हिन्दू धर्म (Hinduism) में हर माह पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व होता है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. षटतिला एकादशी पर खास तौर पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है, साथ ही इस दिन तिल का प्रयोग करना बेहद शुभ माना जाता है. हिन्दू धर्म में इस दिन व्रत रखने का खास महत्व माना जाता है. साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से सालों की तपस्या और स्वर्ण दान के समान पुण्य प्राप्त होता है. इस व्रत की शुरुआत दशमी की मध्यरात्रि से द्वादशी की मध्यरात्रि तक होती है. यदि आप इस दिन व्रत नहीं कर रहे हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं है, क्योंकि हम आज आपको तिल के कुछ ऐसे प्रयोग बता रहे हैं जिसे करके आप भी षटतिला (Shattila) एकादशी का पुण्य प्राप्त कर सकते है.
इन नियम का पालन कर आप भी षटतिला एकादशी पर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
1. तिल मिश्रित जल से स्नान
षटतिला एकादशी पर प्रातः काल नहाने के जल में तिल मिश्रित करें फिर इस जल से स्नान करें और स्नान के बाद पीले कपड़े पहनें. ऐसा करने से बुरा समय खत्म हो जाता है.
2. तिल के उबटन का प्रयोग
इस दिन तिल के उबटन का प्रयोग भी करना चाहिए, तिल शरीर के लिए लाभदायक होता है साथ ही इस दिन तिल के उबटन का प्रयोग करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.
3. तिल की आहुति दें
षटतिला एकादशी पर पांच मुट्ठी तिल लेकर पूर्व की तरफ मुंह करके हवन कुंड प्रज्वलित करें 108 बार भगवान श्री हरी विष्णु के मन्त्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाये नमः का जाप करें और हवन कुंड में तिल की आहुति दें. माना जाता है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
4. तिल का दान करें
षटतिला एकादशी पर तिल का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है. पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति तिल का दान करता है उसे मृत्यु के बाद नरक नहीं जाना पड़ता.
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5. तिल का ज्यादा उपयोग करें
ऐसा माना जाता है कि इस दिन तिल का जितना ज्यादा उपयोग किया जाए उतना अच्छा होता है, और इस दिन भोजन में भी तिल का उपयोग करना चाहिए. साथ ही तिल का बना भोजन भगवान श्री हरी को भोग स्वरूप लगाना चाहिए.