समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि उनके पोस्ट कोविड सिस्टम थे। साधना गुप्ता के फेफड़े में इंफेक्शन भी था। जिसकी वजह से हालत नाजुक बनी हुई थी। निधन, शनिवार दोपहर उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही मुलायम सिंह यादव मेदांता अस्पताल पहुंचे हैं। बाकी परिवार के सदस्य भी मेदांता पहुंच रहे हैं।
बता दें कि, साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं। उनके बेटे प्रतीक यादव हैं, जिनकी पत्नी अपर्णा यादव की नेता हैं। मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता इटावा जिले के बिधूना तहसील की रहने वाली थी | 4 जुलाई 1986 को उनकी शादी फर्रुखाबाद निवासी चंद्र प्रकाश गुप्ता से हुई थी | शादी के करीब 1 साल बाद 7 जुलाई 1987 को प्रतीक यादव का जन्म हुआ था | शादी के 2 साल बाद साधना गुप्ता और चंद्र प्रकाश अलग हो गए | इसके बाद साधना गुप्ता तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आ गईं | उस वक्त वह पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर कार्य कर रही थीं | इसके बाद साधना और मुलायम में नजदीकियां बढ़ने लगी और पार्टी के कार्यक्रमों में अक्सर वह मुलायम के साथ दिखाई देती थीं |
मुलायम सिंह का कुछ ऐसे हुआ संबंध
मीडिया में साधना और मुलायम के आपसी संबंधों को लेकर खूब चर्चा होने लगी थी | वर्ष 2003 में मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद मुलायम यादव ने उन्हें पत्नी का दर्जा दिया | मुलायम की मां मूर्ति देवी अक्सर बीमार रहती थी | साधना गुप्ता लखनऊ के नर्सिंग होम में और फिर सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उनकी खूब देखभाल करती थी| इससे मुलायम और साधना गुप्ता और भी करीब आ गए थे | जिसके बाद 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया| साधना के पहले पति के भाई प्रमोद गुप्ता सपा से विधायक भी रह चुके हैं|
साधना गुप्ता के बेटे हैं प्रतीक यादव
साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव मां के साथ ही मुलायम सिंह यादव के साथ रहते हैं| प्रतीक यादव को बॉडी बिल्डिंग का शौक है और वह अपना जिम चलाते हैं, वह बिल्डर भी हैं| मां साधना गुप्ता बेटे को यूपी की राजनीति में लाना चाहती थी लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो सकी| वह बार-बार मुलायम सिंह पर प्रतीक यादव को राजनीति में आगे करने के लिए कहती थीं लेकिन पिता मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश यादव को आगे किया और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठाया|