एस्ट्रो डेस्क: बहुत से लोग हाथों में विभिन्न धातु के कंगन पहनते हैं। कई तांबे, पीतल, चांदी और लोहे के कंगन पहने नजर आते हैं। तांबा सूर्य को मजबूत करता है, पीतल बृहस्पति को मजबूत करता है और चांदी चंद्रमा को मजबूत करती है। हालांकि, इसे किसी ज्योतिषी की सलाह में शामिल किया जाना चाहिए। वहीं विज्ञान और ज्योतिष में तांबे का इस्तेमाल सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। तांबे का ब्रेसलेट पहनने के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:
- तांबे का ब्रेसलेट पहनने से गठिया के दर्द से राहत मिलती है। इसे पहनने से सर्दियों में होने वाली हाथ पैरों की सुन्नता दूर हो जाती है। अगर आपको ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या है तो भी आपको लाभ मिलेगा।
- कॉपर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे रक्त आधान संभव हो जाता है।
- कॉपर त्वचा के लिए अच्छा होता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।
- कॉपर शरीर में अन्य विषाक्त पदार्थों को कम करने में मदद करता है।
- कॉपर हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है।
6. ज्योतिष के अनुसार तांबे से क्रोध पर नियंत्रण होता है और इसके फलस्वरूप विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है।
7. पीतल और तांबे की मिश्र धातु से बने कंगन पहनने से सभी प्रकार की बुरी आत्माओं से छुटकारा मिल सकता है।
8. यदि सूर्य कमजोर हो तो तांबे का कंगन धारण करना चाहिए। नतीजतन, सूर्य मजबूत हो जाता है, मूल्य बढ़ता है, और जीवन में सुधार होता है।
- बाला बजरंगबली का प्रतीक है। इसे धारण करने से बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है।
- इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
तांबे का ब्रेसलेट पहनने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
- तांबे का ब्रेसलेट पहनने से पहले कुंडली की जांच करें और इसे किसी ज्योतिषी की सलाह पर धारण करें।
- ज्योतिष में हाथ को शक्ति का स्थान माना गया है, गले को लगाव का स्थान माना गया है और प्रत्येक धातु को एक ग्रह, एक तारा माना गया है, जो हाथ और गर्दन को प्रभावित करता है।
- विचार हाथों, उंगलियों और गर्दन पर धारण करना चाहिए, नहीं तो यह खतरनाक हो सकता है।
- कंठ को आसक्ति का स्थान कहा जाता है। लॉकेट पहनने से दिल और फेफड़ों पर असर पड़ता है। इसलिए केवल तीन प्रकार के धातु के पेंडेंट ही पहनने चाहिए, ये हैं पीतल, चांदी और तांबे। सोना भी सोच समझकर ही धारण करना चाहिए।
- बिना उचित कब्ज के किसी भी धातु को गले और हाथों में रखने से मस्तिष्क पर असर पड़ता है, साथ ही रक्तचाप में भी बदलाव आता है। इससे चिंता बढ़ सकती है।
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6. कंगन धारण करने के बाद कोई भी नशा या अनैतिक कार्य नहीं करना चाहिए। अन्यथा व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
7. बाला बजरंगबली का प्रतीक है। इसलिए इसे धारण करते समय सभी प्रकार की शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप बाला के बाद कोई अपवित्र कार्य करते हैं, तो आपको उसका कोई लाभ नहीं मिलेगा।
8. दिन, बार, सितारे, पल कंगन पहने हुए देखना चाहिए।