हिन्दू कैलेंडर के प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. 17 फरवरी दिन गुरुवार से फाल्गुन माह का प्रारंभ होने वाला है. उसके बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत आएगी. इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करने एवं व्रत रखने का विधान है. संकष्टी चतुर्थी में चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही व्रत पूरा होता है, जबकि विनायक चतुर्थी में चंद्रमा का दर्शन वर्जित होता है. आइए जानते हैं कि फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी कब है, पूजा मुहूर्त एवं चंद्रोदय समय क्या है?
संकष्टी चतुर्थी 2022 तिथि एवं मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 19 फरवरी दिन शनिवार को रात 09 बजकर 56 मिनट पर होगा, इस तिथि का समापन अगले दिन 20 फरवरी दिन रविवार को रात 09 बजकर 05 मिनट पर होगा. ऐसे में संकष्टी चतुर्थी व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग में है संकष्टी चतुर्थी व्रत
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी का व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में है. 20 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 55 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ हो रहा है, जो शाम को 04 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. इस समय के दौरान ही अमृत सिद्धि योग भी बना हुआ होगा. 20 फरवरी को दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक है.
संकष्टी चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय रात 09 बजकर 50 मिनट पर होगा. चंद्रास्त का समय अगले दिन प्रात: 09 बजकर 11 मिनट पर है. जो लोग संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखेंगे, वे चंद्रोदय के समय चंद्रमा का पूजन करेंगे और जल अर्पित करेंगे. उसके बाद पारण करके व्रत को पूरा करते हैं.
संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला है. इस दिन व्रत रखने वालों के कष्टों को गणेश जी दूर करते हैं और उनके कार्यों को सफल करते हैं.
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