डिजिटल डेस्क : यूक्रेन पर हमला रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-V को वैश्विक मंजूरी मिलने की राह में आ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस कोविड-19 वैक्सीन को फिलहाल इमरजेंसी यूज अप्रूवल देने में हाथ खड़े कर दिए हैं। WHO का कहना है कि यूक्रेन पर हमले के कारण रूस पर लगे प्रतिबंधों के चलते उसकी टीम इस वैक्सीन के डेवलपमेंट से जुड़े डेटा की जांच नहीं कर सकती है। डेटा की जांच होने तक मंजूरी देना भी संभव नहीं है।
यूरोप और अमेरिका में रोकी जा सकती है एंट्री
WHO की तरफ से इमरजेंसी यूज अप्रूवल नहीं मिलने पर उन लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है, जिन्होंने इस कोरोना वैक्सीन की खुराक ली है। दरअसल इस वैक्सीन को दुनिया के 70 देशों के हेल्थ रेगुलेटर्स ने अपने स्तर पर इमरजेंसी यूज अप्रूवल दिया हुआ है। इनमें भारत भी शामिल है।
इन देशों में इस वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है, लेकिन यूरोपीय यूनियन के हेल्थ रेगुलेटर या WHO ने अभी इसे अप्रूवल नहीं दिया है। इस कारण यूरोप और अमेरिका में एंट्री के दौरान स्पुतनिक-V की डोज लेने वालों को पहले ही परेशान होना पड़ता है। अब WHO के फिलहाल अप्रूवल रोकने पर संभव है कि इस वैक्सीन को लेने वालों की कुछ समय के लिए अपने यहां एंट्री यूरोपीय यूनियन और अमेरिका बंद कर दें।
यूक्रेन पर हमले के कारण बंद हैं रूस की फ्लाइट्स
WHO के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल डॉ. मरियनगेला सिमाओ ने कहा, हमें 7 मार्च के इंस्पेक्शन के लिए रूस जाना था। जिनेवा में एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में सिमाओ ने कहा, मौजूदा हालात के कारण ये इंस्पेक्शन हमें स्थगित करना पड़ा। रूस के लिए फ्लाइट्स बुक नहीं हो पाना और वहां क्रेडिट कार्ड्स का यूज बंद होने जैसी बहुत सारी बाधाएं एजेंसी के इंस्पेक्टर्स के सामने खड़ी हैं।
रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद ज्यादातर वेस्टर्न कंट्रीज ने अपने एयरस्पेस को रूसी विमानों के लिए बंद कर दिया है। साथ ही मास्टरकार्ड और वीजा ने रूस में अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं। डॉ. सिमाओ ने कहा कि जंग खत्म होने पर हालात को देखकर इंस्पेक्शन का नया टाइमटेबल तैयार किया जाएगा।
रिसर्च डेटा देने में फेल रहा है रूस
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पुतनिक वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ मेडिकल ब्रेकथ्रू करार दिया था, लेकिन रूस इस वैक्सीन को इंटरनेशनल मंजूरी दिलाने के प्रॉसीजर को फॉलो करने में फेल रहा है। साल 2020 में इस वैक्सीन की रिलीज के बाद इसकी सुरक्षा से जुड़े असेसमेंट के लिए सभी तरह का रिसर्च डेटा विदेशी हेल्थ रेगुलेटर्स को नहीं दिया गया है। यह डेटा क्लीनिकल ट्रायल्स से जुड़ा होता है, जिसमें वैक्सीन को डेवलप करने के दौरान की गई रिसर्च की जानकारी होती है।
मंजूरी रोकने के पीछे राजनीतिक कारण का आरोप लगाता रहा है रूस
यूरोपियन यूनियन के हेल्थ रेगुलेटर ने रूस की सरकार पर रूसी वैक्सीन फैसेलटिज के इंस्पेक्शन को जानबूझकर लटकाने का आरोप लगाया था। इसके उलट रूसी अधिकारी वैक्सीन की अप्रूवल प्रक्रिया को राजनीतिक कारणों से लटकाने का आरोप उल्टे EU हेल्थ रेगुलेटर पर ही लगाते रहे हैं।
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यूक्रेन समेत कई देश कर चुके हैं खारिज
रूसी वैक्सीन को भले ही 70 देश इमरजेंसी यूज अप्रूवल दे चुके हैं, लेकिन अब भी बहुत सारे देश हैं, जो इस वैक्सीन के प्रभावी होने पर शक करते हैं और उन्होंने अपने यहां इसके उपयोग की मंजूरी नहीं दी है। इन देशों में ब्राजील, साउथ अफ्रीका समेत यूक्रेन भी शामिल है। अब तक WHO की मंजूरी नहीं मिलने से स्पुतनिक-वी को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने वाले ‘कोवाक्स प्रोग्राम’ में भी जगह नहीं मिली है।