डिजिटल डेस्क : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। गुरुवार 25 नवंबर, छठी तिथि के बाद सातवीं तिथि 12:40:00 बजे तक। भगवान कार्तिकेय छठे दिन के स्वामी हैं और भगवान सूर्यदेव सातवें दिन के स्वामी हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दीर्घायु प्राप्त होती है।
आज क्या करें और क्या न करें
गुरुवार के दिन दक्षिण की यात्रा नहीं करनी चाहिए, यदि आवश्यक हो तो सरसों या जीरा खाकर घर से बाहर निकलें। इस तिथि को तैलीय चीजें नहीं खानी चाहिए और यह तिथि यात्रा, पितृसत्ता, अच्छे कर्मों आदि के लिए शुभ होती है। नीचे दिन के शुभ समय, दिशा का स्थान, राहुकाल और गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है।
25 नवंबर 2020 दिन – गुरुवार पंचाग
सूर्योदय:- 06:41:00 पूर्वाह्न
सूर्यास्त:- 05:19:00 अपराह्न
विशेष—गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दीर्घायु होती है।
विक्रम संवत – 2078
शॉक संबत – 1943
दर्पण:- दक्षिणायन
रितु :- हेमंत ऋतु
मास:- मार्गशीर्ष मास
साइड:- ब्लैक साइड
दिनांक:- छठी तिथि 12:40:00 बजे तक और फिर सातवीं तिथि तक।
तिथि स्वामी :- कार्तिकेय षष्ठी तिथि के स्वामी हैं और सूर्यदेव सप्तमी तिथि के स्वामी हैं।
सितारे:- पुष्य नक्षत्र 18:49:00 बजे तक और फिर मृगशिरा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामी :- शनिदेव पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं। अश्लेषा नक्षत्र का स्वामी बुध है।
योग :- ब्रह्मा तक 07:50:07 और फिर इन्द्र
गुलिक काल:- हैप्पी गुलिक काल 09:29:00 से 10:48:00 तक।
निर्देश:- गुरुवार के दिन दक्षिण की यात्रा नहीं करनी चाहिए, यदि आवश्यक हो तो सरसों या जीरा खाकर ही घर से निकलें।
राहु काल:- राहु काल 01:27:00 बजे से 02:46:00 बजे तक।
तिथि का महत्व :- इस तिथि को तैलीय चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और यह तिथि यात्रा, पितृसत्ता, शुभ कार्यों आदि के लिए शुभ होती है।
“हे तिथि स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिवास्वामी, योग स्वामी, पंचांग का पाठ करने वालों पर नजर रखें।”
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