मोदी सरकार के लिए लगातार दूसरी राहत, इसी आंकड़े से अमेरिका परेशान!

मोदी सरकार के लिए लगातार दूसरी राहत
मोदी सरकार के लिए लगातार दूसरी राहत

महंगाई के मोर्चे पर सरकार को इस सप्ताह लगातार दूसरी राहत मिली है | खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई में भी नरमी देखने को मिली है | इससे अगले महीने मौद्रिक नीति समिति की अहम बैठक से पहले रिजर्व बैंक को भी राहत मिलेगी | सरकारी आंकड़ों के अनुसार , जून महीने में थोक महंगाई की दर 15-18 फीसदी रही | यह मई के 15.88 फीसदी की तुलना में कम है | साल भर पहले की तुलना में देखें तो महंगाई अभी भी ठीक-ठाक ऊपर है | जून 2021 में थोक महंगाई की दर 12.07 फीसदी रही थी |

कम होने के बाद भी महंगाई चिंताजनक

यह लगातार तीसरा ऐसा महीना है , जब थोक महंगाई की दर 15 फीसदी के पार रही है | डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के ताजा आंकड़ों के अनुसार , अप्रैल 2022 में थोक महंगाई की दर बढ़कर 15.08 फीसदी पर पहुंच गई थी |  इसके बाद मई में थोक महंगाई ने नया रिकॉर्ड बना दिया था | हालांकि जून में आंकड़ों में कुछ नरमी आने से राहत के संकेत दिख रहे हैं | साल 1998 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है , जब थोक महंगाई की दर 15 फीसदी के पार निकली है | इससे पहले साल 1998 के दिसंबर महीने में थोक महंगाई 15 फीसदी से ऊपर रही थी | 

इस कारण ज्यादा है थोक महंगाई- सरकार

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री का कहना है कि इस साल जून महीने में महंगाई की ऊंची दर के लिए मुख्य तौर पर खनिज तेलों , खाने-पीने के सामानों , क्रूड ऑयल , नेचुरल गैस , केमिकल्स , केमिकल प्रोडक्ट आदि की अधिक कीमतें जिम्मेदार है | मंत्रालय ने कहा , थोक कीमतों के सूचकांक में एक महीने पहले यानी मई 2022 की तुलना में जून 2022 में कोई बदलाव नहीं आया है | पिछले साल के जून महीने की तुलना में कई चीजों के दाम अधिक रहने के चलते थोक महंगाई जून 2022 में 15 फीसदी के पार रही है |

इतनी कम हुई खुदरा

भारत की खुदरा महंगाई दर में भी गिरावट आने लगी है | जून महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही , जो मई महीने से 0.3 फीसदी कम है | मई में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही थी |हालांकि खुदरा महंगाई लगातार छठे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य की सीमा से ऊपर है |अप्रैल के महीने में खुदरा मंहगाई दर 7.79 फीसदी रही थी | रिजर्व बैंक खुदरा महंगाई की दर के हिसाब से नीतिगत दरों पर फैसला लेता है | दूसरी ओर , दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका की बात करें तो वहां जून महीने में महंगाई की दर बढ़कर 9.1 फीसदी पर पहुंच गई , जो पिछले 41 सालों में सबसे ज्यादा है | इसके कारण मंदी की आशंका और गंभीर हो गई है |

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