Saturday, August 2, 2025
Homeधर्मभगवान शिव का यह पावन व्रत हर संकट हर लेता है ,...

भगवान शिव का यह पावन व्रत हर संकट हर लेता है , जानिए क्या खास है ये व्रत ?

एस्ट्रो डेस्क : प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र व्रत है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव तेरहवें दिन शाम को कैलाश पर्वत पर अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं। इस दिन भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह व्रत बहुत ही शुभ होता है और भगवान शिव की कृपा प्रदान करता है। इस माला का प्रभाव सभी प्रकार की त्रुटियों और परेशानियों को दूर करना है।

तेरहवें दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत चंद्र मास के तेरहवें दिन मनाया जाता है, एक शुक्लपक्ष के दौरान और दूसरा कृष्णपक्ष के दौरान। शास्त्रों के अनुसार अन्धकार की रात सूर्यास्त से दो घंटे तक रहती है। यह दिन और रात के मिलन का समय है। ऐसे में समय बहुत अच्छा माना जाता है। प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना पूर्ण करना आवश्यक है। प्रात:काल स्नान करके बेलपत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप दीपक से शिव की पूजा करें। शाम को फिर से स्नान करने के बाद उसी तरह भगवान शिव की पूजा करें। अंधकार काल में घी का दीपक जलाएं। सूर्योदय के समय भगवान शिव की पूजा किए बिना भोजन न करें। पूजा के बाद फल खाए जा सकते हैं, लेकिन नमक से परहेज करना चाहिए। प्रदोष व्रत तेरहवें दिन ही करना चाहिए।

आज के जीवन का मंत्र: जीवन में कुछ ऐसे काम हैं जो समय पर करने चाहिए

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments