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टूलकिट केस
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इन् दिनों टूलकिट केस के नाम पर सियासी जंग छिड़ी हुई है। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को भी इस टूलकिट केस से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में हमारे लिए इस केस से जुडी कुछ मुख्य बातों पर ध्यान देना और उनके बारे जानकारी होना आवश्यक हो जाता है। toolkit mamla toolkit kya hai
इसलिए आज हम आपके साथ टूलकिट केस से जुडी कुछ मुख्य और अहम् जानकारियां साझा करेंगे।
सबसे पहले हमारे लिए यह जानना जरुरी है की, toolkit kya hai
‘टूलकिट क्या है ?’ toolkit kya hai
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टूलकिट एक ऐसा डिजिटल माध्यम है जिसमें हम अपने कार्यक्रम, आंदोलन से जुडी किसी भी तरह की योजना का एक ऑनलाइन ब्यौरा तैयार करते हैं। जिसमें हम भविष्य में होने वाले अपने कार्यक्रम से जुड़े हर एक पह्लू की पहले से योजना पहले से ही बना लेते हैं। Kya Hai Toolkit Ka toolkit mamla tool kit mamla
जैसे की हमें अपने आंदोलन को किस तरह करना है , उसमें कितने लोग शामिल होंगे , किस दिन हमें आंदोलन का ऑनलाइन कैंपेन करना है, किस दिन धरना प्रदर्शन करना है, साथ ही हमें ऑनलाइन मध्यम में कौनसे हैसटैग इस्तेमाल करने हैं ये भी हम टूलकिट में पहले से ही लिख कर रखते हैं। Kya Hai Toolkit Ka tool kit mamla
यह एक ऐसा माध्यम है जिसे हम ऑनलाइन ही एडिट कर सकते हैं और उसमें किसी भी तरह का बदलाव कर सकते हैं। टूलकिट का इस्तेमाल सिर्फ आंदोलनों में ही नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियां और शिक्षण संस्थान भी करते हैं।
हाल ही में टूलकिट केस के सन्दर्भ में 21 वर्षीय दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने 5 दिन की रिमांड पर लिया है। ऐसे में हमारा यह जानना जरुरी है कि …. tool kit maamla
दिशा रवि आखिर हैं कौन ?
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दिशा रवि बंगलुरु की रहने वाली 21 वर्षीय एक क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं। दिशा माउंट कार्मेल कॉलेज बेंगलुरु से बीबीए कर चुकी हैं और
गुड वेगन मिल्क नाम की संस्था में काम करती हैं ये संस्था प्लांट बेस्ड फूड को सस्ता औ सुलभ बनाने का काम करती हैं इसी के साथ ये संस्था जानवरों पर आधारित कृषि को खत्म कर उन्हें भी जीने का अधिकार दिलाना चाहती है।
दिशा रवि ने भारत में साल 2019 में ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ नामक संस्था का गठन किया, जिससे वो जलवायु परिवर्तन को लेकर काम करती हैं। उनकी संस्था से 100 – 150 एक्टिव कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं।
दिशा ने किसान आंदोलन को भी अपना समर्थन दिया है। toolkit mamla
दिशा को क्लाइमेट एक्टिविस्ट बनने की प्रेरणा उनके दादा दादी से मिली, जो की किसान थे और जलवायु परिवर्तन की समस्या से जूझ रहे थे। Kya Hai Toolkit Ka
आखिर दिशा रवि को टूलकिट केस में गिरफ्तार क्यों किया गया ?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि पर खालिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने और सरकार के खिलाफ साजिश रचने का एक गंभीर आरोप है। जिसकी वजह से दिशा को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। दिशा को बंगलुरु से ही गिरफ्तार किया गया था साथ ही दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिशा ने टूलकिट को एडिट किया है जिसमें उनके साथ और भी लोग शामिल हैं। toolkit mamla
दिशा के साथ साथ शांतनु और निकिता का नाम भी सामने आया है पर अभी तक इन् दो लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दिशा ने अपने बयान में यह बात मानी कि उन्होंने टूलकिट कि दो लाइन एडिट कि थी वो भी इसलिए क्योंकि वो किसान आंदोलन से प्रभावित थीं और उनका पूरा समर्थन किसानों को है। Kya Hai Toolkit Ka
दिल्ली पुलिस के अनुसार दिशा ने एक व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया था जिसके जरिये ही उन्होंने टूलकिट को एडिट किया था। हांलांकि पुलिस को बरामद हुए दिशा के मोबाइल से कोई भी डाटा नहीं मिला क्योंकि उन्होंने पहले ही सारा डाटा डिलीट कर दिया था ,पर अभी उनके फ़ोन का डाटा रिकवर किया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि दिशा तो बस एक छोटी सी कड़ी है अभी इसमें और भी लोग शामिल होंगे। toolkit mamla
यह टूलकिट जिसे माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के लिए तैयार किया गया था और सारी रणनीतियां पहले से तय थीं, उसे गलती से स्विट्जरलैंड कि क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबेर्ग ने 3 फरवरी को अपने ट्विटर आकउंट पर शेयर कर दिया था जिसके बाद ही ये सारा मामला सामने आया।
हांलांकि ग्रेटा ने कुछ समय बाद ही उसे डिलीट कर दिया था पर तब तक वह टूलकिट दिल्ली पुलिस कि नजर में आ चुकी थीं और दिल्ली पुलिस ने तुरंत ही FIR दर्ज करा दी थीं। Kya Hai Toolkit Ka
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इसमें 800 से ज्यादा ऐसे ट्विटर हैंडल हैं जिनसे किसान आंदोलन के नाम पर सिर्फ सरकार के खिलाफ ट्वीट किये जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस टूलकिट को बनाने में खालिस्तानी समर्थक संगठन POETIC JUSTICE FOUNDATION की भी अहम भूमिका हैं। toolkit kya hai
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सवाल उठाये हैं साथ ही बीजेपी की आईटी सेल पर भी निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी दिशा रवि को अपना समर्थन दिया है।
किस डर से दिशा ने डिलीट करवाया था ट्वीट
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दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा के अनुरोध करने के बाद कथित रूप से ट्वीट को डिलीट भी कर दिया था। बाद में टूलकिट का एक संपादित संस्करण साझा किया। इस बीच पुलिस ने यह भी दावा किया कि टूलकिट का संपादन 22 वर्षीय दिशा ने ही किया था। Kya Hai Toolkit Ka
दिशा ने बोलै हमारे खिलाफ कार्रवाई हो सकती है
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिशा ने व्हाट्सएप पर थनबर्ग को लिखा, “ठीक है क्या ऐसा हो सकता है कि तुम टूलकिट को पूरी तरह ट्वीट न करें। क्या हम थोड़ी समय के लिए रुक सकते हैं। मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे दुख है, लेकिन उस पर हमारे नाम हैं और हमारे खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई भी हो सकती है।”
दिल्ली पुलिस का दावा है कि दिशा ने कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज होने के डर से यह अनुरोध किया था। toolkit kya hai
कैसे हुआ खुलासा?
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि थनबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप चैट की जांच के दौरान ही यह खुलासा हुआ है। चैट से पता चला कि दिशा ने ट्वीट डिलीट करने के लिए ग्रेटा थनबर्ग से कहा था क्योंकि “टूलकिट” के दस्तावेज में उसका भी नाम था। Kya Hai Toolkit Ka
दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान टूलकिट दस्तावेज से संबंधित प्रश्नों का जवाब देते हुए पुलिस उपायुक्त (Cyber Cell) अन्येष रॉय बोले , ”यह एक ‘स्टैटिक’ दस्तावेज नहीं है बल्कि यह एक गतिशील दस्तावेज है, जिसमें बड़ी संख्या में हाइपरलिंक भी हैं, जो विभिन्न गूगल ड्राइव, गूगल डॉक्स और कई वेबसाइटों के लिंक हैं।
जिसमें से एक है- आस्कइंडियाह्वाई डॉट कॉम (askindiawhy) है। इस वेबसाइट में बहुत अधिक खालिस्तानी समर्थक सामग्री है। इसलिए यह दस्तावेज अपने आप में ही एक कार्य योजना है।
क्या है टूलकिट का पूरा मामला
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आपको बता दें कि किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए थनबर्ग ने एक भारत विरोधी दस्तावेज (Toolkit) साझा किया था। इस दस्तावेज में ‘ट्विटर स्टॉर्म’ बनाने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के साथ-साथ भारत की छवि खराब करने संंबंधी कई योजनाएं भी सूचीबद्ध की गई थीं, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए बनाई गई थीं। toolkit mamla kya hai
आइये जानते हैं क्या है यूएपीए (UAPA) कानून?
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यूएपीए के कानून तहत देश और देश के बाहर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए बहुत ही सख्त प्रावधान किए गए हैं। साल 1967 में बने इस कानून में साल 2019 में सरकार ने कुछ संशोधन करके इसे और कड़ा बना दिया था। यह कानून सम्पूर्ण देश में लागू होता है। toolkit mamla kya hai
इस कानून के तहत मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी और किसी भी भारतीय या विदेशी के खिलाफ इस कानून के तहत केस भी चल सकता है। अपराध का स्थान या प्रवृत्ति से कोई भी फर्क नहीं पड़ता। विदेशी धरती पर अपराध किए जाने के मामले में भी इसके तहत मुक़दमे दर्ज हो सकता है। मुख्य तौर पर यह कानून आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए है। Kya Hai Toolkit Ka toolkit mamla kya hai
ममता ने किया दिशा का समर्थन
ममता बनर्जी एक प्रेस कान्फ्रेंस में बोली सरकारी नीतियों का विरोध करने वाले किसी शख्स की गिरफ्तारी करना क्या उचित है. बीजेपी को तो चाहिए कि वह सबसे पहले अपनी आईटी सेल के खिलाफ शिकंजा कसे जो झूठ फैलाने के काम में जुटी हुई है. आखिर ये दोहरा मानदंड क्यों अपनाया जा रहा है. बंगाल की मुख्यमंत्री बोली कि बीजेपी की आईटी सेल के लोग तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता होने का ढोंग कर रहे हैं और लोगों को फोन कर रहे हैं और उनकी पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं. इस पर ममता ने कोलकाता पुलिस से ध्यान देने को कहा है Kya Ha i Toolkit Ka
दिशा ने ग्रेटा को किया सचेत , मगर तब तक देर हो चुकी थी
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दिशा रवि ने व्हाट्सएप संदेश में ग्रेटा से यह भी अनुरोध किया कि कुछ समय के लिए कुछ भी मत करिए, क्योंकि मामला अब जोर पकड़ रहा है और हम पर गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून याानी यूएपीए (UAPA) कानून के तहत कठोर कार्रवाई भी हो सकती है। toolkit mamla kya hai
हालांकि दिशा की यह पहल पूरी तरह से बेकार गई, क्योंकि वह ग्रेटा को रोकती उससे पहले ही टूलकिट मामले को वह सोशल मीडिया में साझा कर चुकी थी। हालांकि गलती समझ में आने पर उसने इसे डिलीट भी कर दिया था, लेकिन तब तक दिल्ली पुलिस तक उसके स्क्रीन शॉट पहुंच गए थे। ग्रेटा ने टूलकिट डिलीट करने के साथ यह भी लिखा था, यह पुराना हो चुका है।
बाद में साझा किया नया और अपडेट टूलकिट
दिशा के सतर्क करने के बाद ग्रेटा ने आनन -फानन में टूलकिट को डिलीट कर दिया था। उसके कुछ समय बाद ग्रेटा ने टूलकिट का संपादित (Edited) वर्जन जारी किया और उसे अपडेटेड टूलकिट बताया। पुलिस का दावा है कि टूलकिट को संपादित करने का काम दिशा ने ही किया।
दिशा कब और क्यों की थी बात
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार ओरिजनल (असल) टूलकिट दस्तावेज उजागर होने के बाद दिशा ने ग्रेटा से बात की थी। ग्रेटा ने रात 9 बज के 23 मिनट पर ट्वीटर पर ओरिजनल टूलकिट शेयर किया था। इसके बाद दिशा ने उससे बात भी की थी। जब दिशा ने उससे बात की थी तो ग्रेटा ने कहा था कि मामला अब तूल पकड़ रहा है। उसने डर जताया कि उसे कई खतरों का सामना करना पड़ सकता है। Kya Hai Toolkit Ka
व्हाट्सएप्प पर क्या बात हुई दिशा और ग्रेटा की
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ग्रेटा रात 9:25 बजे : यह तैयार होना अब सच में अच्छा रहेगा। मुझे इसके कारण कई खतरों का सामना करना पड़ेगा। यह सच में जोर पकड़ रहा है। tool kit maamla
दिशा :शी.. toolkit kiya hai
दिशा 9:25 बजे : यह तुम्हें भेज रही हूं।
दिशा 9:35 बजे : ओके, तुम टूलकिट को अभी ट्वीट मत करना, क्या हम अभी कुछ समय कुछ न कहें, ऐसा हो सकता है? मैंने वकीलों से चर्चा की है। मैं क्षमा चाहती हूं, लेकिन इसमें हमारे नाम हैं और हम पर यूएपीए के तहत कार्रवाई हो सकती है।
दिशा 9: 39 बजे : तुम राजी हो? tool kit maamla
ग्रेटा 9: 40 बजे : मैं कुछ लिखना चाहती हूं Kya H toolkit mamla kya hai ai Toolkit Ka
दिशा 9:40 बजे : क्या तुम मुझे पांच मिनट दे सकती हो, मैं वकीलों से बात कर रही हूं।
ग्रेटा 9:41 बजे : मैं क्षमा चाहती हूं, हम सब यहां दहशत में हैं, क्योंकि यहां मामला बुरा होता जा रहा है।
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