पीएम मोदी ने दिया केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा,डीए 34 से बढ़ के 38 फीसदी

prime minister narendra modi
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मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को एक महीने पहले ही दिवाली मनाने का मौका दे दिया है | आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए को बढ़ाकर 38 फीसदी करने का फैसला हुआ है | केंद्र सरकार ने देश की गरीब आबादी को बड़ी राहत देते हुए मुफ्त राशन देने की स्कीम को तीन महीने और बढ़ाने का फैसला लिया है। यह स्कीम 30 सितंबर को समाप्त होने वाली थी। इससे पहले सरकार ने स्कीम को तीन महीने यानी इस साल के अंत तक के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को भी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है।

केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में भी 4 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज 4 फीसदी डीए बढ़ाने का फैसला किया गया, जो पिछली दर्जनों तिमाहियों में सबसे ज्‍यादा है | इससे पहले औसतन डीए 3 फीसदी ही बढ़ाया जाता रहा है | लेकिन इस बार महंगाई की मार को देखते हुए सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है |अब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 62 लाख पेंशनर्स को 38 फीसदी का डीए मिलेगा | डीए की बढ़ी हुई रकम इस साल जुलाई से ही मान्‍य होगी और कर्मचारियों को पिछले महीनों का एरियर भी दिया जाएगा |

3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च में सातवें वेतन आयोग के तहत डीए में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी थी | इस प्रकार डीए को मूल वेतन का 34 प्रतिशत कर दिया है | डीए में बढ़ोतरी के बाद कर्मियों की सैलरी में 6840 से लेकर 27,312 रुपये के बीच तक इजाफा हो जाएगा | केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए दिया जाता है |जबकि पेंशनर्स को लिए महंगाई राहत (डीआर) दी जाती है | सरकार ने इस साल मार्च में डीए को संशोधित किया था | जो तब 3 फीसदी बढ़कर एक कर्मचारी के मूल वेतन का 34 फीसदी हो गया था | डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई तो डीए मौजूदा 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया है | वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों को उनके मूल वेतन पर 34 फीसदी डीए मिलता था |

मुफ्त राशन स्कीम तीन महीने बढ़ी

वित्त मंत्रालय के मुताबिक तीन महीने तक मुफ्त राशन की स्कीम को आगे बढ़ाने से खजाने पर 45,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। सरकार के पास बड़े पैमाने पर खाद्यान्न उपलब्ध है। इससे पहले चर्चाएं थीं कि शायद मुफ्त राशन की स्कीम को अब बंद कर दिया जाएगा, लेकिन इस फैसले को राजनीतिक लिहाज से भी देखा जा रहा है। अगले तीन महीनों में गुजरात और हिमाचल में चुनाव होने वाले हैं।

ऐसे में स्कीम को तीन महीने के लिए बढ़ाने के फैसले को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से इस स्कीम का ऐलान किया गया था। इसके तहत हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त राशन दिया जाता है। फिलहाल सरकारी सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपने पास जमा खाद्यान्न के स्टॉक की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है।

80 करोड़ लोगों को मिल रहा फायदा

इस स्कीम का फायदा देश के करीब 80 करोड़ गरीब लोगों को मिल रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत इतना ही राशन सब्सिडी पर पहले से मिलता रहा है, लेकिन पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाला राशन इससे अलग है। बता दें कि कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद में इस योजना को अहम माना गया था।

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