Friday, September 20, 2024
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आज है गोवर्धन पूजा, जानिए पौराणिक कथा, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

एस्ट्रो डेस्क : दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इस दिन गायों की पूजा करी जाती है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को गाय बेहद पसंद थीं। गोवर्धन पूजन वाले दिन गाय के गोबर से कान्हा और गोवर्धन का आकार बनाकर पूजा की जाती है। उन्हें प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इस त्योहार को अन्नकूट भी कहते हैं। इस साल गोवर्धन का त्योहार 5 नवंबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इससे मनाने की पीछे की कथा, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ब्रज में रहते थे। तब लोग अच्छी वर्षा के लिए इंद्रदेव की पूजा किया करते थे। कान्हा ने यशोदा मां से कहा था कि हमें अन्न प्रकृति से मिलता है। हमारी गाय गोवर्धन पर्वत पर चारा चरती हैं। तो फिर इंद्रदेव की पूजा क्यों की जाती है। उनका कर्म पानी बरसाना है। कृष्णा की बात सुनकर सभी ब्रजवासी इंद्र की पूजा नहीं करते। इस बात से इंद्रदेव नाराज हो जाते हैं।

इंद्र देव ने क्रोध में ब्रज पर भयानक बारिश शुरू कर दी। उस समय ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था। वह सभी ने उसके नीचे शरण ली। मान्यताओं के अनुसार सात दिनों तक कान्हैया ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया था। इस बीच ब्रजवासियों को पानी की एक बूंद भी छू नहीं पाई थी। ब्रह्माजी ने इंद्र को बताया कि पृथ्वी पर भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया है। इसके बाद इंद्र को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी और बारिश रोक दी। कान्हा ने गोवर्धन पर्वत नीचे रखा। उसके बाद सभी से प्रकृति से मिली चीजों को मिलाकर अन्नकूट बनाने को कहा। उस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तारीख थी। तब से इस दिन गोवर्धन पूजा होने लगी।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल गोवर्धन पूजा 5 नवंबर को की जाएगी। पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 02 मिनट से रात 08 बजे तक है।

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पूजा विधि

इस दिन आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण का आकार बनाए जाते हैं। फिर उन्हें धूप, दीप, पुष्प और प्रसाद अर्पित करते हैं। अन्नकूट और कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है।

 

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