिए हमारी साख पात्रता भी इसी पर निर्भर करती है।

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वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह का चुनाव लड़ना तय, नामांकन हुआ स्वीकार

‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह का नामांकन स्वीकार हो गया है। अमृतपाल पंजाब की खडूर साहिब लोक सभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा दाखिल किया है। अमृतपाल सिंह का नामांकन फॉर्म बुधवार को स्वीकार कर लिया गया है। वह फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पंजाब की सभी सीटों पर एक जून को मतदान होगा। वोटों की गिनती चार जून को होगी।

इस सीट पर है संगत का प्रभाव

वही खडूर साहिब सीट से अमृतपाल सिंह की उम्मीदवारी का शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने समर्थन किया है और उसने निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है। माना जाता है कि खडूर साहिब लोकसभा सीट पर पंथ का प्रभाव है। इसमें नौ विधानसभा क्षेत्र हैं – जंडियाला, तरनतारन, खेम करण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी और जीरा।

इस सीट पर ये नेता लड़ रहे चुनाव

शिरोमणि अकाली दल ने पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा को मैदान में उतारा है, जबकि आम आदमी पार्टी ने परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से मंजीत सिंह मन्ना मियांविंड को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा को मैदान में उतारा है।

संगत के कहने पर अमृतपाल सिंह दाखिल किया नामांकन

कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह का कहना है कि अमृतपाल चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं था, लेकिन ‘संगत’ के कहने पर उसने अपना मन बदल लिया। अमृतपाल सिंह के अधिवक्ता ने पहले दावा किया था कि वह (सिंह) पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ेगा। अमृतपाल सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से खडूर साहिब सीट फिर से सुर्खियों में है।

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नकली शिवसेना और नकली एनसीपी का कांग्रेस में विलय होना पक्का – पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के डिंडोरी में विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ” पीएम नरेंद्र मोदी वंचितों के अधिकारों का चौकीदार है। वह उन्हें छिनने नहीं देगा। भारत ने जिस तरह से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उसकी पूरी दुनिया प्रशंसा कर रही है। आगे उन्होंने कहा, आज पीएम नरेंद्र मोदी गरीब को पक्के घर दे रहा है। बिजली कनेक्शन, हर घर जल, उज्ज्वला का गैस कनेक्शन दे रहा है। हमने कभी किसी का धर्म नहीं देखा। सबके लिए योजनाएं बनाईं, सबको योजनाओं का लाभ दिया।

धर्म के आधार पर बजट का बंटवारा चाहती है कांग्रेस – पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कांग्रेस की सोच है कि देश की सरकारें जितना बजट बनाती हैं, उसका 15 प्रतिशत सिर्फ अल्पसंख्यक पर खर्च हो, यानी धर्म के आधार पर बजट का भी बंटवारा हो। धर्म के आधार पर इन्होंने देश को बांटा और आज भी वो धर्म के आधार पर भांति-भांति के बंटवारे करने में लगे हुए हैं।

अब कांग्रेस में विलय पक्का – पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा यह नकली शिवसेना (उद्धव ठाकरे), नकली राष्ट्रवादी पार्टी (शरद पवार) का कांग्रेस में विलय होना पक्का है। जब इस नकली शिवसेना का कांग्रेस में विलय हो जाएगा तब मुझे सबसे ज्यादा याद बाला साहेब ठाकरे की आएगी। बाला साहेब का मानना ​​था कि जिस दिन शिवसेना कांग्रेस की राह पर चलने लगेगी। उस दिन उनकी शिवसेना का अंत हो जाएगा। आज यह जो विनाश हो रहा है, यह बाला साहेब को सबसे ज्यादा दुखी करता होगा।

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उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट

उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पूछा कि वन अग्निशमन कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर क्यों तैनात किया गया था। सरकार की पेश से पेश से अदालत ने पूछा कि आपने जंगल के अग्निशमन कर्मचारियों को आग के बीच चुनाव ड्यूटी पर क्यों लगाया है ?

आग बुझाने के लिए केंद्र से नहीं मिले पैसे

उत्तराखंड में जंगल की आग पर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान वकील परमेश्वर ने आज कहा कि वहां भीषण आग है और 40 फीसदी जंगल आग की चपेट में है। इसे बुझाया नहीं जा सका है। वकील को जवाब देते हुए उत्तराखंड के वकील ने कहा कि कोई नई आग नहीं लगी है। वकील ने आगे तर्क दिया कि राज्य सरकार को जंगल की आग से निपटने के लिए केंद्र से धन नहीं मिला है। इसमें आगे कहा गया, “केंद्र और राज्य की छह सदस्यीय समिति मदद कर सकती है ताकि इन आग पर काबू पाया जा सके। हम आग बुझाने की स्थिति में हैं। 9,000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और 420 मामले दर्ज किए गए हैं। हम बैठक कर रहे हैं।

आप सिर्फ बहाने बना रहे हैं – सुप्रीम कोर्ट

राज्य के एक अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कर्मचारियों की चुनाव की ड्यूटी खत्म हो गई है और मुख्य सचिव ने उन्हें किसी भी अधिकारी को चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाने का निर्देश दिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि यह एक खेदजनक स्थिति है। आप केवल बहाने बना रहे हैं।

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स्वाति मालीवाल के साथ हुई थी बदसलूकी, केजरीवाल करेंगे कार्यवाही – संजय सिंह

अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी की घटना को आम आदमी पार्टी ने संज्ञान में लिया है और कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी की घटना का जिक्र करते हुए इसकी निंदा की और कहा कि अरविंद केजरीवाल के संज्ञान में यह बात है और वे इस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

अरविन्द केजरीवाल में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं – मनजिंदर सिंह सिरसा

वहीं इस मामले पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का बयान भी सामने आया है। सिरसा ने कहा कि संजय सिंह जी ने स्वीकार किया कि अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल जी के साथ मारपीट की गई। 30 घंटे बाद भी वैभव कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि वह अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र हैं और शराब घोटाले की सारी जानकारी उनके पास है। यही कारण है कि केजरीवाल में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है।

अरविन्द केजरीवाल भी दोषी – कपिल मिश्रा

उधर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का ये कहना कि केजरीवाल एक्शन लेंगे ये बात ही फ्रॉड है। उन्होंने कहा-संजय सिंह ने मान लिया कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को सीएम हाउस में पीटा गया, केजरीवाल ने 31 घंटे तक इस मामले को दबाया। AAP का ये कहना कि केजरीवाल एक्शन लेंगे, ये बात ही फ्रॉड है। केजरीवाल कौन होते हैं एक्शन लेने वाले? एक्शन पुलिस लेगी। कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल स्वाति को पिटवाने और अपराध को दबाने के दोषी हैं। 31 घंटे तक पुलिस को नहीं बताने के दोषी हैं।

केजरीवाल करेंगे सख्त कार्रवाई – आप नेता संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा- ‘कल एक बेहद निंदनीय घटना घटी। कल सुबह अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालिवाल मुलाकात करने पहुंची थीं। वह ड्राइंग रूम में इंतज़ार कर रही थी तभी अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार वहां आए और उन्होंने स्वाति मालिवाल के साथ बेहद बदतमीज़ी की और अभद्रता की। इस पूरे मामले की जानकारी स्वाति मालिवाल ने पुलिस को दी है। अरविंद केजरीवाल ने पूरी घटना को संज्ञान में लिया है और सख्त कार्रवाई करने को कहा है। वह पार्टी की पुरानी और वरिष्ठ नेता में से एक हैं।हम सब उनके साथ हैं।

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पीएम मोदी ने वाराणसी सीट से दाखिल किया नामांकन, चार लोग बने प्रस्तावक

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चार चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। तीन चरणों के चुनाव अब बाकी हैं। इससे पहले पीएम मोदी आज वाराणसी लोकसभा सीट के लिए नामांकन किया। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे। बता दें कि पीएम मोदी नामांकन के एक दिन पहले से ही बनारस पहुंच गए। यहां उन्होंने कल शाम को 5 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। रोड शो के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। इसके बाद काल भैरव मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नामांकन किया।

ये चार लोग बने पीएम के प्रस्तावक

प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन के दौरान जो चार लोग प्रस्तावक बने उनके भी नाम भी सामने आए हैं। इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

पीएम मोदी के नामंकन में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन

बता दें कि आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां उन्होंने मां गंगा की पूजा की। दशाश्वमेध घाट पर पूजा के बाद प्रधानमंत्री मोदी बनारस के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के मंदिर भी पहुंचे। काल भैरव में पूजा के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट रवाना हुए और यहां उन्होंने नामांकन किया। बता दें कि पीएम मोदी के नामंकन में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन हो रहा है। एनडीए शासित राज्यों के 11 मुख्यमंत्री और मोदी कैबिनेट के 18 मंत्री इस वक्त काशी में मौजूद हैं। सहयोगी दलों में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, चिराग पासवान, जयंत चौधरी भी पीएम के नामांकन में शामिल होने के लिए वारणसी पहुंचे हैं।

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माधवी लता ने बुर्का हटवाकर चेक की वोटरों की आईडी, केस हुआ दर्ज

देश के 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीटों पर आज चौथे चरण के तहत मतदान हो रहा है। इसी क्रम में आज तेलंगाना में भी मतदान जारी है। इस बीच हैदराबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माधवी लता को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, माधवी लता का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पोलिंग बूथों पर जाकर मुस्लिम महिला मतदाताओं का बुर्का हटाकर उनकी आईडी चेक करती हुई दिख रही हैं। माधवी लता ने मुस्लिम मतदाताओं की वोटर आईडी भी चेक और और उनके बारे में जानकारी भी ली।

माधवी लता के खिलाफ केस दर्ज

माधवी लता ओवैसी की लगातार जीत का आधार इन बोगस वोटों को ही बताती रही हैं। ऐसे में अब माधवी लता को जब भारतीय जनता पार्टी ने हैदराबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया है तो वोटिंग के दिन खुद माधवी लता पोलिंग बूथों पर पहुंच गईं। माधवी लता को पोलिंग बूथों पर मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर उनकी आईडी चेक करते हुए देखा गया। वहीं माधवी लता के खिलाफ इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है। माधवी लता के खिलाफ मलकपेट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 171सी, 186, 505(1)(सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पहले भी बोगस वोटों के आरोप लगा चुकी हैं माधवी लता

बता दें कि इससे पहले माधवी लता ओवैसी पर बोगस वोटों से जीतने के आरोप भी लगा चुकी हैं। माधवी लता इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी को पर आरोप लगाते हुए कह चुकी हैं कि ‘उनके पास 6,20,000 बोगस वोट हैं। एक एपिक नंबर टाइप करोगे तो उस EPIC नंबर के दौरान इलेक्शन साइट पर आप दो-दो जगह वोटर ID पाओगे। चारमीनार में ऐसे 1,60,000 वोट हैं उनके पास।’

माधवी लता ने पुलिसकर्मियों पर लगाए आरोप

वहीं माधवी लता का कहना है कि “यहां 90% बूथों पर गड़बड़ी हुई है। पुलिस महिला कांस्टेबलों को मतदाता पहचान पत्र के साथ चेहरे की जांच करने का निर्देश नहीं देना चाहती है। जब मैंने पुलिस अधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि ये उनकी जिम्मेदारी नहीं है।”

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लोकसभा चुनाव में 12 साल की बच्ची डालने पहुंची वोट, देख बूथ कर्मचारी रह गए दंग

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग बीते दिन यानी 7 मई को संपन्न हुई। इसी दिन संभल लोकसभा में वोट डाले गए। अब यहां से एक खबर सामने आ रही है कि पोलिंग बूथ पर एक 12 साल की बच्ची भी वोट डालने पहुंची थी। जानकार आपको भी हैरानी होगी कि वोटर लिस्ट में बच्ची का नाम भी शामिल था। अब इस मामले पर डीएम ने सख्ती दिखाई है, उन्होंने कहा कि इस मामले पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

सेक्टर मजिस्ट्रेट ने की पूछताछ

बता दें कि लड़की लाइन में लगी हुई थी कि तभी सेक्टर मजिस्ट्रेट की नजर बच्ची पर गई, फिर जब उससे उसका नाम,उम्र पूछा तो वह चौंक गए। इस मामले को जिलाधिकारी मुरादाबाद ने भी गंभीरता से लेते हुए जांच व कार्यवाही के आदेश दे दिए हैं। गौरतलब है कि किसी भी पोलिंग बूथ पर वोट डालने से पहले मतदाताओं से उनके नाम वगैरह पूछकर मिलान किया जाता है, सही होने पर ही कोई व्यक्ति वोट डाल सकता है।

वोट देने पहुंची 12 साल की बच्ची

दरअसल, मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा संभल लोकसभा में लगती है इसलिए यहां भी वोटिंग प्रकिया चल रही थी। कुंदरकी के ही एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने एक 12 साल की बच्ची भी पहुंची थी। लड़की लाइन में लगी हुई थी कि तभी सेक्टर मजिस्ट्रेट की नजर बच्ची पर गई, फिर जब उससे उसका नाम,उम्र पूछा तो वह चौंक गए। खुद लड़की ने अपनी उम्र 12 साल बताई, साथ ही कहा कि वह कक्षा 8 की छात्रा है। बूथ कर्मियों की पूछताछ में उसने अपना नाम फरहीन बताया।

जिलाधिकारी ने कही कार्रवाई की बात

कुंदरकी विधानसभा के जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि मामला कुंदरकी विधानसभा के बूथ नंबर 398 का है। वहां एक बच्ची वोट डालने आई, बच्ची पूछताछ में अपनी उम्र 12 साल और खुद को कक्षा 8 की छात्रा बता रही है। बच्ची का नाम निर्वाचन नामावली में है और आधार कार्ड के माध्यम से वो वोट डालने आई थी। अब जांच का बिंदु है कि वो 12 साल की है तो उसका नाम निर्वाचन नामावली कैसे आया ? इस तथ्य की जांच कराई जाएगी और साथ ही इस प्रकरण में कौन-कौन शामिल हैं, इसकी भी जांच होगी।

आधार कार्ड को लेकर भी मिली शिकायतें

जिलाधिकारी ने कहा कि बच्ची नाबालिग है इसलिए उसके पेरेंट्स उसके आसपास के लोग ही इसमें इन्वॉल्व रहे होंगे। इसकी जांच कराएंगे और कड़ी कार्रवाई करेंगे। आधार कार्ड को लेकर भी शिकायतें मिली हैं, अधिकांश वोटर आधार कार्ड ही लेकर आए क्योंकि वो भी विकल्प है। ये भी शिकायत मिली है कि बड़ी संख्या में आधार कार्ड भी बने हैं। हम कुछ जगहों पर जांच भी करवाएंगे कोई अनियमितता पाई जाती है तो आगे की कार्रवाई जाएगी।

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आम तौर पर सांसद एक होता है पर यहां आपको 2-2 मिलेंगे – प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रायबरेली में अपने भाई राहुल गांधी के लिए वोट मांगे और उन्होंने कहा, ‘सेवा की राजनीति आप समझते हैं। हमेशा देश के प्रति निष्ठा और जागरुकता दिखाई है। यहां राहुल गांधी को जिताएंगे तो आपको ऐसे ही सांसद मिलेंगे। आपको 2-2 लोग मिल जाएंगे। आम तौर पर एक सांसद होता है लेकिन आपको 2-2 सांसद मिलेंगे। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘मैं भी यहां होऊंगी और वो (राहुल) भी होंगे। वो सांसद होंगे आपके और मैं उनके साथ-साथ काम करुंगी। पूरे दिल से सारी समस्याओं को हल करेंगे, जैसे हमारे पूर्वजों ने किया। सियासी गलियारों में प्रियंका गांधी के इस बयान की खूब चर्चा हो रही है क्योंकि वह जनता के सामने खुद को भी सांसद की तरह की रिप्रिजेंट कर रही हैं। जबकि रायबरेली से चुनाव उनके भाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं।

झूठ फैलाने में लगी बीजेपी की पूरी मशीनरी – प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की पूरी मशीनरी ही राहुल गांधी के खिलाफ झूठ फैलाने में लगी हुई है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी धर्म, जाति और मंदिर-मस्जिद के बारे में बात करती है लेकिन लोगों से जुड़े वास्तविक मुद्दों के बारे में बात नहीं करती। गांधी परिवार का गढ़ समझी जाने वाली रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अपने भाई राहुल गांधी के लिए प्रचार कर रहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि रायबरेली के लोग नेताओं को अच्छी तरह समझते हैं।

रायबरेली के थुलवासा में एक नुक्कड़ सभा में उन्होंने कहा, ‘जब उन्हें इंदिरा जी (इंदिरा गांधी) की कोई नीति पसंद नहीं आई तो उन्होंने उन्हें भी हरा दिया। इंदिरा गुस्सा नहीं हुईं बल्कि आत्ममंथन किया। आपने उन्हें फिर से दोबारा चुना। यह रायबरेली के लोगों की खासियत है कि वे नेताओं को समझते हैं।

देश में राजनीति की दिशा गलत – प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘आपको मालूम होगा कि राहुल गांधी ने कितना संघर्ष किया है। वह हमारे देश में एक ऐसे इंसान हैं जिनके बारे में बीजेपी की पूरी मशीनरी ने हर तरीके से गलत बातें और झूठ फैलाया। कैसे-कैसे आक्रमण किये। उनको संसद से निकाल दिया गया, उनको घर से निकाल दिया गया लेकिन राहुल पीछे नहीं हटे। यह उनका चरित्र है कि जब वह अन्याय होते हुए देखते हैं तो वह न्याय की लड़ाई लड़ते हैं और उससे कदम पीछे नहीं खींचते।

प्रियंका ने कहा, ‘इसीलिए राहुल कन्याकुमारी से कश्मीर तक चार हजार किलोमीटर पैदल चले और फिर उसके बाद मणिपुर से लेकर मुंबई तक उन्होंने यात्रा की। यह आपकी समस्याओं को समझने वाली यात्राएं थीं। यह देश को बताने वाली यात्राएं थीं कि देश में राजनीति की जो दिशा है वह गलत हो रही है तथा हमें ही उसे ठीक करना है।

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भारतीय भगोड़े नीरव मोदी को ब्रिटेन कोर्ट से लगा झटका, जज ने याचिका खारिज की

भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि आरोपी गत पांच साल से लंदन की कारागार में बंद है और मंलगवार को उसने जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे ब्रिटेन के न्यायधीश ने खारिज कर दिया। जज ने कहा कि जमानत देने पर उसके न्याय की पकड़ से भागने का ‘काफी खतरा’ है। हीरा व्यापारी नीरव भारत में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहा है और भारत को प्रत्यर्पित करने के खिलाफ अपना मुकदमा वह हार चुका था।

जमानत के खिलाफ पर्याप्त आधार – ब्रिटेन कोर्ट

लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में उसके द्वारा दाखिल की गई जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान नीरव मोदी उपस्थित नहीं हुआ, लेकिन उसका बेटा और दो बेटियां मौजूद थे। जिला न्यायाधीश जॉन जानी ने नीरव मोदी की कानूनी टीम की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि पिछली जमानत अर्जी करीब साढ़े तीन साल पहले दाखिल की गई थी और इतने समय बाद सुनवाई को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए परिस्थितियों में बदलाव आया है।

संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायाधीश जानी ने फैसले में कहा, ‘‘हालांकि, मैं संतुष्ट हूं कि जमानत के खिलाफ पर्याप्त आधार बने हुए हैं। एक वास्तविक और पर्याप्त जोखिम यह है कि आवेदक (नीरव मोदी) अदालत में उपस्थित होने या गवाहों के साथ हस्तक्षेप नहीं करने में विफल रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में किसी भी स्तर पर एक बहुत बड़ा धोखाधड़ी का आरोप शामिल है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती है और आवेदन अस्वीकार किया जाता है।

नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वारंट पर हुआ था गिरफ्तार

सीपीएस बैरिस्टर निकोलस हर्न ने अदालत को बताया, ‘‘नीरव मोदी ने भारतीय अदालत में आरोपों का सामना न करने के लिए अपना पूरा दृढ़ संकल्प प्रदर्शित किया है और यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि संबंधित धोखाधड़ी एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है। जिसमें से केवल 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर जब्त किए गए हैं। इसलिए उसके पास अभी भी विभिन्न न्यायाक्षेत्रों में महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंच हो सकती है।

सुनवाई के लिए भारत से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक संयुक्त टीम पहुंची थी और अदालत की कार्यवाही के दौरान उपस्थित रही। उसे 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था और ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था।

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