मकर संक्रांति पर सूर्य देव (Surya Dev) की आराधना करके अपने सुख और सौभाग्य में वृद्धि करने का अवसर है. आप मकर संक्रांति पर शनि दोष (Shani Dosh) से मुक्ति के उपाय भी कर सकते हैं. मकर संक्रांति से शनि देव का भी संबंध है. इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी दिन शनिवार को मनाया जाएगा, हालांकि सूर्य की मकर संक्रांति 14 जनवरी को प्रारंभ हो जाएगी. सूर्य देव जब मकर संक्रांति पर उत्तरायण होते हैं, तो देवताओं का दिन प्रारंभ होता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने उनके घर जाते हैं. आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति शनि दोष से मुक्ति के लिए अच्छा अवसर कैसे है और मकर संक्रांति से शनि देव का क्या संबंध है.
मकर संक्रांति से शनि देव का संबंध
सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति होती है. मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं. ऐसे में माना जाता है कि सूर्य देव पुत्र शनि देव से उनके घर मिलते हैं और वहां वे लगभग एक माह तक रहते हैं. सूर्य के तेज के सामने शनि देव की चमक फीकी हो जाती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सूर्य देव पहली बार शनि देव के घर आए थे, तब उन्होंने अपने पिता का स्वागत काले तिल से किया था. इससे सूर्य देव प्रसन्न हुए थे. तब उन्होंने आशीष दिया था कि उनका घर धन धान्य से भर जाएगा.
इस वजह से हर साल मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा में काले तिल का प्रयोग किया जाता है. काला तिल शनि देव को अतिप्रिय है. उनकी पूजा में भी काला तिल अर्पित किया जाता है. ऐसे में आप मकर संक्रांति पर शनि देव और सूर्य देव की पूजा काले तिल से करते हैं, तो शनि देव प्रसन्न होंगे, उनकी कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. कुंडली में व्याप्त शनि दोष का प्रभाव भी कम होगा.
शनिवार को मकर संक्रांति
इस बार की मकर संक्रांति शनिवार के दिन है. शनिवार शनि देव को समर्पित है. शनिवार के दिन ही पिता सूर्य देव का पुत्र शनि देव से मिलन है. ऐसे में यह अवसर शनि देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर लेने की है.
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मकर संक्रांति पर शनि दोष मुक्ति का उपाय
मकर संक्रांति को स्नान के बाद जल में काला मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें. उसके बाद शनि देव की पूजा करें. उनको भी पूजा में काला तिल अर्पित करें. पूजा के बाद गरीब, जरूरतमंद लोगों को सरसों का तेल, काला तिल, तिल के लड्डू, गरम वस्त्र आदि दान करें. इससे शनि देव प्रसन्न होंगे.