Monday, December 8, 2025
Homeधर्मऋतु परिवर्तन का समय: 21 दिसंबर तक सर्दी का मौसम, यह है...

ऋतु परिवर्तन का समय: 21 दिसंबर तक सर्दी का मौसम, यह है क्षय का आखिरी मौसम

 डिजिटल डेस्क : इस समय पतझड़ का मौसम चल रहा है जो 21 दिसंबर को समाप्त होगा। यह सीजन अगले महीने का आखिरी दिन होगा। सर्दी सर्दियों में शुरू होती है। इसे पुश्तैनी ऋतु भी कहते हैं। इसलिए पुराणों में कहा गया है कि अगन मास में पितरों की विशेष पूजा करनी चाहिए। यह नोटबंदी का आखिरी सीजन है। इसलिए आने वाले महीनों में इस ऋतु से जुड़ी परंपरा बनाई गई है। इसके बाद सर्दी का मौसम शुरू हो जाता है।

 दक्षिण का आखिरी सीजन

सर्दी सर्दी की शुरुआत है। इस समय खाने वाली चीजों से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है। इस मौसम में सूर्य वृश्चिक और धनु राशि में है। मंगल और बृहस्पति की राशियों में सूर्य के आने के साथ ही मौसम में अच्छे बदलाव होने लगते हैं। तो भूख भी बढ़ जाती है। इस ऋतु के अंत में सूर्य अस्त होता है। यानी यह उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ना जारी रखता है।

 धार्मिक महत्व

शरद ऋतु को पितृ ऋतु भी कहा जाता है। इस समय सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर पूजा करने से पितरों की प्रसन्नता होती है। इस मौसम में सूर्य वृश्चिक और धनु राशि में है। सूर्य की इस स्थिति का प्रभाव धर्म और कल्याण के बारे में सोचना है। साथ ही इस मौसम में मन भी शांत रहता है। ठंडे वातावरण में भी मन प्रसन्न रहता है, मन की यह अवस्था ईश्वर की आराधना और आराधना के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसलिए इस मौसम में नदी में स्नान करने और श्रीकृष्ण की पूजा करने के अलावा अन्य पूजा और स्नान करने की प्रथा है।

बिपिन को लेकर फेसबुक पर ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करने वाले की गिरफ्तारी

 स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष

शरद ऋतु को उपचार का मौसम कहा गया है। इस मौसम में पाचन क्रिया ठीक होने लगती है। भूख बढ़ती ही जा रही है। इसके साथ ही इस समय खाने वाली हेल्दी चीजें भी शरीर को जल्दी फायदा पहुंचाती हैं। तो इस मौसम में शारीरिक शक्ति बढ़ती रहती है।इस मौसम में शुद्ध हवा और पर्याप्त धूप स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। इसलिए धार्मिक शास्त्रों में सुबह नदी में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। जब आप सुबह उठकर नदी में स्नान करते हैं तो ताजी हवा शरीर को ऊर्जा देती है। ऐसे वातावरण में अनेक शारीरिक रोग समाप्त हो जाते हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments