डिजिटल डेस्क : केंद्र सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के ‘मास्टरमाइंड’ हाफिज़ सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को आतंकवादी घोषित किया है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि तल्हा के खिलाफ कार्रवाई उसी दिन की गई थी जब पाकिस्तान में आतंकवाद विरोधी अदालत ने प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज़ सईद को 31 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 46 वर्षीय हाफिज तल्हा सईद भारत और अफगानिस्तान में भारतीय हितों को लक्षित करने वाले लश्कर-ए-तैयबा पर परिचालन संचालन, धन उगाहने और हमलों की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार था। उन्हें ले जाने में सक्रिय रूप से शामिल है। इसने आगे कहा कि वह नियमित रूप से पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के विभिन्न ठिकानों का दौरा करता था और भारत, इज़राइल, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से भारतीय हितों के खिलाफ जिहाद छेड़ने का आग्रह करता था।
आतंकी गतिविधियों से जुड़ा है हाफिज तल्हा सईद
अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार को लगता है कि हाफिज तल्हा सईद आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) के तहत आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए। पता चला है कि हाफिज सईद 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। उसे कुछ साल पहले इसी कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था और वर्तमान में उसे आतंकवाद से संबंधित आरोपों में पाकिस्तान में रखा गया है।
भारत बार-बार हाफिज सईद की हिरासत की मांग कर चुका है, लेकिन पाकिस्तान ने उसे प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है। लश्कर-ए-तैयबा 26/11 के हमलों के अलावा भारत में कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार है। अधिकांश हमले जम्मू-कश्मीर में हुए, जहां पिछले कुछ वर्षों में कई नागरिक और सुरक्षा बल मारे गए हैं।
Read More : 9 सेकेंड में गिराई जाएगी 40 मंजिला इमारत नोएडा के ट्विन टावर्स
पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने शुक्रवार को मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को दो अन्य आतंकी वित्तपोषण मामलों में 31 साल जेल की सजा सुनाई। 70 वर्षीय चरमपंथी मौलवी को ऐसे पांच मामलों में पहले ही 36 साल जेल की सजा हो चुकी है। उसे दी गई कुल सजा 7 साल होगी।