माफिया मुख़्तार अंसारी की मौत , परिवार का दावा जेल में दिया गया स्लो पॉइजन

माफिया मुख़्तार अंसारी की मौत ,

उत्तर प्रदेश के माफिया मुख़्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई। बांदा जेल में बंद अंसारी की जेल में तबियत ख़राब होने के कारण बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक , जेल में दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मुख़्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर में उनके घर के बाहर बड़ी तादाद में भीड़ जमा हो गई। इसे देखते हुए बांदा , गाजीपुर समेत कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया। अंसारी के निधन के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज ने मेडिकल रिपोर्ट जारी किया। जिसके मुताबिक, आज शाम लगभग साढे़ आठ बजे मुख्तार अंसारी को बेहोशी की हालत में जेल कर्मी ने रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लेके पहुंचे। उल्टी की शिकायत की गई थी। अस्पताल में 9 डॉक्टरों की टीम ने तुरंत मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

मौत की वजह …. स्लो पॉइज़न या नेचुरल डेथ

मुख़्तार अंसारी का परिवार और खुद मुख़्तार अंसारी ने पहले दावा किया था की उन्हें स्लो पॉइज़न दिया जा रहा है। ये साफ कहा गया था की उनके खाने में जहरीला पदार्थ दिया जा रहा है। जिसे जेल प्रसाशन ने ख़ारिज कर दिया था। आपको बता दें, इससे पहले 26 मार्च को तबियत बिगड़ने के कारण मुख़्तार अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उस वक़्त मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुनील कौशल ने बताया था कि , उन्हें पेट दर्द, पेशाब और मल त्यागने में समस्या थी। मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया था कि , उनके खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया। अफजाल ने कहा था, “मुख्तार ने मुझे बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है, जिसके बाद से उसकी हालत खराब है। ”

मुख़्तार अंसारी का 25 साल का विधायक कार्यकाल

उत्तर प्रदेश के माफ़ीया मुख्तार अंसारी की 60 साल की उम्र में मृत्यु हो गई। बताते चले कि , यूपी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से अधिक केस दर्ज थे। अंसारी राजनीती में भी लम्बे समय तक पद पर रहे। वह मऊ से पांच बार विधायक रहे। अंसारी 16 साल से ज्यादा समय से जेल में थे। साल 2022 में उन्हें पहली बार दो मामलों में दोषी बनाया गया था। इस साल 12 मार्च को वाराणसी की एक विशेष MP/MLA कोर्ट ने उन्हें एक 34 साल पुराने केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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