कोलकाता : कोलकाता नगर निगम का चुनाव इस बार कोलकाता पुलिस की निगरानी में पूरा किया गया। रविवार को मतदान केंद्रों पर कोलकाता पुलिस के जवान तैनात थे, बावजूद इसके अशांति की झलकियां रुक-रुक कर देखने को मिलती रहीं। खासकर उत्तर कोलकाता के बड़ाबाजार, बेलियाघाटा और वीआईपी माने जाने वाले वार्ड नंबर 45 के डलहौसी इलाके में माहौल ऐसा रहा जहां मतदान तो हुआ लेकिन कोलकाता पुलिस पर उंगली उठी। मतदाताओं में नाराजगी थी, गुस्सा था, डर था कि लोकतंत्र के इतने बड़े उत्सव में आखिर सुरक्षा कहां है, क्यों झमेलों के बीच उन्हें वोट देने जाना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि गहमा-गहमी के इस माहौल में सिर्फ राजनीतिक कार्यकर्ता या समर्थक ही पीटे गये हों, मीडिया से लेकर कुछ पुलिस वाले भी चोटिल हुए।
अचानक गिरने लगे बम
बेलियाघाटा के वार्ड नंबर 36 में सुबह करीब साढ़े 9 बजे दो बम गिरे। कुछ देर के लिए माहौल गरम रहा, बाद में स्थिति सामान्य की गयी। इधर बड़ाबाजार में रह-रह कर अलग-अलग जगहों पर बम गिरने के कारण स्थिति अशांत हो गयी। इन इलाकों में हालांकि पुलिस के आला अधिकारियों की चहल-कदमी लगातार जारी रही, बावजूद इसके मौके का फायदा उठाते हुए अराजक तत्वों ने बम गिराकर मौका दहला ही दिया।
अनहोनी न हो इसलिए रैफ तक तैनात की गयी
मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस द्वारा रैफ तक बुलायी गयी। वार्ड नंबर 45 के श्री जैन विद्यालय में तो सुबह 12 बजे के बाद से मतदान खत्म होने तक नजारा देखने लायक था। यहां बल के रूप में रैफ तो बुलायी ही गयी थी, 4-5 बड़े आईपीएस अधिकारी भी डेरा जमाए थे। यहां भी दो-तीन राउण्ड में गहमा-गहमी का माहौल बना रहा।
मतदान पूरा होते ही बरसने लगीं ईंटें
पोलक स्ट्रीट में अचानक माहौल गरम हो गया जब कांग्रेस और तृणमूल समर्थक आपस में भिड़ गये। देखते ही देखते स्थिति ऐसी बनी कि लोग ईंट निकालकर पथराव करने लगे। पुलिस भी मौके पर पहुंची, कुछ पुलिसवालों पर भी ईंटें गिरीं, मीडिया भी इस स्थिति में फंस गयी। हालांकि इस दौरान किसी को गंभीर चोट नहीं लगी।
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पुलिस के सामने ही फर्जी वोट दिलाने का आरोप
वार्ड नंबर 45 में पुलिस के सामने फर्जी वोट दिलाने का आरोप लगाया गया। श्री जैन विद्यालय में दिए जा रहे मतदान को लेकर कांग्रेस का आरोप रहा कि यहां तृणमूल के लोग फर्जी वोट दिलवाने में मदद कर रहे है। शिकायत बड़े पुलिस अधिकारी से भी की गयी मगर कोई सुनवायी नहीं हुई। पुलिस मौके पर तो थी मगर बूथ के भीतर जाकर स्थिति संभालने का बीड़ा संभवत: पुलिस ने नहीं उठाया।