अटैकर्स के पास हो सकती है अहम जानकारी
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान साइबर फोर्स का दावा इस बात का प्रतीक है कि लॉगिन क्रेडेंशियल सहित रक्षा कर्मियों से संबंधित व्यक्तिगत जानकारी भी साइबर अटैकर्स के पास हो सकती है। यह भी बताया गया है कि साइबर अटैकर्स ने रक्षा मंत्रालय के तहत एक पीएसयू कंपनी आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की आधिकारिक वेबसाइट को भी खराब करने का प्रयास किया। वेबसाइट को पाकिस्तान के झंडे और अल खालिद टैंक का उपयोग करके खराब किया गया है।
आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट ऑफलाइन
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि समूह ने रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। सूत्रों ने बताया कि हैकिंग के प्रयास से होने वाले किसी भी संभावित नुकसान का आकलन करने के लिए आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को पूरी तरह से ऑडिट के लिए ऑफलाइन कर दिया गया है।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ किसी भी अतिरिक्त हमले का पता लगाने के लिए साइबर स्पेस की एक्टिव होकर निगरानी कर रहे हैं, खासकर उन हमलों को जो पाकिस्तान से जुड़े खतरे पैदा करने वाले लोगों द्वारा प्रायोजित हो सकते हैं। आगे घुसपैठ की कोशिशों से बचने के लिए सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के उचित उपाय किए जा रहे हैं।
पाकिस्तान साइबर फोर्स हैंडल को रोका
वही पाकिस्तान साइबर फोर्स हैंडल, जिसे अब रोक दिया गया है। उसने आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के एक वेबपेज की तस्वीरें पोस्ट की थीं। जहां एक भारतीय टैंक की तस्वीर को पाकिस्तानी टैंक से बदल दिया गया था। हैंडल ने ये भी दावा किया है कि उसके पास मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की वेबसाइट पर 1,600 उपयोगकर्ताओं के 10 जीबी से अधिक डेटा तक की पहुंच थी।
READ MORE : आपको फतेहपुर सीकरी और ताजमहल क्यों नहीं चाहिए – सुप्रीम कोर्ट