Kashmiri Agar Zor Se Saans Bhi Lein To Jail Me Daal Denge- Mehbooba Mufti , modi ki meeting ke baad mehbooba mufti ka bayan , mehbooba mufti on modi meeting , mehbooba mufti ka kashmiriyon par bayan , mehbooba mufti talkinh about kashmirians
24 जून को प्रधानमंत्री के साथ जम्मू कश्मीर के आठ दलों के 14 नेताओं के साथ करीब 3 घंटे तक बैठक चली जिसमें नरेंद्र मोदी ने संदेश दिया कि जम्मू-कश्मीर की दिल्ली और दिल से दूरी कम होनी चाहिए लेकिन बैठक खत्म होने के कुछ देर बाद ही 2 बड़े नेताओं ने ऐसे बयान दिए जिससे यह बात साफ हो गई कि बैठक तो दिल्ली में हो गई लेकिन दिल अभी भी दूर हैं। Kashmiri Agar Zor Se
नेशनल कांफ्रेंस लीडर उमर अब्दुल्ला ने बैठक के बाद अपना बयान जारी करते हुए कहा कि एक मुलाकात से दूरियां नहीं मिटती वही पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी कहा कि कश्मीर में सांस लेना भी मुश्किल है, भारत को पाकिस्तान के साथ दोबारा बात करनी चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से बात करने को कहा
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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बैठक के बाद अपना बयान जारी करते हुए कहा कि बैठक के दौरान मैंने प्रधानमंत्री के सामने जम्मू कश्मीर के लोगों की मुसीबतें रखें 5 अगस्त 2019 के बाद से कश्मीरी नाराज हैं जिसके लिए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक तरीके से हटाया गया है जो कि जम्मू कश्मीर के लोगों को पसंद नहीं है इसलिए हम इसके खिलाफ संघर्ष करते रहे और इसे बहाल करवा कर रहेंगे।
महबूबा ने आगे कहा कि हमें पाकिस्तान से नहीं मिला यह दर्जा हमें जवाहरलाल नेहरू और वल्लभ भाई पटेल ने दिया था इसलिए यह हमारे को सुरक्षित करता है इसलिए मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर अनुच्छेद 370 को हटाना था तो विधानसभा को बुलाया जाना चाहिए था और हम इसे संवैधानिक तरीके से एक बार फिर बहाल करना चाहते हैं।
महबूबा मुफ्ती का कहना है कि अगर चीन के साथ बातचीत की जा सकती है जिसका देश की जनता से कोई भी सीधा लेना देना नहीं है तो फिर पाकिस्तान से बातचीत क्यों नहीं की जाती पाकिस्तान से एक बार फिर बातचीत करनी चाहिए ताकि जो ट्रेड उनके साथ रुका है वह एक बार फिर बहाल हो सके।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यूपीए की शक्ति बंद हो साथ ही जेलों में बंद कैदियों को रिहा कर देना चाहिए उन्होंने कहा कि आप रोज कानून जारी कर देते हैं ऐसे में जमीनी और रोजगार सुरक्षित होनी चाहिए साथ ही कश्मीर का 2019 के बाद जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए सरकार को पैकेज भी देना चाहिए जम्मू कश्मीर के लोग तंग हो चुके हैं और अगर वह जोर से सांस मिले तो उन्हें जेल में डाल दिया जाता है।
उमर अब्दुल्ला ने भी बैठक के बाद दिया बयान
उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक खत्म होने के बाद अपना बयान जारी करते हुए कहा कि 370 को लेकर अपनी लड़ाई अदालत में लड़ेंगे साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और केंद्र के बीच विश्वास को दोबारा कायम रखने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की है इसके लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है जो कि कश्मीरी लोगों को पसंद नहीं है इसलिए कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए यहां परिसीमन की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि लोगों को अपनी पसंद की सरकार चुनने और सरकार को राज्य के फैसले लेने का हक होना चाहिए। Kashmiri Agar Zor Se
साथ ही उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि एक मुलाकात से ना तो दिल की दूरी कम होती है और ना ही दिल्ली की एक मीटिंग से किसी भी बात की उम्मीद करना गलतफहमी होगी हालांकि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री व गृहमंत्री दोनों ने कहा है कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना और चुनाव कराना हम भी चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कही परिसीमन की गति तेज करने की बात
प्रधानमंत्री ने बैठक को लेकर कहा कि विकासशील जम्मू कश्मीर के लिए राजनीतिक दलों के साथ बैठक प्रयासों की दिशा में एक अहम कदम है साथ ही जमीनी स्तर पर जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को बहाल करना हमारी प्राथमिकता है इसलिए परिसीमन की प्रक्रिया को भी तेज गति से किया जाए ताकि विधानसभा चुनाव हो सके और राज्य के लोग अपनी सरकार चुन सके जो कि जम्मू कश्मीर के विकास को मजबूती दे।
प्रधानमंत्री ने नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत या है कि हम आपस में अपने नजरिए को साझा कर सकते हैं जिसके लिए प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि युवाओं को जम्मू कश्मीर की राजनीतिक लीडरशिप देनी चाहिए और यह भी निश्चित किया जाना चाहिए कि उनकी उम्मीदें पूरी हो सके।
गृह मंत्री ने भी बैठक को किया संबोधित
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प्रधानमंत्री ने भी एसएस अर्दली बैठक में शिरकत की इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को लेकर हुई बैठक एक बेहद दोस्ताना माहौल में पूरी हुई है साथ ही बैठक में शामिल हुए सभी नेताओं ने लोकतंत्र और संविधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया इस बैठक के जरिए जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर भी जोड़ दिया गया है और साथ ही हम जम्मू कश्मीर में संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने के बाद हमारे द्वारा सदन में कही गई थी जिसके लिए प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव होना बेहद अहम है।
Written By : Shruti Dixit
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