डिजिटल डेस्क : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या करने के कुछ दिनों बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शुक्रवार को उनके घर पहुंचकर परिजनों से मिले. मान शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए मूसेवाला के गांव पहुंचे थे. मूसे वाला के आवास के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है. पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनके साथ जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त भी हमले में घायल हो गए है.
बता दें कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने 400 से अधिक वीआईपी सुरक्षा हटा ली थी. इसमें मूसेवाला भी शामिल थे. विपक्ष ने इसके लिए आम आदमी पार्टी की सरकार की तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सिर्फ राजनीतिक फायदे की लिए ये कदम उठाया. मूसेवाला के परिवार ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उनकी मां चरण कौर ने कहा कि हमारे बेटे के साथ चार लोगों की तैनाती को लेकर आपने ये किया, क्या फर्क पड़ा. अब क्या तुम्हारा खजाना भर जाएगा, भर लो खजाना.
मूसे वाला के शरीर में मारी गई 19 गोलियां
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसे वाला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई बड़ी बातें निकलकर सामने आई हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मूसे वाला के शरीर में 19 गोलियां मारी गई थीं और 15 मिनट के भीतर ही उनकी मौत हो गई थी. ज्यादातर गोलियां मूसे वाला के शरीर के दाहिने हिस्से में लगीं. गोलियां किडनी, लिवर ,फेफड़े और रीढ़ की हड्डी में भी लगी हैं. मौत का कारण हेमरेज शॉक बताया गया है. गोली लगने के बाद नाक और मुहं में खून भरने की वजह से मुहं और आंखे बंद थीं. पोस्टमार्टम की पूरी वीडियोग्राफी की गई है.
बताया जा रहा है कि पूरे शरीर का एक्स-रे भी किया गया था. मूसे वाला की लाल टी-शर्ट और पायजामा में खून के धब्बे थे और चोटों के अनुरूप कई छेद थे. कांग्रेस नेता और फेमस पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की मनसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. फायरिंग में तीन अन्य लोग घायल हो गए थे. यह हमला उस समय हुआ जब मूसे वाला और उनके दो दोस्त पंजाब में अपने गांव मानसा जा रहे थे. मूसे वाला की एसयूवी पर गोलियों की बौछार की गई.
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वहीं गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या किए जाने के पांच दिन बाद पंजाब सरकार ने आज कहा कि 420 से अधिक वीवीआईपी के लिए सुरक्षा कवर 7 जून से फिर से बहाल कर दिया जाएगा. पूर्व मंत्री ओपी सोनी की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी सरकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को ये बताया.