थंडरस्टॉर्म आता है तो बिजलियां कड़कती हैं | बारिश में भी अक्सर बिजली कड़कते देखी जाती हैं | आपने इन्हें सफेद या पीला या फिर कभी-कभी हल्के नीले रंग में देखा होगा | लेकिन कभी लाल रंग की कड़कती बिजली देखी है क्या? हाल ही में आसमान में लाल रंग की बिजली कड़कते वैज्ञानिकों ने देखा | ये बिजली वायुमंडल के ऊपर कड़क रही थी |
लाल रंग की कड़कती बिजली को स्प्राइट कहा जाता है | यह बेहद संवेदनशील और तीव्र थंडरस्टॉर्म की वजह से होता है|जहां सामान्य आकाशीय बिजली बादलों से धरती की तरफ गिरती है | स्प्राइट अंतरिक्ष की ओर भागते हैं | ये वायुमंडल के ऊपरी हिस्से तक चले जाते हैं | इनकी ताकत और तीव्रता बहुत ज्यादा होती है लेकिन ये बेहद दुर्लभ होते हैं | कड़कती बिजली यानी स्प्राइट कुछ मिलिसेकेंड्स के लिए ही दिखते हैं इसलिए इन्हें देखना और इनकी स्टडी करना बेहद मुश्किल होता है |
क्या होती है लाइटनिंग स्प्राइट्स?
इसके व्यवहार की वजह से इसका नाम स्प्राइट रखा गया है | यह स्ट्रैटोस्फेयर से निकलने वाले ऊर्जा कण हैं जो तीव्र थंडरस्टॉर्म की वजह से पैदा होने वाले विद्युत प्रवाह से बनते हैं | यहां पर अधिक प्रवाह जब बादलों के ऊपर आयनोस्फेयर में जाता है , तब ऐसी रोशनी देखने को मिलती है यानी जमीन से करीब 80 किलोमीटर ऊपर | आमतौर पर ये जेलीफिश या गाजर के आकार में दिखाई देती हैं इनकी औसत लंबाई-चौड़ाई 48 किलोमीटर तक रहती है कम या ज्यादा वो तीव्रता पर निर्भर करता है |
धरती से इन्हें देखना आसान नहीं होता | ये आपको ऊंचाई पर उड़ रहे प्लेन , अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से स्पष्ट दिख सकते हैं | आमतौर पर स्पेस स्टेशन पर रह रहे अंतरिक्षयात्रियों को ये नजारा अक्सर दिख जाता है | स्प्राइट्स सिर्फ थंडरस्टॉर्म से ही नहीं पैदा होते | ये ट्रांजिएंट ल्यूमिनस इवेंट्स की वजह से भी बनते हैं | जिन्हें ब्लू जेट्स कहते हैं ये अंतरिक्ष से नीचे की तरफ आती नीले रंग की रोशनी होती है , जिसके ऊपर तश्तरी जैसी आकृति बनती है |
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