Niranjani Akhade Ne Kumbh Se Hatne Ki Ghoshna Ki , niranjani akhada kumbh mele news samachar hindi , niranjani akhada in kumbh mela , kumbh mela se hate niranjani
Niranjani Akhade Ne Kumbh Se Hatne Ki Ghoshna Ki
पूरे देश में कोरोना संक्रमण की लहर दिन पर दिन बेकाबू होती जा रही है जिस भी चीज उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ भेज चल रहा है जिस दौरान वहां हजारों लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ता नजर आ रहा है क्योंकि इतनी भीड़ में किसी भी तरह से करो ना दिशा निर्देशों का पालन नहीं हो सकता है। Niranjani Akhade Ne Kumbh
जिस वजह से ही कोरोना के मद्देनजर निरंजनी अखाड़े ने हरिद्वार महाकुंभ से हटने की घोषणा कर दी है जिसके बाद माना जा रहा है कि कई अन्य अखाड़े भी अब ऐसा कर सकते हैं।
देश का सबसे बड़ा और प्रमुख अखाड़ा है निरंजनी अखाड़ा
Niranjani Akhade Ne Kumbh
हालांकि निरंजनी अखाड़ा हमेशा से ही एक परिपाटी स्थापित करता आया हुआ है और साथ ही इस अखाड़े को सबसे ज्यादा पढ़े लिखे साधुओं का अखाड़ा भी माना जाता है जिस वजह से ही निरंजनी अखाड़ा के साधनों का कुंभ से हटने का फैसला अत्यंत सराहनीय है।
आपको बता दें कि अगर हम साधुओं की संख्या की बात करें तो निरंजनी अखाड़ा देश का सबसे बड़ा और प्रमुख अखाड़ा है जूना अखाड़े के बाद निरंजनी अखाड़े को सबसे ज्यादा ताकतवर माना जाता है जो कि देश के 13 प्रमुख अखाड़ों में से एक है।
और साथ ही अखाड़े की खास बात और विशेषता यह है कि इसमें सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे साधु शामिल है जिनमें से कई डॉक्टर, प्रोफेसर और प्रोफेशनल व्यक्ति भी हैं। Niranjani Akhade Ne Kumbh
हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ के दौरान लगभग 70 के आसपास वरिष्ठ साधु कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और साली दिन पर दिन इस संख्या में इजाफा हो रहा है जिसके चलते हीर निरंजनी अखाड़े ने समझदारी दिखाते हुए यह फैसला लिया है कि वह महाकुंभ से हट जाएंगे।
हजारों साल पुराना है पढ़े-लिखे साधुओं का निरंजनी अखाड़ा
कहा जाता है कि निरंजनी अखाड़े के करीब 70 फ़ीसदी साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है जिनमें कुछ डॉक्टर वकील प्रोफेसर संस्कृत के विद्वान और आचार्य भी शामिल हैं। जिस वजह से ही निरंजनी अखाड़े को सबसे ज्यादा पढ़े लिखे साधुओं का अखाड़ा माना जाता है। Niranjani Akhade Ne Kumbh
वही इस अखाड़े की स्थापना सन 904 में विक्रम संवत 960 के कार्तिक कृष्ण पक्ष के दिन गुजरात के मांडवी नाम की जगह पर हुई थी। वहीं इस अखाड़े के देश के विभिन्न स्थानों जैसे उज्जैन हरिद्वार त्र्यंबकेश्वर और उदयपुर में आश्रम भी स्थित है।
इस अखाड़े के एक संत स्वामी आनंद गिरी नेट क्वालिफाइड है और साथ ही वह आईआईटी खड़कपुर, आईआईएम शिलांग में लेक्चरर भी रह चुके हैं और साथियों को बनारस से पीएचडी कर रहे हैं।
कई बार विवादों में भी घर चुका है निरंजनी अखाड़ा
Niranjani Akhade Ne Kumbh
वैसे तो निरंजनी अखाड़े को सबसे ज्यादा पढ़े लिखे साधुओं का अखाड़ा माना जाता है और कई हालातों में निरंजनी अखाड़े ने अपनी समझदारी का परिचय भी दिया है बावजूद इसके भी या अखाड़ा कई बार विवादों में भी भूल चुका है जिसमें कुछ सालों पहले डिस्को थे और बाढ़ संचालक रियल एस्टेट कारोबारी सचिन दत्ता को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर सच्चिदानंद गिरी बनाया गया था जिसके बाद से या खड़ा विवादों में घिर गया था।
वर्तमान समय में इस अखाड़े में लगभग 10,000 से अधिक नागा सन्यासी हैं तो वहीं महामंडलेश्वर ओं की संख्या 35 है इसी के साथ निरंजनी अखाड़े में 1000 से अधिक महंत और श्री महंत भी शामिल हैं।
निरंजनी अखाड़े ने महाकुंभ की शुरुआत में भव्य तरीके से अपने पेशवाई की थी जिसमें शोभा यात्रा के दौरान कई रथ हाथी और ऊंट शामिल हुए थे इसी के साथ आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर करीब 50 रनों पर चांदी के सिंहासन पर विराजमान थे और इसी के साथ शोभायात्रा के दौरान साधुओं ने बड़ी संख्या में भगवान शिव का तांडव भी किया था।
लेकिन अब लगातार बेकाबू हो रहे हालातों को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने महाकुंभ से हटने का ऐलान किया है ताकि संक्रमण पर काबू पाया जा सके। Niranjani Akhade Ne Kumbh
Written By : Shruti Dixit
यह भी पढ़ें
UP Board 10th 12th Ki Pariksha Radd , Bdhte Sankraman Ko Dekhte Hue Liya Gaya Faisla
Pehle Covaccine Phir Covishield Ki Di Khurak , Badi Laparwahi, Buzurg Ki Halat Bigdi
Kaal Ban Raha Corona , Desh Me Ek Din Me 2,00,739 Naye Mamle 1,038 Mautein