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कोरोना महामारी के विरुद्ध जारी लड़ाई के लिए इस समय पूरी दुनिया में वैक्सीन तथा मेडिसिन को लेकर रिसर्च की जा रही है। जिसके चलते अब अमेरिका द्वारा यह ऐलान किया गया है कि वो कोरोना वायरस की मेडिसिन के लिए 3.2 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 23,000 करोड़ रुपए फंड देगा। इस बात का ऐलान संक्रामक बीमारियों के टॉप एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फॉसी द्वारा किया गया है। America La Sakta Hai
यदि अमेरिका ये मेडिसिन बनाने में कामयाब रहा तो कोरोना संक्रमण के इलाज में काफी आसानी हो जाएगी। इसके साथ ही ये कोरोना वायरस के विरुद्ध विश्व की पहली कारगर मेडिसिन होगी। बीते साल अमेरिका द्वारा 18 बिलियन डॉलर कोरोना की वैक्सीन बनाने में खर्च किए गये थे।
गंभीर रूप से ग्रसित होने से पूर्व ही वायरस को निष्क्रिय कर देगी मेडिसिन
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प्रेसिडेंट बाइडेन के सलाहकार तथा अमेरिका के टॉप संक्रामक बीमारियों के एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने इस प्लान के लिए अरबों डॉलर के निवेश की घोषणा की है। इन पैसों के माध्यम से मेडिसिन्स के क्लिनिकल ट्रायल को रफ्तार दी जायेगी।
ये मेडिसिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को गंभीर रूप से ग्रसित होने से पूर्व ही वायरस को निष्क्रिय कर देगी। यदि ये ट्रायल सक्सेस होता है तो इस साल के अंत तक विश्व में कोरोना वायरस की फर्स्ट मेडिसिन सामने आ सकती है।
3.2 अरब डॉलर में से पचास करोड़ डॉलर रिसर्च तथा डेवलपमेंट के लिए
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फॉसी ने बोला कि 3.2 अरब डॉलर में से पचास करोड़ डॉलर रिसर्च व डेवलपमेंट तथा 1 अरब डॉलर प्री क्लिनिकल ट्रायल एवं क्लिनिकल ट्रायल के लिए उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 70 करोड़ डॉलर का उपयोग मेडिसिन बनाने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही 1अरब डॉलर का उपयोग नए एंटीवायरल ड्रग डिस्कवरी सेंटर को बनाने के लिए किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक दुनिया में हेपेटाइटिस बी तथा एड्स जैसे कई वायरस का उपचार दवा के माध्यम से किया जा सकता है।
अभी तक नही है कोरोना वायरस के लिए कोई मेडिसिन
फिलहाल अब तक कोरोना वायरस के लिए किसी प्रकार की मेडिसिन नहीं है। कोरोना से निजात पाने के लिए अमेरिका में सिर्फ रेमडेसिविर ही एकमात्र मेडिसिन है। इसको कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में परमिशन दी गई है। इसको भी इंजेक्शन के माध्यम से देना पड़ता है।
इस नए प्रोग्राम एंटी वायरल प्रोग्राम फॉर पैनडेमिक्स के माध्यम से मेडिसिन्स के रिसर्च के लिए खाली स्थान को भरा जा सकेगा। फॉसी ने बोला कि उन्हें उस दिन का इंतजार है, जब कोई इंसान कोरोना पॉजिटिव होगा तथा वह तुरंत मेडिकल स्टोर पर जाकर मेडिसिन खरीद सकेगा। दुनिया भर में इस व
वक़्त अनेको मेडिसिन्स का परीक्षण किया जा रहा है। जिसमें एक फाइजर की मेडिसिन भी सम्मिलित है।America La Sakta Ha
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