Thursday, February 6, 2025
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कब है कालाष्टमी? देखें फरवरी के चौथे सप्ताह के व्रत एवं त्योहार

अंग्रेजी कैलेंडर के दूसरे माह​ फरवरी का अंतिम सप्ताह का प्रारंभ 21 फरवरी दिन सोमवार से होने वाला है. 27 फरवरी को रविवार है और 28 फरवरी को सोमवार पड़ेगा. फरवरी के इन 8 दिनों में तीन महत्वपूर्ण व्रत पड़ने वाले हैं. य​ह सप्ताह भी धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कार्यों में सफलता प्रदान करने वाली विजया एकादशी व्रत है, तो समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला सोम प्रदोष व्रत भी. इसमें भय, मंत्र, मंत्र से मुक्ति प्रदान करने के लिए कालाष्टमी व्रत भी आने वाला है. आइए जानते हैं कि फरवरी के चौथे सप्ताह में कालाष्टमी , विजया एकादशी  और प्रदोष व्रत कब हैं?

फरवरी 2022 के चौथे सप्ताह के व्रत एवं त्योहार
23 फरवरी, दिन: बुधवार, कालाष्टमी
27 फरवरी, दिन: रविवार: विजया एकादशी
28 फरवरी, दिन: सोमवार: प्रदोष व्रत

कालाष्टमी 2022: फाल्गुन माह का कालाष्टमी व्रत 23 फरवरी दिन बुधवार को है. इस दिन कालभैरव की पूजा की जाती है. कालभैरव रुद्रावतार है. उनकी पूजा करने से काल भय, रोग, दोष, तंत्र, मंत्र आदि का डर दूर होता है.

हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 फरवरी को शाम 04 बजकर 56 मिनट पर हो रहा है, जो 24 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट तक मान्य है.

विजया एकादशी 2022: इस साल विजया एकादशी व्रत 27 फरवरी दिन रविवार को है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल विजया एकादशी व्रत रखा जाता है. इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 26 फरवरी को सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है. जो 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 12 मिनट तक है.

विजया एकादशी व्रत करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और श्रीहरि की कृपा से मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है. इस एकादशी व्रत को सभी को करना चाहिए.

प्रदोष व्रत 2022: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 28 फरवरी दिन सोमवार को है. यह सोम प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी को प्रात: 05 बजकर 42 मिनट पर हो रहा है, इसका समापन 01 मार्च को तड़के 03 बजकर 16 मिनट पर होगा.

सोमवार प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुख-रोग दूर होते हैं. आज के दिन भगवान शिव की पूजा शाम के मुहूर्त में करना उत्तम होता है.

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