पंचांग के अनुसार हर मास की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi) को प्रदोष व्रत रखा जाता है. हर मास में दो प्रदोष व्रत होते हैं. इस समय माघ मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. माघ मास का पहला प्रदोष व्रत आने वाला है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की आराधना की जाती है. शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, निरोगी जीवन प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. भगवान शिव अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं, उनको प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत एक अच्छा अवसर है. आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत कब है और पूजा का मुहूर्त (Puja Muhurat) क्या है?
प्रदोष व्रत 2022 तिथि एवं पूजा मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी दिन शनिवार को रात 08 बजकर 37 मिनट पर हो रहा है. त्रयोदशी तिथि अगले दिन 30 जनवरी को शाम 05 बजकर 28 मिनट तक है. प्रदोष व्रत के लिए प्रदोष काल मुहूर्त 30 जनवरी को प्राप्त हो रहा है, इसलिए 30 जनवरी को रवि प्रदोष रखा जाएगा.
माघ मास के प्रदोष व्रत के लिए पूजा का मुहूर्त 30 जनवरी को शाम 05 बजकर 59 मिनट से रात 08 बजकर 37 मिनट तक है. यदि आप प्रदोष व्रत रखते हैं, तो आपको इस समय में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. प्रदोष पूजा मुहूर्त इस लिए देखा जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष काल में ही भगवान शिव त्रयोदशी तिथि को कैलाश पर नृत्य करते हैं.
प्रदोष व्रत का पंचांग
प्रदोष व्रत के दिन शुभ मुहूर्त: दोपहर 12:13 बजे से दोपहर 12:56 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:23 बजे से दोपहर 03:06 बजे तक
अमृत काल: रात 08:04 बजे से रात 09:30 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: देर रात 12:23 बजे से 31 जनवरी को प्रात: 07:10 बजे तक
राहुकाल: शाम 04:38 बजे से शाम 05:59 बजे तक
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प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं. असाध्य रोगों से भी छुटकारा मिलता है. शिव कृपा से संतान सुख प्राप्त होता है. सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है.