उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों को पुलिस ने बालगृह पहुंचा दिया था। अब इनमें से से एक बेटा बालिग हो चुका है। पांच अक्तूबर को उसका 18 वां जन्मदिन था। जाहिर है कि बालिग होने के बाद अहजम के बाल गृह से बाहर निकलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं लेकिन इस बीच पुलिस को अंदेशा जताया है कि बाहर भेजने पर उसकी जान को खतरा हो सकता है। कहा जा रहा है कि बाल कल्याण समिति अतीक के बेटे को किसी को भी सौंपने से पहले उसकी सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित करेगी। यह देखा जाएगा कि जो लोग उसकी सुपुर्दगी ले रहे हैं वे उसे सुरक्षित रख पाएंगे या नहीं। इस बीच 10 अक्टूबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
बालिग बच्चों को बालगृह में नहीं रखा जाता
वैसे नियमों के मुताबिक 18 वर्ष से अधिक के बच्चों को बालगृह में नहीं रखा जा सकता। ऐसे में अतीक के बालिग हो चुके बेटे का वहां रहना भी मुश्किल है। वहीं अतीक की बहन शाहीन ने बालगृह में रह रहे अतीक के दोनों बेटों की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। बताया जा रहा है कि एक स्वतंत्र वकील के जरिए दोनों का बयान भी दर्ज कराया जा चुका है। अब सभी पहलुओं पर गौर करते हुए बाल कल्याण समिति को इस बारे में सोचना है। या फिर 10 अक्टूबर को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से ही कोई दिशानिर्देश आ सकता है।
15 अप्रैल को हो गई थी अतीक-अशरफ की हत्या
बता दें कि 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वारदात दोनों को मेडिकल के लिए ले जाते समय हुई थी। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार है जबकि दो अन्य बेटे जेल में बंद हैं। अतीक के दो नाबालिग बेटों को पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही बाल गृह में पहुंचा दिया था।
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