अखिलेश यादव की चुप्पी से परेशान एक और मुस्लिम नेता ने दिया इस्तीफा

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 डिजिटल डेस्क : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बीत जाने के बाद समाजवादी पार्टी में मुस्लिम हितों को लेकर विरोध के सुर फूटते दिखाई दे रहे हैं | समाजवादी पार्टी के मुस्लिम नेताओं के खेमें से भी अंसतोष के सुर उभर रहे हैं | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी के अंदर कई फैसलों के बाद अब मुस्लिम नेताओं का एक खेमा मुस्लिमों को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहा है. वहीं शुक्रवार को सपा नेता कासिम राईन ने भी अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया |

कासिम राईन ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने में कोई रुचि नहीं है. आजम खां का पूरा परिवार जेल में डाल दिया गया पर अखिलेश यादव नहीं बोले. नाहिद हसन को जेल में डाल दिया गया और सहिजल इस्लाम का पेट्रोल पंप गिरा दिया गया लेकिन सपा अध्यक्ष ने इस पर आवाज नहीं उठाई. कासिम राईन ने कहा कि सपा अध्यक्ष के मुसलमानों के प्रति इस तरह के व्यवहार से खिन्न होकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.

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शफीकुर्रहमन बर्क ने क्या कहा

अभी कुछ दिनों पहले ही संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमन बर्क ने तो यहां तक कह दिया कि समाजवादी पार्टी ही मुसलमानों के हितों में काम नहीं कर रही. बाद में बयान आया कि जुबान फिसल गई थी. इसके बाद सपा के कद्दावर नेता आजम खां के करीबी और मीडिया प्रभारी फसाहत खान ने सपा मुखिया को कटघरे में खड़ा कर दिया था. अभी हाल में हुए आम चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने एकतरफा सपा को वोट किया है. इन वोटरों के एकतरफा का अदांजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि दूसरे दलों से उतरे कई कद्दावर मुस्लिम चेहरों को अपनी बिरादरी के वोट तक के लिए तरस गए.