Monday, June 16, 2025
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सोनिया-राहुल गांधी ने अपराध से कमाए 142 करोड़ रुपये, ईडी का बड़ा दावा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित तौर पर 142 करोड़ रुपये की आपराधिक आय से लाभ उठाया है। कोर्ट ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और अन्य को नोटिस जारी किया है। ईडी के विशेष वकील ने तर्क दिया कि आपराधिक गतिविधि के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त की गई कोई भी संपत्ति अपराध की आय के रूप में योग्य है। इसमें न केवल अनुसूचित अपराधों से संपत्तियां शामिल हैं, बल्कि उन संपत्तियों से जुड़ी आय भी शामिल है।

ईडी के विशेष वकील ने दावा किया कि आरोपियों द्वारा प्राप्त 142 करोड़ रुपये की किराये की आय को अपराध की आय के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी, जिनके पास सामूहिक रूप से यंग इंडियन में 76% हिस्सेदारी है, ब्रीच ऑफ ट्रस्ट में शामिल थे। ईडी के अनुसार, यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से सिर्फ 50 लाख रुपये में 90.25 करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल की। ईडी ने कहा कि जब आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की है तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की, लेकिन उस आय को अपने पास रखे रहना भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है। यह न केवल प्रत्यक्ष है, बल्कि अप्रत्यक्ष भी है, जो अपराध की आय का अधिग्रहण है।

ईडी ने चार्जशीट में केंद्रीय एजेंसी का लिया सहारा

वही ईडी ने अपनी चार्जशीट में केंद्रीय एजेंसी ने अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए आयकर विभाग के 2017 के मूल्यांकन आदेश का सहारा लिया है। इसमें दावा किया गया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रमुख सदस्यों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन के प्रमुख अधिकारियों के साथ मिलकर एजेएल की संपत्तियों पर नियंत्रण पाने के लिए आपराधिक साजिश रची, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि एजेएल एक गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी है, जो ऐतिहासिक रूप से नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशन से जुड़ी हुई है।

ईडी ने पहले ही दाखिल कर दी थी चार्जशीट

पिछले महीने दाखिल की गई अपनी चार्जशीट में ईडी ने सोनिया, राहुल और कई अन्य लोगों पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। यह चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की कई धाराओं के तहत दाखिल की गई थी। चार्जशीट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 बनाया गया है, जबकि उनके बेटे राहुल गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, उन्हें आरोपी नंबर 2 बनाया गया है। अब इस मामले की सुनवाई हो रही है। ईडी की चार्जशीट दाखिल होने के बाद राउज ऐवन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने से पहले आरोपियों के पक्ष को सुनने का अधिकार को छीना नहीं जा सकता है।

ईडी ने यंग इंडिया कंपनी को लेकर कोर्ट में रखी बात

वही ईडी ने कोर्ट से कहा कि यंग इंडिया कंपनी का स्वामित्व हमेशा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहा है। उसने दावा करते हुए कहा कि यंग इंडिया ने कभी कोई बिजनेस एक्टिविटी नहीं थी, उसका काम बस सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फायदा पहुंचाना था। हमने 21 जगहों पर रेड की थी, जिसमें 51 लाख के आसपास कैश बरामद हुआ था और कई आपत्तिजनक साक्ष्य भी बरामद हुए।

अभिषेक मनु सिंघवी ने की सुनवाई टालने की मांग

अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले की सुनवाई जुलाई तक टालने की मांग की है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि उनको हाल ही में चार्जशीट की कॉपी मिली है, जिसको पढ़ने में समय लगेगा। ईडी की तरफ से विशेष वकील ने सुनवाई टालने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई पर ही चार्जशीट की कॉपी दी गई थी और उसके बाद आज सुनवाई के लिए केस लगा था। उस समय किसी भी तरह की आपत्ति नहीं जताया गई थी, लेकिन अब सुनवाई टालने की मांग की जा रही है। हम आज ही सुनवाई के लिए तैयार है।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस

नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह अखबार स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र बन गया। इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी कि एजेएल प्रकाशित करती थी, जिसकी स्थापना 1937 में हुई थी। एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और अन्य शहरों में कई बेहद महंगी प्रॉपर्टी थीं, जो उन्हें सरकारी रियायतों पर मिली थीं। समय के साथ वित्तीय कठिनाइयों और घाटे की वजह से 2008 में अखबार का प्रकाशन बंद हो गया। उस समय एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की एक कोर्ट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की। स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नाम की कंपनी के जरिए एजेएल की संपत्तियों को धोखे से हासिल किया। उनके अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया अवैध थी और इसका मकसद 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी पर कब्जा करना था।

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