Wednesday, November 13, 2024
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पीएफआई पर सरकार ने बड़ा ऐक्शन,पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर बैन

पीएफआई पर सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया | लगातार छापेमारी के बाद अब गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन लगा दिया है। टेरर लिंक को लेकर यह कार्रवाई की गई है। राष्‍ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्‍तता की वजह से पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है | पीएफआई के खिलाफ यह प्रतिबंधत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के बेहद सख्‍त प्रावधानों के तहत लगाया गया है | पीएफआई पर आतंकी संगठनों के साथ साठगांठ रखने का भी संगीन आरोप है |

इसके अलावा अन्‍य संगठनों और विरोधियों के खिलाफ हिंसक कदम उठाने का आरोप भी इस संगठन पर है | बताया जाता है कि पीएफआई के खिलाफ पुख्‍ता और पर्याप्‍त साक्ष्‍य मिलने के बाद ही संगठन को 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है | उससे जुड़े अन्‍य संगठनों के खिलाफ पिछले कुछ सप्‍ताहों से पूरे देश में छापेमारी की जा रही थी | एनआईए,ईडी के साथ ही राज्‍य पुलिस भी पीएफआई और उससे जुड़ी संस्‍थाओं के ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी |

संगठन के खिलाफ पर्याप्‍त सबूत मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला किया | इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है | पीएफआई पर एक प्रोफेसर का हाथ काटने का भी आरोप लगा है |पटना के फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में भी इसका नाम सामने आ चुका है |

पीएफआई पर दो राउंड में छापेमारी

बता दें कि पीएफआई के ठिकानों पर इसी महीने 22 और 27 सितंबर को छापेमारी की गई थी। 22 सितंबर को 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि कल हुई छापेमारी में 170 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। वहीं, असम और महाराष्ट्र से पीएफआई के 25-25 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

क्या हैं प्रतिबंध के मायने

प्रतिबंध के मायने ये हैं कि इस संगठन से जुड़े किसी भी शख्स पर कार्रवाई की जा सकती है। देश में जिस तरह की गतिविधि पीएफआई चला रहा था उसपर रोक लगाई जाएगी। एजेंसियों ने पांच एफआईआर दर्ज की हैं और उसमें यूएपीए लगाया गया है। इसके अलावा पीएफआई से जुड़े संगठनों पर भी कार्रवाई की जा सकेगी। विदेशी फंड को जिस तरह से लीगल बताने की कोशिश करता था, उसपर भी शिकंजा कसा जाएगा।

देश ही नहीं विदेश में भी भारत विरोधी गतिविधि, हवाला के जरिए फंडिंग

देश में ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में भी भारत के खिलाफ अजेंडा चलाता था। इसका एक अखबार चलाता था जिसका नाम ‘तेजस गल्फ डेली है। इसके अलावा अखबार के जरिए वह विदेशी फंडिंग को लीगल बनाने का भी काम करता था। अबूधाबी के एक रेस्तरां के जरिए भी हवाला के माध्यम से फंडिंग प्राप्त करता था। विदेशी फंडिंग के बल पर वह देश में कट्टरपंथ को हवा देने का काम कर रहा था।

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