Saturday, May 10, 2025
Homeदेशन्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ...

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री इस समारोह में शामिल हुए। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने 90 वर्षीय पिता और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश उमेश रंगनाथ ललित समेत परिवार के अन्य बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा। वह 65 वर्ष के होने पर इस साल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ अगले प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं। उन्होंने दिल्ली में अपनी अलग शैली से वकालत के क्षेत्र में धाक जमाई। टॉप क्रिमिनल लॉयर के रूप में उनकी पहचान बनी। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को नायाब तर्कों, दलीलों और सौम्य व्यक्तित्व वाले मृदु भाषी व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है।

एक सदी से ज्यादा समय से वकालत कर रहा परिवार

जानना दिलचस्प है कि न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित के परिवार के लोग एक सदी से ज्यादा समय से वकालत के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनके दादा जी का नाम रंगनाथ ललित है जो महाराष्ट्र के सोलापुर में वकालत करते थे। उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित ने सोलापुर से वकालत शुरू की। मुंबई में वकालत में उन्होंने काफी नाम कमाया। मुंबई हाई कोर्ट के वो जज भी रहे।

टीचर हैं सीजेआई उमेश ललित की पत्नी अमिता

यह जरूर है कि न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पत्नी अमिता उदय ललित का पेशेवर जीवन वकालत से अलग है। अमिता एक टीचर हैं जो नोएडा में दशकों से स्कूल चला रही हैं। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और अमिता के दो बेटे हैं। बड़े बेटे श्रेयस और उनकी पत्नी रवीना दोनों ही वकील हैं। छोटा बेटा हर्षद अपनी पत्नी राधिका के साथ अमेरिका में रहता है।

कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित

हाल ही में, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली एक पीठ मामलों की सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत के सामान्य समय से एक घंटे पहले सुबह साढ़े नौ बजे बैठी थी। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने कहा था, ‘मेरे विचार से आदर्श रूप से हमें सुबह नौ बजे बैठना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि अगर हमारे बच्चे सुबह सात बजे स्कूल जा सकते हैं, तो हम नौ बजे क्यों नहीं आ सकते। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अगुवाई वाली पीठ ने 22 अगस्त को आम्रपाली घर विक्रेताओं के मामले की सुनवाई के लिए तीन सितंबर (शनिवार) को सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर एक बजे का समय निर्धारित किया, जबकि इस दिन शीर्ष अदालत में छुट्टी होती है।

read more :हसी आती है जब चपरासी कांग्रेस पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं- सांसद मनीष तिवारी

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments