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आज सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि संस्थापक रामदेव के विरुद्ध दायर किये गए मामलों पर सुनवाई की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव की एफआईआर जोड़ने की याचिका का विरोध भी किया था।
मामले पर सुनवाई के दौरान CJI एन वी रमना ने कहा कि कल रात 11:00 बजे ही उन्हें रामदेव की ओर से भारी संख्या में दस्तावेज और सीडी प्राप्त हुए हैं।इतने कम समय उनको पढ़ना आसान नहीं था जिस वजह से उनको पढ़ने के बाद अगले हफ्ते वो इस मामले पर सुनवाई करेंगे।
आखिर क्या है पूरा मामला?
बता दें कि रामदेव द्वारा एलोपैथी चिकित्सा और चिकित्सकों पर तथाकथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से उनके विरुद्ध देश भर में कई जगह मामले दर्ज किए गए हैं। इतनी जगह होने वाली सुनवाई के मद्देनज़र रामदेव ने ऐसी याचिका दायर की है की ये सारी सुनवाई एक जगह की जा सके।
इस पर पिछली सुनवाई में कोर्ट ने रामदेव को वह सभी वीडियो पेश करने का आदेश दिया थे जिसमें उन्होंने कोरोना काल में अपनी जान पर खेलने वाले डॉक्टर्स की बेज़्ज़ती और एलोपैथी पद्धति की खिल्ली उड़ाई है।
पिछली सुनवाई क्या थे कोर्ट के आदेश ?
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस एएस बोपन्ना के साथ साथ हृषिकेश रॉय की पीठ ने आज रामदेव की याचिका पर विचार किया। अंतरिम राहत के तौर पर रामदेव ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच पर रोक लगाए जाने का भी अनुरोध किया ।
इससे पहले जो सुनवाई हुई थी उसमे पीठ ने रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी को मूल रिकार्ड कोर्ट में पेश करने के दिशा-निर्देश जारी किये थे। इस दौरान पीठ ने पूछा था कि रामदेव ने इस मुद्दे पर आखिर क्या कहा है? आपने सारी बात तो अदालत के सामने नहीं रखी है।
इन राज्यों में रामदेव के खिलाफ दर्ज हो चुका है विरोध
रामदेव द्वारा जब से एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर टिप्पड़ियां की गयी है तबसे इस मामले में आइएमए ने छत्तीसगढ़ और बिहार में उनके विरुद्ध आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गयी है।
आइएमए की पटना और रायपुर शाखा के अनुसार उनकी टिप्पणी कोरोना संक्रमण के नियंत्रण तंत्र के प्रति दुर्भावनापूर्ण है। उनकी इस टिप्पणी के कारण लोग संक्रमण के लिए प्रदान किये जा रहे उचित इलाज से विमुख हो सकते हैं। रामदेव के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता, 2005 के विभिन्न प्रविधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Written By : Sheetal Srivastava
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