कोलकाताः महादेव को देवों का देव कहा जाता है। महाशिवरात्रि उनकी विशेष पूजा और अर्चना का दिन होता है। इस दिन मंदिरों में सुबह से ही महादेव के भक्तों की कतार लग जाती है। महाशिवरात्रि को उत्सव का दिन माना जाता है, क्योंकि ये दिन शिव और मां पार्वती के विवाह का दिन है। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं। ऐसे में उनके भक्त तरह तरह के जतन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। इस बार महाशिवरात् का पर्व 1 मार्च 2022 को है। इस मौके पर अगर आप भी महादेव की विशेष पूजा करने जा रहे हैं, तो कुछ चीजें भूलकर भी अर्पित मत कीजिएगा। ये चीजें महादेव को क्रोध दिलाती हैं।
शंख
महादेव की पूजा में शंख का इस्तेमाल अनजाने में भी मत कीजिएगा। न तो शंख से महादेव का अभिषेक होता है और न ही शंख महादेव की पूजा में बजाया जाता है। मान्यता है कि महादेव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। तब से शंख को उस असुर का प्रतीक माना जाने लगा। चूंकि शंखचूर्ण नारायण का भक्त था, इसलिए नारायण की पूजा में शंख जरूर बजाया जाता है, लेकिन महादेव की पूजा में इसका इस्तेमाल वर्जित है।
केतकी का फूल
केतकी का फूल भी महादेव की पूजा में कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। महादेव ने केतकी के फूल को श्राप दिया था कि उनकी पूजा में केतकी का फूल कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस फूल को चढ़ाने से महादेव नाराज होते हैं। इसके अलावा लाल रंग का फूल भी महादेव को अर्पित नहीं करना चाहिए।
तुलसी
तुलसी पूर्व जन्म में वृंदा थीं। उनके पति का नाम जलंधर था। जलंधर का वध शिव जी ने किया था, तब तुलसी ने स्वयं को महादेव की पूजा में शामिल करने से इनकार कर दिया था। तब से आज तक महादेव की पूजा में तुलसी प्रयोग नहीं की जाती।
नारियल पानी
महादेव पर नारियल चढ़ाया तो जाता है, लेकिन नारियल का पानी कभी नहीं चढ़ता। इसके अलावा महादेव की पूजा में टूटे हुए चावल चढ़ाना भी वर्जित है।
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हल्दी और रोली
हल्दी और रोली का इस्तेमाल भी महादेव की पूजा में नहीं किया जाता। महादेव वैरागी हैं और वे अपने माथे पर राख लगाते हैं। इसके अलावा रोली लाल रंग की होती है। लाल रंग को उत्तेजित करने वाला माना जाता है। महादेव को चूंकि शास्त्रों में विनाशक कहा गया है, इसलिए उनकी पूजा में रोली का प्रयोग वर्जित है।

