Monday, December 9, 2024
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Sarkar Se Phir Ho Sakti Hai Baat-Kisan Sangathan, Jaaniye Kisne Kya Kaha

Sarkar Se Phir Ho
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गौरतलब है की तीनों कृषि कानूनों के विरोध में बीते 67 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डट कर आंदोलन कर रहे किसानो के आंदोलन में आई तेजी को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

आपको बता दें की ऐसा माना जा रहा है कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत दो फरवरी को हो सकती है। Sarkar Se Phir Ho

हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बारे में अभी किसी प्रकार की कोई पुष्टि नहीं की है। वहीं, किसान नेताओं ने कहा है कि हल भी सम्मानजनक निकलना चाहिए, मगर हम दबाव में किसी चीज पर राजी नहीं होंगे।

(भा०कि०यू०) भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत रविवार को इस बारे में संकेत देते हुए बोले की किसान प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। Sarkar Se Phir Ho

नरेश टिकैत बोले ,एक शांतिपूर्ण हल की ओर पहुंचा जाना चाहिए। हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। किसान बिलकुल नहीं चाहते हैं कि सरकार या संसद उनके आगे झुके। बीच का ही कोई रास्ता खोजा जाना चाहिए. बात ज़रूर होनी चाहिए।

वो बोले , 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा साजिश का हिस्सा थी। तिरंगा हर किसी से ऊपर है। हम किसी को भी इसका अपमान नहीं करने देंगे। इसे बिलकुल भी सहन नहीं किया जाएगा। इसी बीच, गाजीपुर बॉर्डर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा , पंजाब और राजस्थान से बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। 

प्रदर्शन कर रहे एक किसानो में से एक किसान श्याम बोले , सरकार नए कृषि कानूनों पर किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं ले रही है। उसे इन कानूनों को वापस लेना ही चाहिए. यह सरकार और किसानों दोनों के लिए अच्छा होगा। Sarkar Se Phir Ho

एक और किसान रामबीर सिंह बोले , हम सरकार के प्रस्ताव को बिलकुल स्वीकार नहीं करेंगे। आंदोलन जारी रखेंगे। दरअसल, आपको बता दें की नरेश टिकैत का बयान उस वक्त आया है, जब ठीक एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले थे कि सरकार हमेशा ही बातचीत के लिए तैयार है और 22 जनवरी को दिए गए प्रस्ताव पर अब भी कायम है। इस प्रस्ताव में कानूनों कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक लंबित किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर साझा समिति बनाए जाने की बात कही गई थी।

किसान नेता राकेश टिकैत की शर्त है की जब तक हमारे लोग रिहा नहीं, तब तक वार्ता नहीं Sarkar Se Phir Ho

वहीं, (भा०की०यू०) प्रवक्ता और नरेश टिकैत के भाई राकेश टिकैत बोले , जब तक हमारे लोगों को जेल से रिहा नहीं किया जाएगा, तब तक किसी से कोई बातचीत नहीं होगी।

वो बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी मान रहेगा। एक सम्मानपूर्ण समाधान ज़रूर निकलना चाहिए।

साथ ही यह भी बोले की हम कभी भी दबाव में किसी चीज पर राजी नहीं होंगे। विपक्ष यहां पर वोट तलाशने के लिए नहीं आया। विपक्ष यहां हमदर्दी जताने के लिए आता है। हम किसी प्रकार का कोई चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा, जिसने तिरंगे का अपमान किया है उसको ज़रूर पकड़ा जाए।

किसी पार्टी विशेष को वोट देने के लिए नहीं कह सकते

किसान किसी भी पार्टी को भी वोट देने के लिए आजाद हैं। हम किसानो को किसी खास पार्टी को वोट देने के लिए नहीं कह सकते। अगर कोई पार्टी किसानों को पीड़ा दे रही है या तकलीफ पंहुचा रही है तो फिर किसान उसे सत्ता में क्यों लाएंगे।-नरेश टिकैत, भाकियू अध्यक्ष Sarkar Se Phir Ho

किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण हल की उम्मीद: प्रकाश जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर रविवार के दिन बोले , सरकार को किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद है। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जो घोषणा की, वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। पीएम ने कहा था कि तीनों कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए लंबित किए जाने के प्रस्ताव पर सरकार अब भी कायम है।

राज्यपाल ने दी चेतावनी किसी भी आंदोलन हल दमन नहीं हो सकता
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आपको बता दें की मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक केंद्र सरकार को चेतावनी देते बोले, दुनिया में किसी भी आंदोलन को दमन से हल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल निकालने की अपील की है। Sarkar Se Phir Ho

वो बोले , मुद्दे का शीघ्र ही हल निकालना राष्ट्र के हित में है। मैं सरकार से किसानों की चिंताओं को सुनने की अपील करता हूं। दोनों ही पक्षों को जिम्मेदारी से बातचीत में शामिल होना चाहिए।

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