डिजिटल डेस्क : हाथ में चंद्र पर्वत को मन का कारक माना गया है। चंद्रमा को एकाग्रता और व्यसन का कारण भी माना जाता है। चंद्र पर्वत को हाथ से उठाया जाता है, लेकिन यदि पर्वत को हाथ से बहुत ऊंचे स्थान पर उठाया जाए तो यह शुभ नहीं माना जाता है। सामान्य परिस्थितियों में चंद्र पर्वत को शुभ माना जाता है, जबकि अर्धचंद्र पर्वत को अशुभ माना जाता है। जब चंद्रमा उच्च होता है, तो मन शांत होता है। ऐसा व्यक्ति वैचारिक स्तर पर अत्यंत धनी होता है। वह एक दार्शनिक हैं। जिनका चंद्रमा बहुत अच्छा होता है, वे आयोजन के लिए पूर्वाभ्यास करते हैं। हैप्पी मून के जातक चौकस होते हैं। एक खुश चंद्रमा मां के साथ अच्छे संबंधों का प्रतीक है। ऐसे लोगों को नशा नहीं आता।
यदि चन्द्रमा बहुत ऊँचे स्थान पर हो तो ऐसे जातक के मन में बहुत सारे विचार आते हैं। कल्पना की अत्यधिक वृद्धि पागलपन की ओर ले जाती है। ऐसे लोग एकाग्र नहीं हो पाते और वे तरह-तरह के नशीले पदार्थों के आदी हो जाते हैं।
योगी बोले- मथुरा, वृंदावन है हमारा तीर्थ, यहां से जो आवाज निकलेगी वो दूर तक जाएगी
यदि चन्द्र पर्वत को बहुत दबाया जाए तो मन बहुत विकृत हो जाता है। ऐसे लोगों की कोई कल्पना नहीं होती। ऐसे लोगों को कोई चिंता नहीं है। कोई एकाग्रता नहीं है। यदि चंद्रमा का पर्वत मंगल पर्वत की ओर चला जाए तो व्यक्ति चिड़चिड़े हो जाता है। यदि चंद्र पर्वत शुक्र पर्वत की ओर बढ़ता है तो वह बहुत बेचैन हो जाता है। ऐसे लोगों में वासना की प्रवृत्ति अधिक होती है। यदि चंद्र पर्वत हाथ की हथेली के पिछले हिस्से से आगे तक फैला हो तो ऐसे लोग अपने दिमाग पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। जब चंद्रमा अच्छी स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को जल संबंधी गतिविधियों से लाभ होता है। ऐसे लोग समुद्र से यात्रा करते हैं। शुभ चंद्रमा सुंदरता के प्रति प्रेम को बढ़ाता है। बुध शुभ होने के साथ-साथ अच्छे लेखक को भी अच्छा बनाता है। आध्यात्मिक प्रगति के लिए भी चंद्रमा शुभ होना चाहिए। जिन लोगों के हाथ में चन्द्रमा होता है वे ज्यादातर भगवान शिव के उपासक होते हैं।