Monday, December 23, 2024
HomeदेशSupreme Court Ki Whatsapp Ko Phatkaar, Kaha Logon Ki NIjta Ka Rakhe...

Supreme Court Ki Whatsapp Ko Phatkaar, Kaha Logon Ki NIjta Ka Rakhe Dhyan,Padhein Poori Khabar

Supreme Court Ki Whatsapp Ko Phatkaar, Kaha Logon Ki NIjta Ka Rakhe Dhyan,supreme Court On Whatsapp,Supreme Court Whatsapp privacy policy news samachar in hindi

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वॉट्सऐप कंपनी से कहा कि आपकी नई प्राइवेसी को लेकर भारतीय लोगों में निजता को लेकर काफी आशंकाए हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे बोले कि आप भले ही खरबों डॉलर की कंपनी होंगे, लेकिन लोगों के लिए निजता पैसों से अधिक मायने रखता है।आपको बता दें की चीफ जस्टिस ने इस प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वॉट्सऐप, फेसबुक और केंद्र से जवाब मांगा है। Supreme Court Ki Whatsapp Ko

नई पॉलिसी को लेकर भारतीयों में है शंका 

अदालत ने वरिष्ठ वकील श्याम दीवान की उस दलील का भी समर्थन किया, जिस दलील में उन्होंने कहा था कि भारत में डेटा प्रोटेक्शन को लेकर कोई कानून ही नहीं है। चीफ जस्टिस बोबडे,जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने एक सुर में कहा कि मिस्टर दीवान की दलील से हम प्रभावित हैं।

ऐसा कानून प्रभाव में ज़रूर लाना चाहिए। वॉट्सऐप अपनी नई प्राइवेसी के तहत भारतीयों का डेटा शेयर करेगा। इस डेटा शेयरिंग को लेकर भारतीयों में आशंकाएं भी हैं। Supreme Court Ki Whatsapp Ko

यूरोपीय नियमों पर कोर्ट के सवाल और वॉट्सऐप के जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने यूरोप की तुलना में भारत में प्राइवेसी स्टैंडर्ड गिराए जाने के आरोपों पर वॉट्सऐप से इसका जवाब मांगा है। वॉट्सऐप कंपनी पर बोले कि यूरोप में प्राइवेसी को लेकर खास कानून हैं। अगर भारत में भी वैसे ही कानून होंगे हम उनका भी पालन ज़रूर करेंगे। 

आखिर क्या है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी?
Supreme Court Ki Whatsapp Ko

वॉट्सऐप यूजर जो कंटेंट अपलोड, स्टोर, सेंड,सबमिट या रिसीव करते हैं, कंपनी उसका इस्तेमाल कहीं पर भी कर सकती है। कंपनी उस डेटा को जहां चाहे वहां शेयर भी कर सकती है। यह पॉलिसी दिनांक 8 फरवरी 2021 से लागू होनी थी, लेकिन विवाद बढ़ने के कारण डेडलाइन को बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया है। पहले यह दावा किया गया था कि अगर यूजर इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो वह अपने अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। मगर , बाद में कंपनी ने इसे ऑप्शनल बताया था।

सरकार का सोशल मीडिया पर सख्त रुख

अभी हाल में ही सरकार ने सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन के बारे में फेक न्यूज, आपत्तिजनक और हिंसा भड़काने वाले कंटेंट को लेकर अपनी नाराज़गी जताई थी। राज्यसभा में IT मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद बोले, ‘हम सोशल मीडिया का सम्मान करते हैं। Supreme Court Ki Whatsapp Ko

सोशल मीडिया ने आम लोगों को ताकत दी है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में भी सोशल मीडिया की भूमिका बहुत ख़ास है, लेकिन अगर इससे फेक न्यूज और हिंसा को बढ़ावा मिलता है तो हम कार्रवाई अवश्य करेंगे। फिर वो ट्विटर हो या फिर कोई और प्लेटफार्म।’ 

येह भी पढ़ें

Maata-Pita Ka Dhyan Na Rakhne Par 30 Partishat Salary Kaati,Padhein Poori Khabar

Mahua Moitra Boli Mujhe Nahi Chahiye Suraksha ,Jawaan Wapas Bulao , Kya Hai Poori Khabar

Yuvak Ki Gardan Ret Kar Ki Hatya, Gaanv Me Dahshat Ka Mahaul,Padhein Poori Khabar

Ab Insaanon Ki Body Se Charge Honge Gadget,Scientists Ne Kiya Daava,Padhein Poori Khabar

Google

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments