Friday, July 11, 2025
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नेशनल हेराल्ड केस: ईडी ने कहा किराए की रसीदें फर्जी थीं, कोर्ट ने पूछा……..

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड मामले की सुनवाई हुई। यह सुनवाई विशेष सीबीआई/ईडी न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में हुई, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि लोग सालों से फर्जी अग्रिम किराया दे रहे थे। किराए की रसीदें फर्जी थीं। सीनियर कांग्रेस नेताओं के निर्देश पर ही एजेएल (AJL) को विज्ञापन का पैसा दिया गया। ईडी ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी से हुई कोई भी इनकम अपराध की आय है।

फर्जी लेन-देन का जिक्र

ईडी ने कहा कि कुछ दान देने वाले जो पार्टी के जाने-माने बड़े नाम और वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने किराए के रूप में कुछ राशि का भुगतान किया है। इसलिए यदि यह अपराध की आय माना जाएगा। तो उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया जाएगा ? एक आरोपी सुमन दुबे ने सोनिया गांधी को शेयर ट्रांसफर किए। ऑस्कर फर्नांडीज ने राहुल गांधी को शेयर ट्रांसफर किए और राहुल ने इसे वापस ऑस्कर फर्नांडिस को भेज दिया। ये सभी फर्जी लेन-देन हैं। ये केवल कागजों पर मौजूद हैं। ईडी ने कहा कि 2015 तक केवल दो व्यक्ति ही लाभ लेने वालों में हैं, वो राहुल और सोनिया गांधी हैं। लाभकारी व्यक्ति वह होता है, जिसका कंपनी पर नियंत्रण है।

कोर्ट ने ईडी से पूछा, “क्या किराया, विज्ञापन की रकम आदि भी अपराध से प्राप्त संपत्ति यानी प्रोसीड ऑफ क्राइम मानी जा रही हैं। ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने कहा, “हां, जो भी धोखाधड़ी से अर्जित संपत्ति है, वह पीओसी (POC) में आएगी।

पीओसी को लेकर कोर्ट ने पूछा सवाल

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा, “इन तीनों श्रेणियों को स्पष्ट रूप से पीओसी (POC) के रूप में दिखाया नहीं गया है। इन्हें सिर्फ कुछ बिंदुओं के रूप में पेश किया गया है। किराया भी दो कैटगरी में है एक 29 करोड़ और दूसरा 142 करोड़। जहां 142 करोड़ को पीओसी (POC) कहा गया है। वहीं 29 करोड़ को ऐसा नहीं कहा गया है।

उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया – राउज एवेन्यू कोर्ट

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा हम ये इसलिए पूछ रहे हैं। क्योंकि कुछ दानदाता जिनके बारे में आप कह रहे हैं कि उन्होंने नकली दान दिया। वे भी उसी पार्टी के सदस्य हैं और कुछ तो प्रमुख चेहरे भी हैं। लेकिन उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। यदि अग्रिम किराया और दान पीओसी माने जाएं। तो क्या वे व्यक्ति रेस्पोंटेड की कैटगरी में नहीं आएंगे।

कोर्ट के सवाल पर ईडी का जवाब

इस सवाल पर ईडी ने जवाब देते हुए कहा कि हम इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं कोई संपत्ति पीओसी में तब आती है। जब उसे प्राप्त किया जाता है या उससे पहले। कोर्ट ने कहा हमारा उद्देश्य केवल यह समझना है कि ईडी किन चीजों को पीओसी मान रही है और किन्हें नहीं। ईडी ने कहा, “वर्तमान चरण में हम इन चीजों को पीओसी मानते हैं। आगे जांच कर सकते हैं और इसे सप्लिमेंट्री चार्जशीट में शामिल किया जाएगा। ईडी ने कहा कि हम इस मामले में आगे सप्लिमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल करेंगे।

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