विपक्षी नेताओं के खिलाफ “केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग” को लेकर बुधवार को लोकसभा में विरोध हुआ।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद वेल में आकर कांग्रेस सांसदों के साथ अपना विरोध जताया | कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सदस्य सदन के वेल में खड़े होकर “ईडी, मोदी डाउन डाउन” और “नरेंद्र मोदी जवाब दो” जैसे नारे लगाए। इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद और कुछ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अपनी सीटों के पास खड़े होकर विरोध जताया | इसकी वजह से लोकसभा को पहले सुबह 11.10 बजे से दोपहर तक और फिर 12.15 बजे दोपहर से 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।
दोपहर में सदन की बैठक फिर शुरु हुई, तो कांग्रेस सांसदों ने जोर देकर कहा कि उनके नेता अधीर रंजन चौधरी को सदन में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति दी जाए। लेकिन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने बोलने की अनुमति नहीं दी। इस पर सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे के बीच द्रमुक सांसद दयानिधि मारन, शशि थरूर और कार्ति पी चिदंबरम जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को सदन के वेल में आने के लिए राजी करते नजर आए। इस पर सोनिया गांधी उठ खड़ी हुईं और सदन के वेल में प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हुईं और चिदंबरम को भी आगे बढ़ने को कहा।
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कांग्रेस समेत विपक्षी दलों में आक्रोश
दरअसल हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लंबी पूछताछ की थी। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को भी ईडी ने तलब कर पूछताछ की थी। सोमवार (2 अगस्त) को ईडी ने नेशनल हेराल्ड के आफिस में छापा भी मारा था। इसको लेकर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों में घोर आक्रोश है। विपक्ष इसे सत्ता पक्ष का उनको खत्म करने की साजिश बता रहा है।
विपक्षी नेताओं का कहना है कि ईडी और सीबीआई सत्ता पक्ष की निजी एजेंसी बन गई हैं। उनका आरोप है कि मोदी सरकार दोनों एजेंसियों को भाजपा की निजी एजेंसी बना दी है।
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